Page 42 - NIS Hindi september 01-15, 2022
P. 42
फ्लैगदिप पीएम मत्स्य संपिा योिना
िीली रिांसत…
ली उत्
पा
म्छली उत्पादि म ें ें
म
्छ
ि
म
द
ि
ते कदम
तेजी
ि
े ब
तेजी िे बिते कदम
2014 में जब प्धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश िे किसानों िी आय दोगुनी िरने िा संिल्प उठाया तो पहली बार
इसमें हररत क्रांकत और श्िेत क्रांकत िे साथ नीली क्रांकत यानी मत्स्य पालन िो भी शाकमल किया गया...और 10
े
कसतंबर 2020 िो 'आत्मकनभमार भारत' िे तहत मत्स्य पालन िे क्त्र में आजादी िे बाद िी सबसे बड़ी योजना
े
िी शुरुआत प्धानमंत्री मत्स्य संपदा योजना िे रूप में िी गई। उद्श्य था, 5 साल में 20 हजार िरोड़ रुपये
से ज्यादा िे कनिेश िे साथ इस से्तटर िी सूरत बदलने िा। दो साल में इस योजना ने मत्स्य पालन से्तटर में
उत्पादन से लेिर कनयामात ति अहम योगदान कदया है। अब बारी है इससे आगे बढ़ने िी, तभी तो प्धानमंत्री नरेंद्र
मोदी िहते हैं, “िह घड़ी आ गई है, कि नीली क्रांकत िो अशोि चक्र िे नीले रंग में कचकत्रत किया जाए।…”
नव ें े ें े े किोड़ रु. अनुमाननत खचया के सार् तेजली से काम चल िहा है। अकेल े
श्व के सबसे बड़े झींगा उत्पादक औि नवश्व म दूसिे सबस
पलीएमएमएसवाई से 55 लाख लोगों के नलए नए िोजगाि सृजन का लक्षर्
बड़े मछलली उत्पादक देश, भाित के मत्स्र् क्षत्र म मुनाि
े
ू
कली भिपि संभावनाएं हैं। उसली उद्दश्र् से 2015 में शुरू 2025 तक िखा गर्ा है।
नलीलली क्रांनत र्ोजना औि 2020 म 20 हजाि 50 किोड़ रुपर्े के ननवेश भाित म मछलली पालन औि जललीर् कृनष के नलए मरौजूद क्षत्र औि
ें
े
ें
ें
ृ
ं
वालली प्रधानमत्रली मत्स्र् संपदा र्ोजना से मछलली उत्पादन म तेजली से वनद्ध नवशाल संभावनाओं से संपन्न व्र्वस्र्ा का हली असि है नक सली-िि का
ू
ें
हो िहली है। नई तकनलीक, आि.ए.एस., बार्ोफ्लॉक औि केज कल्चि जो ननर्ायात 2020-21 म 1.15 नमनलर्न मलीनट्क टन र्ा वो 2021-
जैसे नए तिलीकों से मछलली कली उत्पादकता बढ़ाई जा िहली है। र्ोजना म ें 22 म बढ़कि 1.51 नमनलर्न मलीनट्क टन हो गर्ा है। भाित नवश्व म ें
ें
ु
मछलली नकसानों औि कािोबाि से जुड़े लोगों कली सिक्षा के नलए उनका 112 दशों को सली-िि ननर्ायात किता है औि नवश्व म सली-िि का
े
ू
ू
ें
ें
ं
ु
बलीमा, देश म पहलली बाि मछलली उद्ोग से जुड़े जहाजों का भली बलीमा शुरू चरौर्ा सबसे बड़ा ननर्ायातक है। सर््तत िाष्ट् महासभा ने 2022 को
हुआ है। इसके सार् हली सजावटली मछलली पालन औि समुद्ली खिपतवाि “कािलीगि मत्स्र् पालन औि जललीर् कृनष के अंतिायाष्ट्लीर् वषया” के रूप
ें
संवधयान से मनहलाओं का सश्ततलीकिण हो िहा है। म घोनषत नकर्ा है। ऐसे म मछलली पालन शुरू किने के नलए सक्ब्सिली,
ें
े
ें
े
ू
आजादली के बाद नजन स्तटि पि अनधक ध्र्ान नहीं नदर्ा गर्ा, उसम ें मनहलाओं औि अनुसनचत जानत को इस स्तटि म व्र्वसार् शुरू किन े
ं
मछलली पालन का स्तटि भली शानमल र्ा। आजादली के बाद से 2014 के नलए 60% अनुदान वालली प्रधानमत्रली मत्स्र् संपदा र्ोजना का उपर्ोग
े
े
तक नसि्क 3682 किोड़ रु. का ननवेश इस स्तटि म नकर्ा गर्ा, जबनक किके नलीलली क्रांनत को गनत द औि अपनली सामानजक आनर्याक क्स्र्नत म ें
ें
ें
ें
2014 से 2024-25 तक पलीएम मत्स्र् संपदा र्ोजना, नलीलली क्रांनत सुधाि किने के सार् हली मछलली उत्पादन म देश को नंबि-एक बनाने के
ं
ें
र्ोजना औि निशिलीज इंफ्ास्ट््तचिल िवलपमट िि सनहत 30,572 संकल्प को ध्र्ान म िखकि र्ोगदान द।
ें
े
ें
40 न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 डसतंबर 2022