Page 40 - NIS Hindi 01-15 November 2022
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राष्टट्र अमेृत मेहोत्सि
्मजबमूत हो रहमी भाई परमेानंद
नशक्ा व्यवस्था आजादमी के दमीवानों
के प्ेरणा स्ोत
स्कू्लों ्में वृनधि जन्मे: 4 निंबर 1876, मेृत्य: 8 वदसंबर 1947
ु
26.44 करोड़ छात् 1,40,794 थे। कहा जाता है नक भाई पिमानंद के नशष्र्ों में भगोत नसंह भली शानमल थे।
1947-48
हान क्ांनतकािली भाई पिमानंद का जन्म 4 नवंबि 1876 को पंजाब में
म हुआ था। भाई पिमानंद लोगोों के बलीच ‘भाई जली’ के नाम से जाने जाते
2020-21
15,00,000
97.00 ्लाख नशक्क नई राष्टट्मीय बचपन से हली भाई पिमानंद िाष्रिलीर् एकता कली ओि आकनषयात हो गोए थे, क्र्ोंनक
उनका परिवाि आर् समाज आंदोलन से जुड़ा था। भाई पिमानंद अक्टूबि
या
1905 में भाितलीर् संस्कनत का प्रचाि किने के नलए दनषिण अफ्लीका गोए औि
कृ
नशक्ा नमीनत
इससे वशक्ा
के क्ेत् मेें एक वैनदक नमशनिली के रूप में महात्मा गोांधली के साथ िहे। अफ्लीका से वह
लंदन चले गोए। वहां उन नदनों श्र्ामजली
िुखदेव, पं. रार् प्िाद
पररवीि्मनकारी सबल्स्र्ि, करतार सिंह कष्ण वमाया औि वलीि नवनार्क दामोदि
कृ
सुधार संभवी ्हेो साविकि क्ांनतकािली कार्षों में सनक्र् थे।
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पा र्हेे ्हेैं। िराबा जिे राष्टट्रभ्टत
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भरी उनिे प्रणा प्ाप्त कर भाई पिमानंद इन दोनों के संपक्फ में आए।
क्हेा जािा ्हेै वक असली वशक्ा वी्हे ्हेै बसिदान पथ के राहरी बने। बाद में वह भाित आ गोए। इसके बाद उन्हें
जो बच्ों के शरीर, मेन और आत्मेा काे मातृभूनम को स्वतंत्र किाने में सहार्ता के
पूरी िर्हे ववीकवसि कर सके। य्हेी सपना नलए नवदेशों में िह िहे भाितलीर्ों के बलीच समन्वर् के नलए अमेरिका भेजा गोर्ा।
आजादी के दीवीानों का भी था। सभी वह गोदि पाटषी के संस्थापक सदस्र् भली थे। उन्होंने गोदि पाटषी के नलए तारिख-
वशवक्ि ्हेों और सबको वशक्ा वमेले।
छे
्टयोंवक वशक्ा ्हेोगी िभी सभी को वमेलेगा ए-नहंद नामक पुस्तक भली नलखली। जब वे भाित लौट तो उन्हें लाहौि षड़र्ंत्र
न्याय और समेानिा का अवीसर... केस के नसलनसले में नगोिफ्ताि कि नलर्ा गोर्ा। भाई पिमानंद को फांसली कली
सजा सुनाई गोई, नजसका समाचाि नमलते हली देश के लोगो भड़क उ्ठछे। मजबूि
भारत ्में स्कू्लों कमी संख्या ्में वृनधि
होकि नब्नटश सिकाि ने उनकली सजा को उम्रकैद में बदला औि उन्हें सेल्र्ूलि
2020 2021 1509136 जेल भेज नदर्ा। 1920 तक वे र्हीं कैद िहे। इस दौिान उन्हें जो र्ातनाएं दली
2010 2011 1399300 गोईं, उनका नजक् उन्होंने “मेिली आपबलीतली” पुस्तक में नकर्ा है। “क्ास्न्तकािली
2000 2001 971100 भाई पिमानन्द” नामक पुस्तक में भली इन र्ातनाओं का वणयान नदर्ा गोर्ा
है। जेल से ननकलने के बाद वह एक बाि नफि आजादली के आंदोलन
1990 1991 792200 में सनक्र् हो गोए। उन्होंने कु्छ समर् तक असहर्ोगो आंदोलन में
1980 1981 664700 भली भागो नलर्ा। जब महात्मा गोांधली ने िाष्रिलीर् नशषिा कार्याक्म शुरू
नकर्ा, तो उन्होंने भाई पिमानंद से अपना पूिा सहर्ोगो देने का अनुिोध
1970 1971 532500 नकर्ा। भाई पिमानंद जानत प्रथा उन्मूलन के भली समथयाक थे। भाित नवभाजन का
1960 1961 397400 उन्होंने पुिजोि नविोध नकर्ा। लेनकन तमाम प्रर्ासों के बावजूद हुए नवभाजन
1950 1951 230700 से उन्हें बहुत आ्घात पहुंचा। 8 नदसंबि 1947 को उनका ननधन हो गोर्ा।
1947 1948 140794
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