Page 48 - NIS Hindi, 16-30 November,2022
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राष्टट्र अमृत महोत्सवी
करतार नसंह सराभा …
त्जनकी तिस्र्ीर अपनी जेब में रखतिे ्थे भगति त्संह
जन्ि : 24 िई,1896, िृत्यु : 16 निंबर, 1915
प्र नसद्ध रिांनिकािली भगि नसंह किोड़ों भाििलीर्ों के हलीिो हैं, लेनकन संस्किण कली नजम्मेदािली संभालली औि वहां िह िहे भाििलीर्ों को
वह खुद नजस व्र्क्क्ि से प्रेिणा लेकि रिांनिकािली बने उस महान
जागरूक किने के नलए उसका प्रकाशन शुरु कि नदर्ा। जुलाई
ू
शक्ख्सर्ि का नाम था कििाि नसंह सिाभा। कहा जािा है नक 1914 में र्िोप जब प्रथम नव्चव र्ुद्ध में शानमल हो गर्ा िो गदि
भगि नसंह, कििाि नसंह सािाभा कली फोटो अपनली जेब में िखिे थे। पाटयी के कार्किायाओं ने इसे नरिनटश सत्ता पि आरिमण का अवसि
या
महान रिांनिकािली औि स्वाधलीनिा सेनानली कििाि नसंह, देश कली समझा। गदि पाटयी ने भाििलीर्ों को संगन्ठि किने कली र्ोजना बनाई।
या
खानिि मात्र 19 वषया कली उम्र में हली फांसली पि चढ़ कि शहलीद हो कििाि नसंह गदि पाटयी के उन कार्किायाओं में शानमल थे जो 1914
गए थे। कििाि नसंह सिाभा का जन्म 24 मई,1896 को पंजाब के में भािि वापस आ गए। भािि आिे हली अंग्रेजों ने गदि पाटयी के
या
सिाभा गांव में हुआ था। कििाि नसंह का गांव कई बाि पड़े सूखे अनेक कार्किायाओं को नगिफ्िाि कि नलर्ा। इससे नवचनलि हुए
से िबाह हो गर्ा था औि बेहिि अवसिों कली खोज में वे 1912 में नबना कििाि नसंह औि िास नबहािली बोस जैसे रिांनिकारिर्ों ने पंजाब
सैन फ्ांनसस्को पहुंचे। वे बक्कले में कैनलफोननयार्ा नव्चवनवद्ालर् में कली छावननर्ों में सैननकों को अंग्रेजों के नवरुद्ध संगन्ठि किना शुरु
या
नशक्ा पूिली किना चाहिे थे। अमेरिका में नवशेषरूप से भाििलीर् लागों कि नदर्ा। लेनकन गदि पाटयी के कार्किायाओं कली र्ोजना पि अमल
के साथ अमेरिकली नागरिकों कली शत्रुिा पि उन्हें बहुि रिोध आर्ा। होने से पहले हली अंग्रेजों को भनक लग गई औि कििाि नसंह को
ं
कैनलफोननयार्ा में सिाभा को उपननवेश भूनम से आने वाले लोगों के नगिफ्िाि कि नलर्ा गर्ा। लाहौि षड्त्र केस के नाम से प्रनसद्ध
अपमान का पूिा अहसास हुआ। ऐसे में उन्होंने भािि में नरिनटश इस मुकदमे के िहि लाहौि में कई सुनवाई हुई औि पकड़े गए
उपननवेशवाद के बािे में आरिोश प्रकट किना शुरु कि नदर्ा। 1913 कार्किायाओं पि नवद्रोह में शानमल होने के आिोप लगाए गए।
या
में ओिेगॉन में गदि पाटयी कली स्थापना हुई, नजसका उद्े्चर् सशस्त्र कििाि नसंह सिाभा ने अदालि में माफली नहीं मांगली औि गवया से
रिांनि के माध्र्म से भािि में नरिनटश सत्ता को उखाड़ कि अपने कहा, “अंग्रेजों के नवरुद्ध अपने लोगों को एकजुट किना मेिा कियाव्र्
लोगों कली प्रनिष््ठा बहाल किना था। गदि पाटयी का मुख्र्ालर् सैन है।” उनकली अटल देशभक्क्ि ने जजों को बेहद नािाज कि नदर्ा।
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फ्ांनसस्को में था। सिाभा ने गदि पाटयी कली गनिनवनधर्ों में सनरिर् 16 नवंबि, 1915 को लाहौि सट्ल जेल में 19 वषया के सिाभा औि
रूप से भाग लेना शुरु कि नदर्ा। उन्होंने गदि अखबाि के पंजाबली उनके साथली नवष्णु गणेश नपंगले को फांसली दे दली गई।
ग्ामीण स्वच्छता स्र्च््छ भारत डमशन-ग्ामीण के तहत 10 करोड़ स े
अडधक शौचाल्यों का डनमा्वण डक्या ग्या।
की अमृत यात्ा
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इस डमशन के तहत 6 लाख से अडधक गार्ों को
1947 से पहले देश आजादी के वलए लड़ा तियो अब देश उन खुले म शौच से मुक्त घोडर्षत डक्या ग्या। शानत घोर्
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बुराइयों के वखलाफ खड़ा हुआ है, वजनकी िजह से भारति वपछड़े
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दशों ि विना जातिा र्ा। ऐसी ही एक बुराई है िंदिी, वजसे बुराई तियो भारत की ग्ामीण स्र्च््छता कर्रेज 1981 म डसफ ्फ
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सबने िाना लवकन इसके बािजूद 1981 तिक भारति के ग्ािीण 1% थी, जो 2019 म बढ़कर शत-प्रडतशत हो गई।
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क्षेत्ों ि स्िच्छतिा किरेज िात् 1 फीसदी ही र्ा। इसी बुराई कयो स्र्च््छता कर्रेज से तात्प्य्व जनसंख््या के उस
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विटाने के वलए 2014 ि प्रधानिंत्ी नरद् ियोदी ने शुरू वकया र्ा प्रडतशत से है, डजनके घरों म शौचाल्य है।
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स्िच्छ भारति विशन...और इसका पररणाि अब सबके सािने है।
46 न््ययू इंडि्या समाचार 16-30 नवंबर 2022