Page 12 - NIS Hindi 01-15 November 2022
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राष्टट्र  मेहाकाल लोक ्पररयोजना




           मेहा्काल ्के आंगन मेें



          आध्यात्त््मकता




          नदव्यता,भव्यता



                                    का
           सग्म













           वकसी राष्ट्र का सांस्कविक वीैभवी इिना ववीशाल
                               कृ
           िभी ्हेोिा ्हेै, जब उसकी सर्लिा का परचमे,
           ववीश्वी पर्ल पर ल्हेरा र्हेा ्हेोिा ्हेै…। सर्लिा के
           वशखर िक प्हेुंचने के वलए भी ये जरूरी ्हेै वक राष्ट्र

                       कृ
           अपने सांस्कविक उत्कर् को छुए, अपनी प्हेचान के
                                 ्म
           साथ गौरवी से सर उ्ठाकर खड़ा ्हेो जाए। इसीवलए
           आजादी के अमेिकाल मेें भारि ने ‘गुलामेी की
                          ृ
           मेानवसकिा से मेुक््टि’ और अपनी ‘ववीरासि पर
           गवी्म’ जैसे पंच प्राण का आह्ान वकया ्हेै। सोमेनाथ,
           अयोध्या मेें रामे मेवदर, काशी-ववीश्वीनाथ धामे,
                            ं
           बाबा केदारनाथ धामे और करिारपुर साव्हेब
                                     कृ
           के बाद अब भारि की सांस्कविक ववीरासि को
           भव्य रूप देने की इसी प्हेल मेें 11 अ्टर्टूबर को

                                  ै
           मे्हेाकाल की नगरी उज्न का नामे भी जुड़ गया…...


                    ित  के  12  ज्र्ोनतनलिंगोों  म  'महाकालेश्वि  ज्र्ोनतनलगो'  का
                                      ें
                                                      िं
                    अपना  एक  अलगो  महत्व  है।  महाकाल  मनदि  नवश्व  का
                                                 ं
                                    ं
          भा एकमात्र  ऐसा  नशव  मनदि  है  जहां  दनषिणमुखली  नशवनलगो
                                                          ं
          प्रनतस्थानपत है। र्े नशव के ऐसे स्वरूप ह, नजनकली भस्म आितली पिे नवश्व म  ें
                                    ैं
                                                    ू
          प्रनसद्ध है। हि भक्त अपने जलीवन म भस्म आितली के दशयान जरूि किना चाहता
                                ें
                    ं
                       ें
          है। महाकाल मनदि म पिे देश औि दुननर्ा से लोगो आते ह। जब नसंहस्थ कुम्भ
                                              ैं
                         ू
                                       ें
          लगोता है तो लाखों लोगो जुटते ह। दुननर्ा म आध्र्ास्त्मकता के इस महान
                                ैं
           ें
          कद्र को भव्र्तम रूप महाकाल लोक परिर्ोजना के जरिए नदर्ा जा िहा है।
                                      ु
          इसके जरिए श्रद्धालुओं को आधुननकतम सनवधाएं देने के साथ हली महाकाल
            10  न्यमू इंनडया स्माचार   1-15 नवंबर 2022
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