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राष्टट्र  अमृत महोत्सवे



      भूपेंद्रिार् दत्त : स्वामी सववेकािंद                     िेताजी िुभार् चंद्र बोि की


     के ्छो्टटे भाई सजन्होंिे सवदेश में भी                         शस्क्त र्े शरत चंद्र बोि

          र्ामे रखी रिांसत की मशाल                               ताजली सुभाष चंद बोस के

            ित के स्वतंत्रता संग्ाम                          ने  ट्बल शूटि के तरौि पि
       भाके प्रनसद्ध क्रांनतकािली                                जाने जाने वाले उनके बड़े
                       ें
       तर्ा समाजशास्त्रली भूपद्नार् दत्त                    भाई शित चंद् बोस अनहंसक
       का जन्म 4 नसतंबि 1880 को                             मूल्र्ों पि र्कलीन िखते र्े। शित
       कोलकता में हुआ र्ा। वे स्वामली                       चंद् बोस ने हली सुभाष चंद बोस
       नववेकानंद के छोटे भाई औि ब्रह्म                      को वह आधाि प्रदान नकर्ा
       समाज के अनुर्ार्ली र्े। ब्रह्म                       नजससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद
       समाज ने उनकली धानमयाक औि      जन्म : 4 कसतंबर 1880   नमलली। सुभाष चंद बोस ने जब   जन्म : 6 कसतंबर, 1889,
       सामानजक मान्र्ताओं को आकाि   मृत्यु : 25 कदसंबर, 1961  आईसलीएस कली पिलीक्षा पास किने   मृत्यु : 20 ्फरिरी 1950
       नदर्ा र्ा नजनमें जानतनवहलीन समाज                     के बाद इस्तलीिा नदर्ा तब शित चंद् बोस ने उनके इस ननणयार् में पूिा

