Page 8 - NIS Hindi 01-15 November 2022
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व्यक््टतत्ि  भगिान वबरसा मेुंडा





                                                        धरतमी आबा








                                                         एक सामेान्य गरीब पररवीार मेें जन्मे लेकर, अभावीों के बीच र्हेकर भी
                                                          वकसी का भगवीान ्हेो जाना कोई सामेान्य बाि न्हेीं ्हेै। लवकन मेात्
                                                                                                     े
                                                           25 वीर् के जीवीन काल मेें िमेामे अभावी, मेानवसक और शारीररक
                                                                ्म
                                                         यािनाओं के बीच अपने बचपन से लेकर भगवीान बनने िक की इस
                                                                        ु
                                                          यात्ा को वबरसा मेंडा ने पूरा वकया। 19वीीं सदी के उत्तराध्म मेें उन््हेोंन  े
                                                             आवदवीासी समेाज की दशा और वदशा बदलकर नए सामेावजक
                                                                   ू
                                                            युग का सत्पाि वकया िो साथ ्हेी, शौय्म की नई गाथा भी वलखी।
                                                         आवदवीावसयों ने भी उन््हेें वसर््फ नायक न्हेीं, बक्ल्क धरिी आबा यानी
                                                                       धरिी के वपिा के साथ भगवीान का दजा्म भी वदया।…
                   जन्मे:15 नवींबर 1875 |  मेृत्य: 9 जून 1900
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                                                                                    ु
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                    ल,  जंगोल  औि  जमलीन  को  लेकि  आनदवानसर्ों  का   किना। आनदवानसर्ों को नबिसा मिा के रूप म अपना नार्क नमला।
                                                                                             ें
                    सं्घषया सनदर्ों पुिाना है। 19वीं सदली के उत्तिाधया में भली    नबिसा ने अंग्ेजों द्ािा लागोू कली गोई जमींदािली औि िाजस्व-व्र्वस्था
            ज जब भाित गोुलामली का दंश झेल िहा था, इसली सं्घषया   के नखलाफ लड़ाई ्छछेड़ली। नबिसा ने सूदखोि-महाजनों के नखलाफ भली
           के बलीच 15 नवंबि 1875 को तब के िांचली नजले के उनलहातु गोांव में   बगोावत कली। र्े महाजन कजया के बदले आनदवानसर्ों कली जमलीन पि कब्जा
                                                                              ं
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           सुगोना मुंिा के ्घि एक बालक का जन्म हुआ। कहते हैं, उस नदन   कि लेते थे। नबिसा मिा के ननधन तक चला र्े नवद्रोह 'उलगोुलान'
                                                                                          ें
           बृहस्पनतवाि था, इसनलए बालक का नाम नबिसा िखा गोर्ा। ्घि कली   नाम से जाना जाता है। अगोस्त 1897 म नबिसा ने अपने साथ किलीब
           स्स्थनत बहुत अच््छली नहीं थली, बावजूद इसके नपता ने नबिसा को पढ़ने   400 आनदवानसर्ों को लेकि एक थाने पि हमला बोल नदर्ा। जनविली
                                                                      ं
           के नलए नमशनिली स्कूल भेजा। बात 1882 कली है। एक तिफ गोिलीबली थली   1900 म मिा औि अंग्ेजों के बलीच आनखिली लड़ाई हुई। िांचली के पास
                                                                    ें
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           औि दूसिली तिफ अंग्ेजों का लार्ा इंनिर्न फॉिेस्ट एक्ट। इस एक्ट का   दूम्बिली पहाड़ली पि हुई इस लड़ाई म हजािों आनदवानसर्ों ने अंग्ेजों का
                                                                                       ू
           दुरुपर्ोगो कि आनदवानसर्ों से उनके जंगोल के अनधकाि को ्छलीनने   सामना नकर्ा, लनकन तोप औि बंदकों के सामने तलीि-कमान जवाब
