Page 31 - NIS Hindi 01-15,April 2023
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आवरण कथा बजट वेबबनार




                                                                       अमल की ्यात्ा…...



                                                                 ां
                                                            n गभीर बीमेाररयों के क्लए देश मेें अच्छटे और आधयुकनक हेल््थ
                                                               इफ्ा का होना जरूरी है। घर के पास ही ्टटेक्स््टंग की सयुकवधा
                                                                ां
                                                               कमे्ले, प्ा्थकमेक उपर्ार की बेहिर सयुकवधा हो, इसके क्लए
           उपलब््धध्यां जो बिी आधार…                           देशभर मेें डढ़ ्लाख हेल््थ एड वे्लनेस स्टर िैयार हो रहे हैं।
                                                                                             ें
                                                                        टे
                                                                                    ां
        n बीिे वर्षषों के बज्ट मेें भारि ने स्वास््थ्य क्षेत्र पर कवशेर्ष ध्यान   n  पीएमे आयष्मेान भारि हेल््थ इफ्ास्रिट्र्र कमेशन के िहि
                                                                       यु
                                                                                     ां
           कदया है। कनरांिर कोकशश हो रही है कक भारि की कवदेश पर   कक्क्टक्ल हेल््थ इफ्ा को छो्टटे शहरों और कस्बों िक ्ले जाया
                                                                            ां
           कनभ्चरिा कमे से कमे रहे।                            जा रहा है। इससे छो्टटे शहरों मेें नए अस्पिा्ल िो बन ही रहे हैं,
                                                                            यु
        n स्वास््थ्य सेवा को केव्ल स्वास््थ्य मेांत्रा्लय िक सीकमेि   हेल््थ सेट््टर से जड़ा एक पूरा इकोकसस््टमे कवककसि हो रहा है।
                               ां
           नहीं रखा गया है बक्ल्क सपूण्च सरकार के दृक्ष््टकोण को   n इसमेें भी स्वास््थ्य क्षेत्र से जयुड़टे उद्कमेयों-कनवेशकों-पेशेवरों के
           अपनाया जा रहा है।                                   क्लए अनेक नए अवसर कदए जा रहे हैं।

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        n र्ामेा्च और मेकडक्ल कडवाइस सेट््टर मेें सभावनाओं को   n अब 5जी िकनीक के कारण इस सेट््टर मेें स््टा्ट्डअप के क्लए
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                                                                       ां
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           देखिे हए कपछ्ले कुछ वर्षवो मेें कई नई योजनाए शरू की   भी बहयुि सभावनाए बन रही हैं। ड्ोन ्टटेक्ो्लॉजी की वजह
                               े
           गई हैं। बल्क ड्ग पाककु, मेकडक्ल कडवाइस पाककु कवककसि   से दवाओं की कडक्लवरी और ्टटेक्स््टंग के ्लॉकजक्स््टट्स मेें
                                                                     ां
           की जा रही है।                                       एक क्ाकिकारी पररवि्चन आ रहा है। इसमेें उद्कमेयों के क्लए
                                                               अवसर बन रहे हैं।
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                                        ां
        n पीएमे मेािृ वदना योजना और कमेशन इद्रधनयुर्ष जैसे
                                                                 े
           काय्चक्मेों से हमे स्वस््थ मेािृत्व और स्वस््थ बर्पन   n मेकडक्ल कडवाइस सेट््टर मेें कपछ्ले कुछ वर्षवो मेें 12 से 14
           सयुकनक्श्र्ि कर रहे हैं। योग, आययुवसेद, कर््ट इांकडया मेूवमेें्ट   प्किशि की दर से बढ़ोिरी हो रही है। आने वा्ले 2-3 वर्षषों मेें
                                                               यह बाजार 4 ्लाख करोड़ रुपये िक पहयुांर्ने वा्ला है।
           से बीमेाररयों से बर्ने मेें मेदद कमे्ली है।      n भकवष्य की मेकडक्ल िकनीक, कवकनमेा्चण और शोध के क्लए
                          260                                  कौश्ल ययुट्ि काय्चब्ल पर कामे शरू ककया गया है। अगर
                                                                         े
                                                                                        यु
                                                               इसमेें प्ाइवे्ट सेट््टर और अकादकमेक जगि के सा्थ हमे
                                                                    े
                                                                           े
               से अदध्क नए मदि्कल ्कॉलेज बीते वषषों            िा्लमे्ल कबठा ्लिे हैं िो ये सेट््टर 10 ्लाख करोड़ रुपये के
                            े
              में िुले हैं, इससे मदि्कल सीटों ्की संख्या       बाजार को भी पार कर सकिा है।
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                2014 ्के म्काबले िोगोुनी हो च्की है।        n आईआई्टी और दूसरी सस््थाओं मेें मेकडक्ल उपकरणों की
                                                                                          े
                                                                                  ां
                                                                   यु
                                                                                            े
                                                               मेैन्यर्रैट्र्ररांग की रिटेकनांग के क्लए बायोमेकडक्ल इजीकनयररांग
                                                                                                  ां
                                                                                               ां
                                                               और उसके जैसे दूसरे कोससेस भी र््लाए जाएगे। इसमेें
                                                               भी प्ाइवे्ट सेट््टर की अकधक भागीदारी कसे हो, उद्ोग,
                                                                                             रै
                                                               अकादकमेक क्षेत्र और सरकार इन सबके बीर् अकधक से अकधक
                                                                   े
                                                               िा्लमे्ल कसे हो, इस पर कमे्लकर कामे ककया जाएगा।
                                                                       रै
                                                            n स्टर ऑर् एट्सी्लेंस के मेाध्यमे से र्ामेा्च मेें शोध और
                                                                 ें
                                                               इनोवेशन को बढ़ावा देने के क्लए नया प्ोग्ामे ्लाांर् ककया जा
                                                               रहा है।
                                                                                          ां
                                                            n भारि के प्यासों से कवश्व स्वास््थ्य सगठन का रिटेकडशन्ल
                                                                                    ें
                                                                          यु
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                ं
             ई-सजीवनी जस टली कसल्शन क प्रयासों स घर            मेकडकसन से जड़ा ग््लोब्ल स्टर भारि मेें ही बन रहा है।
                                                े
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              बठ ही 10 करोड़ लोग डॉक्टरों से ऑनलाइन
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                    कसल्शन का लाभ ल चक ह।
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