Page 42 - NIS Hindi 01-15 March 2022
P. 42

देि      अमृि महोतसि



                   व्वश्वनाथ दास...ओविशा को राजय बनाने



                                                                         ां
                    के वलए वजनहोंने महातमा गाधी को मनाया



                    जन्म: 8 ्मार्च, 1889, ्मृत्यु: 2 जून 1984  अलग राज् के हन्मा्चण ्में ्मितवपण्च ्ोगदान हद्ा था। उनिीं के
                                                                                       ू
                                                ं
        देश सेवा के हलए आजमीवन स्महप्चत रिने वाले सवतत्ता सेनानमी   प््ासों का नतमीजा था हक ्मिात्मा गांधमी अंग्जों के स्मझ प्सताव
                                                                                              े
          ं
        पहडत हवशवनाथ दास ्मिात्मा गांधमी से खासे प्भाहवत थे और उनके   रखने के हलए सि्मत िए और ओहडशा को अलग राज् के रूप
                                                                               यु
        प्भाव के कारण िमी उनिोंने वकालत का अपना का्म छोड कर   ्में ्मान्ता दमी गई। पकके गांधमीवादमी और अहडग हवरारों के धनमी
                              यु
                            खद  को  देश  कमी  आजादमी  के  हलए   हवशवनाथ दास 1936 ्में हबह्टश कालमीन भारत के ओहडशा प्ानत के
                                                                                     यु
                            स्महप्चत  कर  हद्ा  था।  1921  ्में  वि   हवधानसभा के सदस् हनवा्चहरत िए और 1937 से 1939 तक प्मीह्म्र
                            कांग्स  ्में  शाह्मल  िो  गए।  8  ्मार्च   (प्धान्मंत्मी) रिे। िालाहक, बाद ्में उनिोंने इस पद से इसतमीफा द  े
                                े
                                                                              ं
                            1889  को  ततकालमीन  ्मद्ास  प्समीडरेंसमी   हद्ा। वि 1947-1951 तक ओहडशा से भारत कमी सहवधान सभा के
                                                                                                  ं
                                                   े
                                                                                                    े
                                                े
                            के  गंज्म  हजले  ्में  जन्म  हवशवनाथ   सदस् रिे और कई वषवो तक अहखल भारतमी् कांग्स क्मे्टमी के
                            दास ने न हसफ्फ सवतत्ता सेनाहन्ों के   सदस् भमी रिे। सादगमीपण्च जमीवन जमीने वाले हवशवनाथ दास तमीन
                                                                               ू
                                            ं
                                                                               े
                            साथ कद्म से कद्म ह्मला कर संघष्च   बार  उतकल  प्देश  कांग्स  क्म्टमी  के  अध्क्  भमी  हनवा्चहरत  िए।
                                                                                     े
                                                                                                           यु
                            हक्ा बसलक अंग्जों को देश से बािर   ओहडशा प्ात के प्मीह्म्र रिने के दौरान उनिोंने जनहितषमी और
                                                                     ं
                                         े
                                                                                                        रै
        हनकाल  भगाने  के  हलए  सहवन्  अवज्ञा  आंदोलन,  भारत  छोडो   हवकास के कई का्म हकए और नमीहत्ां बनाई। उनिोंने लोगों को
        आंदोलन और न्मक सत्ाग्ि ्में भाग लेकर जेल भमी गए। 1920   ज्मींदारों को अत्ारार से बराने के हलए कई साथ्चक प््ास हकए।
        ्में उनिोंने ्मद्ास प्समीडेनसमी ्में हकसान संघ कमी सथापना कमी थमी।   इतना िमी निीं, उनिोंने ओहडशा के लोगों को बाढ़ से बराने के हलए
                       े
                                                                  ं
