Page 4 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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संपादक की कलम से...






                  सरािर िमसकरार।
                   यू
                  त बस आगे बढ़के ठराि ले तो किमों पर तेरे है कराम्राबी।
                  सवतंत्तरा, संसकलत, सममराि, शक्त सब तझसे ही है।
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                              कृ
                  वो आतमलवशवरासी िरारी त िराररा्णी।।।
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                  भरारत जब अपिी आजरािी करा अमृत महोतसव मिरा रहरा है, तब अंतररराष्ट्ी् मलहलरा लिवस करा महतव और बढ़
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                  जरातरा है। रराष्ट् उि वीररांगिराओं और प्रणरा ििे वरालीं लकत्र की ररािी चेिममरा, मतंलगिी हराजररा, ररािी लक्मीबराई,
                  वीररांगिरा झलकरारी बराई से लेकर सरामरालजक क्ेत् में अहल्राबराई होलकर और सरालवत्ीबराई फुले तक, मलहलरा
                  शक्त्ों करा भी लवशेष समरण कर रहरा है, लजनहोंिे भरारत की पहचराि बिराए रखी। उनहीं की लिखराई रराह पर आगे
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                  बढ़तरा न्यू इंलड्रा उिके सपिों को पररा करिे में जटरा है।
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                                                                                         यु
                    वही रराष्ट्-समराज प्गलत कर सकतरा है, जो मलहलराओं करा सममराि करतरा हो। मलहलराओं की सरक्रा से लेकर
                  सवरावलंबि बिरािे की लिशरा में बीते कुछ वषषों में केंद्र सरकरार िे कई अहम किम उठराए हैं लजससे आधी आबरािी
                  को अपिे हयुिर लिखरािे करा सरलक्त मराहौल लमल रहरा है। िए भरारत की सोच मलहलरा लवकरास तक सीलमत िहीं
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                                                                   यु
                  है, बकलक वह मलहलरा के िेतृतव में लवकरास की ्रात्रा पर लिकल चकरा है।
                    इसकरा पररणराम है लक सेिरा हो ्रा सटराट्टअप, ओलंलपक हो ्रा ररसच्च, न्यू इंलड्रा में आज िेश की बेलट्रां
                  हर क्ेत् में अपिरा परचम फहररा रही है। संसि में मलहलराओं की भरागीिरारी करा बढ़िरा हो ्रा ऐलतहरालसक रूप से
                  ललंगराियुपरात में परुषों के मकराबले मलहलराओं की संख्रा करा बढ़िरा, ्े बिलराव इस बरात करा संकेत है लक ि्रा
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                  भरारत लकतिरा सरामर््चशराली होगरा। ‘बेटी बचराओ, बेटी पढ़राओ’ सलहत मलहलराओं के ललए संवेििशीलतरा के
                  सराथ बिी रराष्ट् की िीलत्ों िे समराज को जरागृत लक्रा है। लोग अब बेलट्ों को आतमलिभ्चरतरा की उड़राि भरते
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                  िेखिरा चराहते हैं। उिकरा भलवष्् सरलक्त करिरा चराहते हैं।
                    केंद्र सरकरार की ्ोजिराएं और िीलत्ों की वजह से लकस तरह मलहलरा शक्त रराष्ट् की समृलधि की वराहक
                  बि रही हैं, अंतररराष्ट्ी् मलहलरा लिवस के लवशेष मौके पर ्ही इस बरार की आवरण कथरा बिी है। भरारत रत्न
                  से सममरालित लतरा मंगेशकर के लिधि पर श्रधिरांजलल और प्धरािमंत्ी मोिी के सराथ लवशेष लगराव को िशरा्चतरा
                                                                                      यू
                  लेख, श्रलमकों करा मराि बढ़रािे में पीएम श्रम्ोगी मरािधि ्ोजिरा, व्क्ततव के रूप में बीज पटिरा्क, अमृत
                  महोतसव की कड़ी में महरािरा्कों की गराथरा, कोलवड अपडेट और संसि से लेकर अन् कई ्ोजिराओं पर
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                  प्धरािमंत्ी के संबोधिों से जड़ी कहरालि्रां इस अंक में समरालहत है।

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                    आप अपिरा सझराव हमें ईमेल response-nis@pib.gov.in  पर ललखते रहें।







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