Page 7 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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समाराि-साि




         राष्ट्रीय एकल हखड़की प्णाली                            पिली बार बांगलादेश के रास्ते

           से जुड़िे िाला जममू-कशमीर                           पटिा से गुिािाटी के पांडु गया

              पिला केंद्र शाहस्त प्देश                                  मालिािक जिाज


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              नुच्द 370 से आजादी लमिी त़ो जममू-कशमीर अब लवकास       लदयों के त्ट पर कई सभयताएं जनमी हैं त़ो मानव सभयता
        अके नए पैमाने पर आगे बढ रहा है। वंलचतों और जरूरतमंदों   नके लवकास में इनका अहम य़ोगदान है। भारत जैसे लवशाि
        क़ो इसके बाद जहां केंद्र सरकार की अहम य़ोजनाओं का िाभ   भूभाग वािे देश में यही नलदयां अब कनशक्टलव्टी का नया जररया
                                                                                            े
        लमिा है त़ो अब यह केंद्र शालसत प्देश ‘ईज ऑफ डूइंग लबजनेस’   बनी हैं। हािालक ससता और बेहतर लवकरप ह़ोने के बावजूद 2014
                                                                        ं
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                               के क्त्र में आगे बढने की तैयारी कर                     तक  जिमागमों  के  लवकास  पर
                               रहा है। हाि ही में जममू-कशमीर                          उतना  धयान  नहीं  लदया  गया
                               राषट्ीय  एकि  लखड़की  प्णािी                            था।  2016  में  राषट्ीय  जिमागति

                               (एनएसडबरयूएस) के साथ जुड़ने                             अलधलनयम के साथ ही इस क्ेत्र
                               वािा देश का पहिा केंद्र शालसत                          की  सूरत  बदिने  की  शुरुआत
                               प्देश  बन  गया  है।  केंद्र  सरकार                     हुई। िलकन प्धानमत्री नरेंद्र म़ोदी
                                                                                           े
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        ने वषति 2020 में बज्ट के दौरान इसकी घ़ोषणा की थी। राषट्ीय   की प्ाथलमकता वािे इस क्त्र पर लवशेष फ़ोकस का नतीजा है लक
                                                                                  े
        एकि लखड़की प्णािी एक लडलज्टि पिे्टफॉमति है। यह लनवेशकों   पववोत्तर जैसे भौग़ोलिक चुनौती से भरे क्त्र में भी अब जिमागति प्गलत
                                                                ू
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        क़ो उनकी वयवसालयक आवशयकताओं के मुतालबक अनुम़ोदन हेतु   का नया मागति तैयार कर रहे हैं। इसकी शुरुआत हुई 5 फरवरी क़ो
        आवेदन करने और पहचानने के लिए एक गाइड के रूप में कायति   जब लबहार की राजधानी प्टना से 200 मीलट्क ्टन खाद्ान्न िेकर
        करता है। राषट्ीय एकि लखड़की प्णािी, भारत औद़्ोलगक भूलम   मािवाहक कागवो एमवी िाि बहादुर शासत्री गुवाहा्टी शसथत पांडू
        बैंक (आईआईएिबी) से जुड़ी है। इसमें जममू-कशमीर के 45     के लिए रवाना हुआ। यह कागवो राषट्ीय जिमागति -1 (गंगा नदी)

        औद़्ोलगक पाक्क शालमि हैं। इससे लनवेशकों क़ो जममू-कशमीर में   के भागिपुर, मलनहारी, सालहबगंज, फरकका, लट्बेनी, क़ोिकाता,
        उपिबध भू-खंड ख़ोजने में सहायता लमिेगी। इस कदम से लनवेशकों   हशरदया, हेमनगर के रासत बांगिादेश से ह़ोकर राषट्ीय जिमागति
                                                                                  े
        क़ो जानकारी इकट्ा करने और लवलभन्न लहतधारकों से मंजूरी प्ापत   संखया -2 के धुबरी व ज़ोगीघ़ोपा ह़ोते हुए 2,350 लकि़ोमी्टर की दूरी
        करने के लिए पिे्टफाममों पर जाने की आवशयकता खतम ह़ो जाएगी।   तय करेगा। इस प़ोत क़ो अपनी यात्रा पूरा करने में िगभग 25 लदन
        इसके जररए जहां जममू-कशमीर में लनवेश के नए रासते खुिेंगे त़ो   िगेंगे और माचति की शुरुआत में यह पांडु पहंच जाएगा।
                                                                                             ु
        वहीं नए ऱोजगारों का सृजन भी ह़ोगा।


        अटल टिल करो दहिया की सबसे लंबी राजमाग्ग सुरंग की हमली मानय्ता
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              तयाधलनक तकनीक से तैयार भारत की सबसे महतवपणति सामररक महतव की अ्टि ्टनि
        अऱोहतांग का नाम वरड्ड बुक ऑफ ररकॉरसति की ओर से प्मालणत लकया गया है। समुद्र
        ति से 10,044 फी्ट की ऊंचाई पर गुजरने वािी अ्टि ्टनि क़ो वरड्ड बुक ऑफ ररकॉरसति
        ने आलधकाररक तौर पर दलनया की सबसे िंबी यातायात ्टनि के रूप में प्मालणत लकया है।
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        इस ्टनि की िंबाई 9.02 लकि़ोमी्टर है। इसे लहमािय की पीरपंजाि की च़ोल्टयों क़ो भेदकर
        करीब 10 साि की अवलध में सीमा सड़क संगठन ने बनाया है। ्टनि लनमातिण की घ़ोषणा

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        ततकािीन प्धानमत्री अ्टि लबहारी वाजपेयी ने वषति 2002 में जनजातीय लजिा िाहौि-सपीलत
        के मुखयािय केिांग में की थी। इसके बाद िंबे समय तक अ्टका रहा यह प़्ोजेक्ट प्धानमत्री
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        नरेंद्र म़ोदी की प्लतबद्धता से 2020 में पूरा हुआ। इसके बनने से मनािी से िेह की दूरी करीब
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        45 लकमी घ्ट गई है। वहीं इस रू्ट का सफर कम से कम पांच घ्ट कम ह़ो गया है। n




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