                                                                                      े
        1920-29 तक वे ्मद्ास काउंहसल के सदस् भमी रिे। वि हवशवनाथ   िमीराकुड बांध बनाने के हलए अंग्जों के स्मक् प्सताव रखा हजस  े
        दास िमी थे, हजनिोंने ्मिात्मा गांधमी को अलग ओहडशा राज् गठन   इंजमीहन्र सर ्मोक्गयुंड्म हवशवशवरय्ा कमी ्मदद से तरै्ार हक्ा
                                                                                    े
        के हलए भरोसे ्में हल्ा था। उनिोंने कृ्णरद् गजपहत नारा्ण देव   ग्ा। 1962 ्में वि उत्तर प्देश के राज्पाल बने और 1967 तक इस
                                       ं
        और अन् साहथ्ों के साथ ह्मलकर उहड्ा भाषमी लोगों के हलए एक   पद पर रिे। 2 जून 1984 को उनका हनधन िो ग्ा।
                                                               संग्रहालयों की पुनक्कलपना पि िकशिक मंथन
                                                                                            ै
                आजादमी के अ्मृत ्मिोतसव ्में ि्म              भारत कमी सवतंत्ता कमी 75वीं वष्चगांठ के उपलक्् ्में देश कमी जनता,
              सवाधमीनता संग्ा्म के इहतिास को ्ाद              इसकमी संसकृहत और उपलसरध्ों के गौरवशालमी इहतिास का उतसव
                                                              ्मनाने के हलए प््मयुख का््चक््म आजादमी का अ्मृत ्मिोतसव के
              कर रिे िैं। आज देश अपने सवाधमीनता               ततवावधान ्में ‘भारत ्में संग्िाल्ों कमी पनक्फलपना’ पर िरैदराबाद
                                                                                        यु
              सेनाहन्ों को कृतज्ञ श्द्धांजहल दे रिा           ्में अपनमी तरि के पिले दो हदवसमी् सम्मेलन का आ्ोजन 15-16
                                                              फरवरमी को हक्ा ग्ा। इस सम्मेलन ्में भारत, ऑसट्ेहल्ा, फ्ांस,
             िरै। अपने इहतिास से ि्म अपने भहव््               इ्टलमी, हसंगापर, सं्युकत अरब अ्ममीरात, ्ूनाइ्टेड हकंगड्म और
                                                                       यु
                                                                      रै
               के हलए प्रणा ले रिे िैं, ऊजा्च ले रिे          अ्मेररका जसे देशों के प्हतभाहग्ों ने हिससा हल्ा। भारत सरकार
                         े
                                                              सवतंत्ता संग्ा्म ्में आहदवासमी सवतंत्ता सेनाहन्ों के ्ोगदान को
                िैं। इसमीहलए, अ्मृत ्मिोतसव का ्े             ्मान्ता देने के हलए 10 संग्िाल्ों का हवकास कर रिमी िरै और वसत्
                                                                                                        रै
               आ्ोजन आजादमी कमी लडाई के साथ                   एवं हशलप संग्िाल्ों, रक्ा संग्िाल्ों और रेलवे संग्िाल्ों जसे
                                                              हवशेष संग्िाल्ों को सि्ोग दे रिमी िरै। 2014 से अभमी तक संसकृहत
             साथ िजारों सालों कमी भारत कमी हवरासत             ्मंत्ाल् ने देश भर के 110 संग्िाल्ों का हवत्तपोषण हक्ा िरै और
                                  े
                       को भमी स्म्टे ियु्े िरै।               वरैज्ञाहनक सोर को बढ़ावा देने के क््म ्में 18 हवज्ञान संग्िाल् भमी
                                                              हवकहसत हकए जा रिे िैं। इसके अलावा, ्मंत्ाल् के तित का्म
                     - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी              करने वाला भारतमी् पराततव सवक्ण देश भर ्में 52 संग्िाल्ों का
                                                                             यु
                                                                                    वे
                                                              संरालन भमी करता िरै।



          40  न्यू इडिया समारार | 1-15 मार 2022
               ं
                            ्
   37   38   39   40   41   42   43   44