Page 15 - NIS Hindi 01-15 November 2022
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राष्टट्र  मेहाकाल लोक ्पररयोजना


 ऐसा है भारि ्का सबसे भव््य कॉररडोर


                   आक्ांिाओं ने वजन्हें िोड़ा, उन्हें भव्यिमे रू्प मेें


                    पुन: स्थासपत कर रहे हैं प्धानर्ंत्री र्ोदरी



                                                                                             ं
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                गुलामी के कालखंड में हमने जो   अयोध्या ्में रा्म ्मनदर         सो्मनाथ ्मनदर कॉम््प्लक्स
             खो्या, आज भारत उसे पुन: स््थाटपत   अ्योध््या में राम जन्म भयूटम के वर्षों पुराने   कहा जाता है टक महमद गजनी से
                                                                                               यू
              कर रहा है। प्रिानमरिी मोदी कहत  े  टववाद के खत्म होते ही ्यहां राम लला के   लेकर औरंगजेब तक ने सोमना्थ मंटदर
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              हैं-“इस देश की टमट्ी बाकी दुटन्या   भव््य मंटदर की आिारटशला प्रिानमंरिी   पर कई बार आक्रमण टकए। गुजरात के
                  से कुछ अलग है। ्यहां अगर    मोदी ने रखी।  सर्ययू नदी और उसके   मुख््यमंरिी रहते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने
                 औरंगजेब आता है तो टशवाजी     आसपास के बुटन्यादे ढांचे का टफर से   इसके पुनटनशिमाशिण की शुरुआत की।
                भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई   टवकास टक्या जा रहा है। अ्योध््या को   अगस्त 2021 में उन्होंने सोमना्थ मंटदर
                     यू
             सालार मसद इिर बढ़ता है तो राजा   स्माि्ट टसिी के रूप में टवकटसत करने   कॉम््पलेक्स में तीन महत्वपयूणशि प्रोजेक्ि
             सुहेलदेव जैसे वीर ्योद्ा उसे हमारी   का काम जारी है। वैश््ववक प्यशििन के   की शुरुआत कर दशशिन प्थ और
              एकता की ताकत का एहसास करा       केंद्र के रूप में अ्योध््या को भव््य रूप देने   एश््जजटबशन सिर का उद्घािन टक्या तो
                                                                                          ें
                                 देते हैं।''  का काम टक्या जा रहा है।          पावशिती मंटदर का टशलान््यास टक्या।


                            काशमी नवश्वनाथ कॉररडोर           उज्न का ्महाका्ल ्लोक पथ
                                                                  ै
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          कहा जाता है मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1669 में इस मटदर को     कहा जाता है टक 1234 म गुलाम वंश के शासक इल्ततटमश ने आक्रमण
                                                                        ं
             ध्वस्त करा टद्या ्था। 1780 में राजमाता अटहल््या बाई होल्कर   कर महाकाल मटदर को नष्ि कर टद्या ्था।  उस वक्त पुजारर्यों न  े
            ने इसका टफर टनमाशिण करा्या। माचशि 2019 में प्रिानमरिी मोदी न  े  महाकाल ज््योटतटलिंग को कुड म टछपा टद्या ्था। 1734 म राणोजी टसटि्या न  े
                                                                                 ें
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         करीब 800 करोड़ रुप्ये के काशी टव्ववना्थ कॉररडोर प्रोजेक्ि की   इसका पुनटनमाशिण करा्या।  इसके करीब 280 साल बाद स्माि्ट टसिी प्रोजेक्ि
         आिारटशला रखी। टदसंबर 2021 में इसके पहले चरण का उद्घािन   के सा्थ महाकाल लोक की स््थापना की पररकल्पना की गई। अब 11
                                प्रिानमरिी नरेंद्र मोदी ने ही टक्या।  अक्िबर को प्रिानमरिी मोदी ने इसके पहले चरण का उद्घािन टक्या है।
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                                      चार धा्म प्ोजेक्ट      केदारनाथ धा्म
         केदारना्थ, बद्रीना्थ, ्यमुनोरिी और गंगोरिी को जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ि   पीएम मोदी सबसे ज््यादा बार केदारना्थ जाने वाले प्रिानमंरिी हैं।
              की आिारटशला टदसंबर 2016 में प्रिानमंरिी मोदी ने रखी ्थी।  इस   आपदा के बाद केदारना्थ िाम को टफर से भव््यतम रूप देने के
           प्रोजेक्ि के तहत सभी मौसम के अनुकूल रोड नेिवक्क के सा्थ रेलवे   टलए उन्होंने केदारना्थ रेनोवेशन प्रोजेक्ि लॉन्च टक्या ्था।   ्यहां
         लाइन बनाई जानी है। ऋटर्केश से कणशिप्र्याग तक रेल लाइन का काम   आटद गुरू शंकाराचा्यशि समाटि के पुनटनशिमाशिण के सा्थ क्टतग्स्त हुए
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                    शुरू हो चुका है। 2025 तक इसे परा कर टल्या जाएगा।  गटल्यारों को टफर से बना्या ग्या है।
                                                       कश््ममीर
                                                              यू
         1990 में आतंकवाद के दौर में घािी से लाखों टहंदुओं के पला्यन के बाद कई पजा स््थल ्या तो बंद कर टदए गए ्या टफर उनमें से कई क्टतग्स्त
                                      यू
         हो गए। अनुच्छेद 370 हिाने के बाद इन पजा स््थलों को टफर से भव््य रूप देने की शुरुआत की गई। फरवरी 2021 में ही शीतलना्थ मंटदर के पि
         टफर खोले गए।
        शुरू हुआ था। उज्न के षिण-षिण म,पल-पल म इनतहास नसमटा हुआ है,   उज्न ने हजािों वषषों तक भाित कली संपन्ता औि समनद्ध का, ज्ान औि
                                                                ै
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        कण-कण म आध्र्ात्म समार्ा हुआ है। र्हां काल चक् का, 84 कल्पों का   गोरिमा का, सभ्र्ता औि सानहत्र् का नेतृत्व नकर्ा है। इस नगोिली का वास्त  ु
                ें
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        प्रनतनननधत्व किते 84 नशवनलगो ह। र्हां 4 महावलीि ह, 6 नवनार्क ह, 8 भिव   कैसा था, वैभव कैसा था, नशल्प कैसा था, सौन्दर् कैसा था, इसके दशयान हम  ें
                                                   ैं
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        ह, अष्टमातृकाएं ह, 9 नवग्ह ह, 10 नवष्ण ह, 11 रुद्र ह, 12 आनदत्र् ह,   महाकनव कानलदास के म्घदूतम् म होते ह। बाणभट्ट जैसे कनवर्ों के काव्र्
                                                                             े
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        24 दनवर्ां ह, औि 88 तलीथया ह। इन सबके कद्र म िाजानधिाज कालानधिाज   म र्हां कली संस्कनत औि पिंपिाओं का नचत्रण हम आज भली नमलता है। र्हली
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        महाकाल नविाजमान ह। र्ानन, एक तिह से हमािे पिे ब्ह्ांि कली ऊजाया को   नहीं, मध्र्काल के लेखकों ने भली र्हां के स्थापत्र् औि वास्तकला का गोुणगोान
                             ें
        हमािे ऋ नषर्ों ने प्रतलीक स्वरूप म उज्ैन म स्थानपत नकर्ा हुआ है। इसलीनलए,   नकर्ा है।”  n
                                   ें
                                                                                 न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 नवंबर 2022  13
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