Page 51 - NIS Hindi september 01-15, 2022
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राष्टट्र  अमृत महोत्सवे

























               दू    िर               ों के             सल          ए        प्रे   रणा
               दूिरों के सलए प्रेरणा








                                        सजि
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                            गई
                                                                     ंकल्
                                                                               प
                                                                                    श
                                                                                          स्क्त
                                                      की
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                 ब
                 बि गई सजिकी िंकल्प शस्क्त
           भारत िे इकतहास में स्ितंत्रता संग्राम िा िालखंड एि ऐसा दरौर है कजसिी लरौ कनरंतर प्ज्िकलत होती रहेगी
           और कजस पर कलखी िहानी हमेशा अकमट रहेगी। मां भारती िो गुलामी िी जंजीरों से मु्तत िराने िे कलए
           हमारे देश िे िई सपूतों ने अपने प्ाण िी बाजी लगा दी और ितन िी खाकतर अपना सिमास्ि न्यरौछािर िर
           कदया। भारत अपने ऐसे स्ितंत्रता सेनाकनयों िो भला िकैसे भूल सिता है। आजादी िे अमृत महोत्सि में
           हम अपने ऐसे ही स्ितंत्रता सेनाकनयों और महापुरुर्ों िो याद िरते हैं कजनिा योगदान आज िे दरौर में िहीं
           अकधि प्ासंकगि है और जो हमें ितमाव्य पथ पर डटे रहने िे कलए िरते हैं प्ररत...
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           आजादी का जुिि तोड़िे को कोल्हू में
                                           ू

             जोते गए र् वी.ओ. सचदंबरम सपल्लई
                                  े



                             जन्म : 5 कसतंबर 1872,  मृत्यु : 18 निंबर 1936
            ह    मािे स्वतंत्रता आंदोलन में अग्णली र्ोगदान देने वाले   वाले नपल्लई ने भाितलीर् स्वतंत्रता संग्ाम में महत्वपूणया भूनमका



                                                                ननभाई र्ली। उन्होंने 1905 में बंगाल नवभाजन के बाद िाजनलीनत
                 वली.ओ. नचदंबिम नपल्लई एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानली र्े
                 नजन्होंने बाल गंगाधि नतलक से िाजनलीनत का पा्ठ सलीखा
           र्ा। उनका जन्म 5 नसतंबि 1872 को तनमलनािु में हुआ र्ा।   में प्रवेश नकर्ा र्ा। बाल गंगाधि नतलक तर्ा लाला लाजपत
                                                                िार् विािा शुरू नकर्े गए स्वदेशली आंदोलन से 1905 के अंत में
                           ‘वली.ओ. सली’ औि ‘कप्पलोनट्टर् तनमलन’   हली जुड़ गए। वह िामकृष्ण नमशन कली ओि भली आकनषयात हुए।
                                            के नाम से जाने जाने   नचदंबिम नपल्लई ने ‘स्वदेशली प्रचाि सभा’ बनाकि पूिे क्षेत्र में
                                                                इसका प्रसाि किना शुरू कि नदर्ा। उन्होंने बुनकि औि


                                                                                    न्यू इंसडया िमाचार   1-15 सितंबर 2022 49
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