Page 8 - NIS Hindi 16-30 September,2022
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व्यक््ततत्वी   भारेत रेत्न लता मंगेशकरे





































                                                                                          जन्म: 28 तसिंबर 1929
                                                                                          मृर््त्ु: 6 िरवरी 2022


                सजोिकी आवञाजो ही पह्चञाि है...





                मेरी आवाज ही पहचान है, गर ्त्ाद रहे... … जी हां स्वर साम्ाज्ञी लिा मंगेश्कर, तजन्की

                 आवाज ही उन्के व््त्ल्क्िर्व ्को पररभातर्ि ्करिी थी। उन्की व््त्ल्क्िगि तजंदगी और
                उससे जुड़ी िमाम बािें उन्की मीिी आवाज और चढ़िे-उिरिे सुरों ्के आगे िी्की हो

                                                  ं
                जािी थीं। ्कहिे हैं त्क उन्के ्कि में स्व्त्ं सरस्विी ्का वास था। तजिनी मीिी आवाज
                   उन्की 14 वर् ्की आ्त्ु में थी, वही तमिास उन्के आतखरी गाने ि्क ्का्त्म रही।
                                  ्य
                        उन्के जन्मतदन ्के मौ्के पर पूरा देश उन्हें दे रहा भावभीनी श्द्ांजतल...




                       ता मंगेशकि का जन्म एक कहायािा ब्ाह्मण दादा   उन्हचोंने स्कूल से नाता तोड़ नलर्ा। इसके बाद वे पूिली तिह संगलीत
                       औि गोमंतक मिा्ठा दादली के घि, मध्र् प्रदेश के   से जुड़ गईं।
             ल इंदौि शहि में दलीनानाथ मंगेशकि कली सबसे बड़ली बेटली   र्जंदगी गम का ्सागरे भी है…
             के रूप में हुआ। पंनित दलीनानाथ मंगेशकि मिा्ठली संगलीत नाट्य   1942 में लता मंगेशकि के नपता का ननधन हो जाता है। सबसे बड़ली
             के लोकगार्क औि नाटककाि थे। इसनलए घि का माहौल पूिली   होने के नाते तलीन छोटली बहनचों- मलीना, आशा, ऊषा औि सबसे छोटे
             तिह संगलीतमर् था। वे संगलीत कली स्विलहरिर्चों के बलीच हली पलने   भाई ह्दर्नाथ सनहत परिवाि कली नजम्मेदािली लता के कंधचों पि आ

             लगीं, इसनलए संगलीत उनके साथ पा्ठशाला कली कक्ाओं में भली चला   आ गई। परिवाि कली आनथयाक श्स्थनत को देखते हुए उन्हचोंने अनभनर्
             आर्ा। एक बाि लता स्कूल में अपनली छोटली बहन ऊषा मंगेशकि   औि गार्न से हली आगे सिि तर् किने का ननश्चर् नकर्ा। नपता
             को भली साथ लेकि आईं। इस पि नशक्क ने कहा नक एक बच्चे कली   के नमत्र थे, मास्टि नवनार्क दामोदि कनायाटकली। वे नवर्ुग नचत्रपट
             िलीस में दो बहनें नहीं पढ़ सकतली। र्ह बात इतनली बुिली लगली नक   कंपनली के मानलक थे। उन्हचोंने लता को इस हुनि से आजलीनवका




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