       में नवश्वास, एकेश्विवाद में नवश्वास औि अंधनवश्वास के नखलाि   सार् नदर्ा र्ा। वह भाितलीर् िाष्ट्लीर् आंदोलन के नवलक्षण र्ोद्धा र्े
       नवद्ोह शानमल र्ा। र्ुवावस्र्ा में नब्रनटश शासन से लड़ने के नलए   नजन्होंने देश कली स्वाधलीनता के नलए अर्क प्रर्ास नकर्ा। शित चंद्
         ें
       भूपद्नार् दत्त 1902 में बंगाल के क्रांनतकािली समाज में शानमल हो   बोस का जन्म 6 नसतंबि, 1889 को ओनिशा के कटक में हुआ र्ा।
       गए। इस अवनध के दरौिान वह अिनबंदो औि बािलीन्द् घोष के किलीबली   1911 में उन्होंने वकालत कली पढ़ाई पूिली कली औि इंग्लि चले गए।
                                                                                                  ैं
       सहर्ोगली बन गए। 1906 में वे र्ुगांति नामक बांग्ला समाचाि पत्र   नृपद् नार् नसिकाि के मागयादशयान में शित चंद् ने बैरिस्टि के रूप में
                                                               ें
       के संपादक भली बने जो बंगाल में क्रांनतकािली समाज का मुखपत्र र्ा।   बहुत प्रनसनद्ध हानसल कली औि भाित लरौटकि वकालत आिंभ कली।
       1907 में दत्त को नब्रनटश पुनलस ने िाजद्ोह के आिोप में नगिफ्ताि   हालांनक, बाद में वह वकालत छोड़कि सनवनर् अवज्ा आंदोलन में
       किके एक वषया के नलए जेल भेज नदर्ा। जुलाई 1908 में जेल से   शानमल हो गए। तत्काललीन भाित के गृह नवभाग कली रिपोट्ड में उन्हें
                               ें
       रिहाई के कुछ नदनों के बाद हली भूपद्नार् को पढ़ाई के नलए अमिलीका   “अपने भाई सुभाष चंद् बोस कली शक््तत औि कलकत्ता में सनवनर्
       भेज नदर्ा गर्ा। हालांनक, वह वहां भली चुप नहीं बै्ठ सके औि   अवज्ा आंदोलन का िाइनांसि” बतार्ा गर्ा र्ा। शित चंद् बोस
       िाष्ट्नहत में भाितलीर् स्वाधलीनता के नलए काम कि िहे गदि पाटशी   का पत्रकारिता में भली र्ोगदान िहा। उन्होंने 1929 में ‘ओरिएंट प्रेस
                                          ें
       में शानमल हो गए। प्रर्म नवश्व र्ुद्ध के दरौिान भूपद्नार् जमयानली   एजेंसली’ नामक एक समाचाि एजेंसली कली स्र्ापना कली र्ली। 1940 के
       चले गए औि वहां वह भाित कली स्वाधलीनता के नलए क्रांनतकािली   दशक में उन्होंने “द नेशन” अखबाि ननकालना शुरू नकर्ा। कुछ
       औि िाजनैनतक गनतनवनधर्ों में सनक्रर् हो गए। 1916 में वे बनलयान   वषया बाद शित चंद् बोस िाजनलीनत में आ गए। उनका नवश्वास र्ा नक
       में इंनिर्न इंनिपिेंस कनमटली के सनचव बने। 1921 में भूपद्नार्   ऐसा कुछ नहीं है जो नैनतक रूप से गलत हो औि िाजनलीनतक रूप
                                                ें
                   ें
       दत्त मास्को गए औि निि बाद में वहां से लरौट कि भाित आ गए।   से सहली। र्हली उनका मागयादशयाक नसद्धांत िहा। शित चंद् बोस पहले
       1930 में किाचली में आर्ोनजत भाितलीर् िाष्ट्लीर् कांग्स के वानषयाक   व्र्क््तत र्े नजन्होंने बंगाल औि पंजाब के नवभाजन का नविोध नकर्ा
                                            े
       सम्मेलन में उन्होंने भाितलीर् नकसानों के नलए एक मरौनलक अनधकाि   र्ा। इसली मुद्दे पि उन्होंने जनविली 1947 में कांग्स छोड़ दली औि
                                                                                              े
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       का प्रस्ताव िखा नजसे बाद में कांग्स कमेटली ने स्वलीकाि कि नलर्ा।   ििविली 1947 में नविोध आंदोलन शुरु नकर्ा। 15 अगस्त 1947
                                                 ें
       िाजनैनतक गनतनवनधर्ों के सनक्रर् सदस्र् होने के कािण भूपद्नार्   को भाित के स्वतंत्र होते हली शित चंद् बोस ने भाित, पानकस्तान,
       को नब्रनटश पुनलस ने कई बाि नगिफ्ताि नकर्ा। भूपद्नार् दत्त ने   नेपाल, बमाया औि नसलोन के क्षेत्रलीर् संग्ठन कली नहमार्त कली। वे
                                           ें
       समानजक उत्र्ान के नलए भली काम नकर्ा। वे एक लेखक भली र्े।   एनशर्ा के दनक्षण-पूवशी िाष्ट्ों कली एकता के भली समर्क र्े। शित चंद्
                                                                                                 या
       उन्होंने भाितलीर् समाज औि संस्कृनत पि अनेक पुस्तकें नलखली।   बोस सच्चे िाष्ट्वादली र्े। वे नवनभन्न तिलीकों से आनखि तक नवभाजन
       उन्होंने अपने बड़े भाई स्वामली नववेकानंद पि भली पुस्तक नलखली जो   िोकने के प्रर्ास किते िहे औि नवभाजन के हि संभव नवकल्प भली
       कािली चनचयात िहली। 25 नदसंबि 1961 को उन्होंने अंनतम सांस लली।
                                                            तलाशते िहे। 20 ििविली 1950 को उनका ननधन हो गर्ा।  n


          52  न्यू इंसडया िमाचार   1-15 सितंबर 2022
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