                                                                          े
           कली शुरुआत हुई।                                    देने लगोे। बहुत से लोगो मािे गोए औि कई लोगोों को अंग्ेजों ने नगोिफ्ताि
              साल 1890 म 15 वषया कली आर्ु म अपनली नशषिा ्छोड़ने के बाद   कि नलर्ा। नबिसा पि अंग्ेजों ने 500 रुपर्े का इनाम िखा था। उस
                        ें
                                      ें
           बालक नबिसा ने समग् नवचािों को नवस्ताि से समझने का संकल्प नकर्ा।   समर् के नहसाब से र्े िकम काफली ज्र्ादा थली। कहा जाता है नक नबिसा
           इसके बाद आने वाले 5 साल (1890-95 तक) बालक नबिसा न  े  कली हली पहचान के लोगोों ने 500 रुपर्े के लालच म उनके न्छपे होने कली
                                                                                                ें
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           धमया, नलीनत, दशयान, वनवासली िलीनत रिवाज, मिानली पिंपिाओं का गोहिाई   सूचना पनलस को दे दली। आनखिकाि नबिसा चक्धिपि से नगोिफ्ताि कि
                                                                               ें
                                                                                          ें
           से अध्र्र्न नकर्ा। इसके साथ हली ईसाई धमया औि नब्नटश सिकाि कली   नलए गोए। अंग्ेजों ने उन्ह िांचली कली जेल म कैद कि नदर्ा। कहा जाता ह  ै
           नलीनतर्ों का भली गोहिाई से अध्र्र्न नकर्ा। अध्र्र्न के साि रूप म उन्होंन  े  नक र्हां उनको धलीमा जहि नदर्ा गोर्ा। इसके चलते 9 जून 1900 को
                                                     ें
           कहा - 'साहब-साहब टोपली एक!' नबिसा ने महसूस नकर्ा नक आचिण   वे शहलीद हो गोए। वषषों तक नकताबों के भलीतिली पन्ों र्ा नफि षित्र नवशेष
                                                                                                       े
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           के धिातल पि आनदवासली समाज अंधनवश्वास म फंसा है तो आस्था के   तक नसमटली िहली नबिसा कली इस वलीिगोाथा को र्ाद नदलाते हुए प्रधानमत्रली
                 ें
           मामले म वह भटका हुआ है। धमया के नबंदु पि आनदवासली कभली नमशनरिर्ों   निद्र मोदली ने कहा था, “भगोवान नबिसा ने समाज के नलए जलीवन नजर्ा,
                                                                ें
                                                                       कृ
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                                                         ैं
           के प्रलोभन म आ जाते ह तो कभली ढकोसलों को हली ईश्वि मानने लगोते ह।   अपनली संस्कनत औि अपने देश के नलए अपने प्राणों का परित्र्ागो कि
                                                                                                         ें
           इसके ऊपि था, जमींदािों औि नब्नटश शासन का शोषण। नबिसा ने तलीन   नदर्ा। इसनलए, वह आज भली हमािली आस्था म, हमािली भावना म हमाि  े
                                                                                             ें
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           स्तिों पि आनदवासली समाज को सगोन्ठत नकर्ा। पहला, अंधनवश्वास औि   भगोवान के रूप म उपस्स्थत ह।”
                                                                          ें
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           ढकोसलों से दि होकि स्वच््छता व नशषिा का िास्ता। दूसिा, सामानजक   प्रधानमंत्रली मोदली ने 15 नवंबि 2021 को नबिसा मुंिा कली शौर्  या
           स्ति के साथ आनथयाक स्ति पि सुधाि। इसके नलए नबिसा ने नेतृत्व कली   गोाथा का स्मिण कि उनकली र्ाद में पहले संग्हालर् का उद््घाटन
                           े
           कमान संभालली औि ‘बगोािली प्रथा’ के नखलाफ आंदोलन खड़ा नकर्ा।   नकर्ा। साथ हली, इस नदन से पहलली बाि देश में नबिसा मुंिा कली जर्ंतली
           तलीसिा, िाजनलीनतक स्ति पि आनदवानसर्ों को अनधकािों को लेकि सजगो   को जनजातलीर् गोौिव नदवस के रूप में मनाने कली शुरुआत कली गोई।  n
            6  न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 नवंबर 2022
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