Page 30 - NIS Hindi 16-31 JAN 2022
P. 30

आवरण कथा    पय्थटन से समावेशी दवकास




                             यु
                                                  ं
        उत्ति प्रदेश में महािाजा सहेलदेव कली 40 फलीट कली काट्र
        प्रन्मा परयाटकों को उनके जलीवन से परिनच् किाएगली। इस
        ट््ल पि अनेक सयुनवधाओं का ननमाया्ण परयाटकों के नलए
        आकषया्ण का केंद्र होगा। रे सािे प्ररास, बहिाइच कली संदि्ा
                                                 यु
        हली नहीं बढ़ाएंगे बस्लक रहां आने वाले परयाटकों कली संखरा
              ृ
        में भली वनद्ध किेंगे।
        हेलथ-वेलनेस टूररजम को नए आयाम
        कुछ लोग सोच सक्े हैं नक हेल् केरि के प्रोग्ाम का टूरिजम

        से करा लेना देना? लेनकन हेल् का टूरिजम के सा् एक बड़ा      प्िाद योजना से बुवनयादी
        मजबू् रि््ा है करोंनक जब नकसली देश का हेल् इंरिाट्रिकचि     सुविधाओं का विकास
        मजबू् हो्ा है, ्ो उसका प्रभाव टूरिजम सेकटि पि भली पड़्ा है।
                                  यु
        नफककली कली एक रिपोट्ड के मयु्ानबक दननरा के मेनिकल टूरिजम में   n ती्मायात्ा कायाक्प और आधयाशतमक ्संविमान ड्राइव
                                                                    (प्शाद) एक राषट्ीय धमशन है धज्से पयमाटन मंत्ालय
        भाि् का नहट्सा 20 फलीसदली से जरादा है। भाि् में अमेरिका औि   द्ारा विमा 2014-15 में शुरू धकया गया ्ा। यह योजना शत
        रिोप के मकाबले 50 फलीसदली ्क सट््ा इलाज इसकली मखर           प्धतशत केनद्ीय रूप ्से धवत्त पोधित है ।
                                                  यु
                यु
          ू
        वजह है। केंद्र सिकाि कली ओि से लगा्ाि इस नदशा में धरान
        देने का न्लीजा है नक 2014 कली ्युलना में कोनवि के ्ठलीक पहले   n • यह योजना िाधममाक पयमाटन अनुभव को ्समृधि करने के
        ्क मेनिकल टूरिजम सेकटि में आने वाले परटकों कली संखरा        धलए देश भर के ती्मा स्लों की पहचान और धवका्स
                                          या
        में 350% से जरादा कली वृनद्ध देखने को नमलली। 2014 में इससे   पर केंधद्त है।  इ्सका मुखय उद्े्य पूणमा िाधममाक पयमाटन
        होने वालली कमाई 1.23 लाख किोड़ रुपरे ्ली ्ो 2019 में रह      अनुभव प्दान कराना और ्सा् ही प्ा्धमकता वाले
                                                                    और स्ायी तरीके ्से ती्मा स्लों का एकीकृत धवका्स
        बढ़कि 2.10 लाख किोड़ रुपरे ्क पहंच गई। रानली नजन-नजन          करना है।
                                    यु
        जगहों पि हेल् इंरिा बेह्ि होगा, वहां टूरिजम कली संभावनाएं
                                                                                      ु
        औि जरादा बेह्ि होंगली। हॉस्ट्पटल औि हॉस्ट्पटरैनलटली एक दूसिे   n • ्सड़क, रेल, जलयात्ा ्से जड़े टधममानल, मोबाइल-इंटरनेट
                                                                       े
        के सा् नमलकि चलेंगे।                                        कनशकटधवटी, शौचालय, रिाफट बाजार, एटीएम, मनी
                                                                                      ु
                                                                                   ै
           भाि् आज हेल् टूरिजम के मानक में दननरा के ्लीन बड़े        एक्सचेंज काउंटर ज्सी बधनयादी ्सुधविाओं का धवका्स
                                        यु
        देशों में शानमल है। हेल्-वेलनेस टूरिजम का मूल नसद्धां् है-   इ्सके जररए धकया जा रहा है।
                                 यु
        बलीमािली का इलाज औि आगे कली ्ंदरुट््ली। इसका सबसे मजबू्
        ट््भ आरयुववेद व पािंपरिक नचनकतसा है। आरयुववेद से जयुड़े पूिे
          ं
        इकोनसट्टम के नवकास से देश में हेल् एंि वेलनेस से जयुड़े
        टूरिजम को भली बढ़ावा नमल िहा है। भाि् कली नवनवध्ा कली
        कलपना हली, मसलन- केिल के हिे-भिे वा्ावि्ण में निटॉकस
        लेना, उत्तिाखंि में पहाड़ पि हवाओं के झोंकों के बलीच खूबसूि्

        नदली के ्ट पि रोग किना, पूववोत्ति के हिे-भिे जंगल के बलीच              स्ल शाखमल हैं इसमें
        भ्रम्ण, अलग हली अनभून् का अहसास किा्ा है। प्रधानमंत्रली   57           27 राज्यों/केंद्र शाखसति
                        यु
        निेंद्र मोदली हेल्-वेलनेस टूरिजम के बािे में कह्े हैं, “रनद आप         प्रदेशों के।
        अपने जलीवन के ्नाव से पिेशान हैं ्ो समझ ललीनजए नक आपको
        भाि् कली काला्ली् संट्कृन् को अपनाने का समर आ गरा है।         24 राज्यों में करीब1160 करोड़
        जब कभली आप अपने शिलीि का इलाज किना चाह्े हैं अ्वा          रुप्ये की 36 परर्योजनाओं पर काम
        अपने मन का उपचाि किना चाह्े हैं ्ो भाि् आएं।” इस क्षेत्र           शुरू कर खद्या ग्या है।
             या
        में परटन को बढ़ावा देने के नलए भाि् ने िाषरिलीर आरयुष नमशन



          28  न्यू इडिया समाचार | 16-31 जनवरी 2022
               ं
   25   26   27   28   29   30   31   32   33   34   35