Page 13 - NIS Hindi 16-30 September,2022
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आवीरे्ण कथा नए भारेत की ्संकल्प यात्ा








             मेरी सर्कार ्के ्काम ्करने ्का ए्क िरी्का है। अब
             अ्ट्काने, ल्ट्काने और भ्ट्काने वाला ्काम नहीं

              होिा, अब िाइलों ्को दबाने ्की संस््ककृति खर्म           देश ्के हर व््त्ल्क्ि ने नरेंद्र मोदी ्को
             ्कर दी गई है। सर्कार अपने हर तमशन, हर सं्क्पप            अपनी-अपनी नजर से देखा है। त्कसी
                  ्को जनिा ्के सह्त्ोग से पूरा ्कर रही है।            ने उन्हें ए्क समाज  सेव्क ्के रूप में
                                                                      देखा है िो त्कसी ने देश ्की सुरषिा ्के
                                          ें
                                                   े
            उलझाए िखतली थली। गिलीबली हटाओ कली बात होतली थली, लनकन लंबे समर्
                        ू
                                   ें
            तक गिलीबली उन्मलन कली नदशा म ्ठोस प्रर्ास नहीं हुए। ऐसे माहौल म  ें  प्रति ्कत्टबद् ए्क दृढ़ इच्छाशल्क्ि वाले
                                                                                ृ
            जब प्रधानमत्रली के रूप म निद् मोदली ने सत्ा संभालली तो उनके सामन  े  मजबूि नेिर्व्किा्य ्के रूप में। त्कसी
                     ं
                              ें
                                 ें
            सबसे बड़ली चुनौतली थली नक ‘चलता है, चलने दो, कुछ नहीं हो सकता,   ने उन्हें भारिी्त् संस््ककृति ्को तव्चव में
            एिजस्ट कि लो..’ जैसली सोच म नई ऊजाया का संचाि नकस तिह हो।   पहचान तदलाने वाले महान िपस्वी
                                    ें
            जबनक देश कली 65 िलीसदली आबादली 35 साल से कम उम् कली है तो 50   ्के रूप में देखा है िो त्कसी ने ्त्ोग
                                              ें
            िलीसदली आबादली 25 साल से कम उम् कली। नजनम स्वाभानवक आकांक्ाए  ं  और भारि ्को सभी वैल््चव्क मंच पर
                ैं
            भली ह औि िाष्ट् को प्रगनत कली नई ऊंचाईर्चों पि ले जाने का जज्बा भली।   प्रतिल्ष्टिि ्करने वाले भारि मािा ्के पुत्र
            पलीएम मोदली ने इस र्ुवा भाित कली र्ुवा आकांक्ाओं को किलीब से देखा-  ्के रूप में। ्त्ुवाओं ्को उनमें स््टा्टटिअप
                                                     ू
                                                      ं
            समझा। उनम नई ऊजाया का संचाि पैदा किने के नलए ‘न्र् इनिर्ा र्ानली   ्के तलए रास्िा तदखाने वाला माग्यदश्य्क
                      ें
            नर्ा भाित’ कली आवाज बुलंद कली, तानक नजस तिह जलीवन म कुछ नर्ा   नजर आिा है िो त्कसी ्को उनमें गरीबों
                                                       ें
            नमलने पि परिवाि म हि व्र्श््तत का उत्साह नदखता है, ्ठलीक उसली तिह,   ्को घर और उस घर में तबजली, पानी,
                           ें
                                                                                           ु
                 ु
            एक सिनक्त, समृद्ध औि प्रगनतशलील भाित के ननमायाण के नलए कुछ नर्ा   गैस, शौचाल्त् और आ्त्ष्टमान ्काडटि
            किने का संकल्प व उत्साह पैदा हो। उन्हचोंने निनजटल टेक्ोलॉजली को   उपलब्ध ्कराने वाला गरीबों ्का उद्ार्क
            नजस तिह से ग्हण नकर्ा है, अपनार्ा है वैसा नकसली औि नेता ने नहीं   तदखाई देिा है।
                                                                                      ें
                                    ें
            नकर्ा है। र्हली कािण है नक देश म पहलली बाि ऐसा हुआ नक समाज के   - अतमि शाह, ्कद्री्त् गृह
            आनखिली पश््तत म खड़ा व्र्श््तत सिकािली र्ोजनाओं का सलीधा लाभाथजी        एवं सह्काररिा मंत्री
                    ं
                        ें
            बना। ‘िाष्ट् प्रथम’ उनके जलीवन का मंत्र हली नहीं है बश्ल्क उन्हचोंने इस  े
            अपने जलीवन म उतािा है। वे एक क्ठोि प्रशासक भली ह।      तो वे कतई नहीं चूकते, बश्ल्क देश के समक् आने वालली
                       ें
                                                  ैं
                                                                                     ें
               उिली सनजयाकल स्ट्ाइक औि बालाकोट एर्ि स्ट्ाइक किके दुननर्ा को   चुनौनतर्चों को भली अवसि म बदलने का जबिदस्त माद्ा िखत  े
                                                                    ैं
                                                                          ें
            भाित कली ताकत नदखाई औि संदेश नदर्ा नक भाित अपनली सलीमाओं कली   ह। ऐसे म आत्मननभयािता के नलए आत्मनवश्वास से लबिेज
                                                                                            ें
            िक्ा के नलए नकसली भली हद तक जा सकता है।                मोदली ने भनवष्र् के भाित कली नदशा म कदम बढ़ार्ा है तो इस
                                      ु
               देश को आत्मननभयाि बनाने कली मनहम को जन आंदोलन का रुप द  े  बदलाव का साक्ली बन िहा वतयामान सुनहिा इनतहास जरुि
                     ं
                                  ें
            चुके प्रधानमत्रली मोदली के बािे म उनके नविोधली भली मानते ह नक अवसि   नलखेगा।
                                                     ैं
            में जनकल्र्ाण से जगकल्र्ाण कली सोच प्राथनमकता बनली है। र्हली   बलीते 8 वषया के दौिान देश में अनेक बड़े काम हुए हैं। इनमें से
            कािण है नक अब सिकाि ने अमृत काल में सभली र्ोजनाओं का लाभ   अनेक अनभर्ान ऐसे हैं नजनके मूल में व्र्वहािगत बदलाव है। ऐसा
            शत-प्रनतशत लोगचों तक पहुंचाने का लक्षर् िखा है। प्रधानमंत्रली मोदली   किना नकसली भली नेतृत्व के नलए सहज नहीं होता, लेनकन जन-नलीनत
            ने एक मजबूत, समृद्ध, समावेशली औि नवकनसत भाित बनाने के   को अपना ध्र्ेर् मानकि सेवा में जुटे प्रधानमंत्रली मोदली ने इस नदशा
            नलए अगले 25 वषषों के अमृत काल के रूप में एक नर्ा संकल्प   में साथयाक प्रर्ास नकर्ा। स्वच्छता हो र्ा सिकाि कली कोई भली नलीनत-
            िाष्ट् को नदर्ा है। उसे साकाि किने के नलए जन-जन को प्रेरित   र्ोजना, जन-जन का जुड़ाव हि स्थान पि परिलनक्त हुआ है। अब
            भली नकर्ा है।                                         एक नई सोच के साथ भाित ने अमृत र्ात्रा प्रािंभ कली है।




                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 डसतंबर 2022  11
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