Page 48 - NIS Hindi 01-15,April 2023
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राष्टट्र अमृि महोत्सव
वी. वी. सुब्रमण्य अय्यर
ऐसे राष्ट्रवािी जो शस्त्ों के िम पर
आजािी पािे में रख्ते थे नव्ववास
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जन्म : 2 अप्ल 1881, मृत््य : 3 जन, 1925
तंत्रता सेनानली औि क्रांनतकािली िाष्ट्भक्त वली. वली. सुरिमण्र् द्ािा अत्र्ाचािली अंग्ज शासकों कली हत्र्ा को स्वतंत्रता संग्ाम का अंग मानत े
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अय्र्ि का जन्म 2 अप्रैल 1881 को तत्काललीन मद्रास थिे। कहा जाता है नक पानिचिली पहंचने पि उन्होंने र्ुवाओं को शस्त्र चलाना
प्रदेश में नतरुनचिापल्लली नजले के विाकानेिली गांव में हुआ थिा। उनका नसखार्ा औि देश के अन्र् क्रांनतकारिर्ों के पास हनथिर्ाि भली पहंचार्ा।
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पूिा नाम विाहनेिली वेंकटेश सुरिमण्र् अय्र्ि थिा। नशक्षा पूिली किने वह एक प्रनसद् तनमल नवद्ान भली थिे। उन्होंने इस भाषा के नवकास म भली
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के बाद वह अपने नजले में वकालत किने लगे। बाद में वह अनधक बहुत र्ोगदान नदर्ा। वली. वली. सरिमण्र् अय्र्ि ने साविकि कली भाित के
सफलता प्राप्त किने के उद्े्चर् से पहले िंगून गए औि नफि बैरिस्टि नवनभन्न नहस्सों, नवशेष रूप से पंजाब, महािाष्ट्, बंगाल, तनमलनाि औि
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बनने के नलए इंग्लि चले गर्े। लंदन में उन्होंने बैरिस्टि ऑफ लॉ आंध्र प्रदेश म नविोध प्रदशयान किने म मदद कली। उन्होंने वलीि साविकि द्ािा
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कली पिलीक्षा उत्लीर् कली लेनकन उन्होंने निग्ली लेने से इंकाि कि नदर्ा। मिा्ठली म नलनखत पुस्तक ‘1857 का स्वातंत्र् समि’ का अंग्ेजली अनुवाद
र्हीं उनकली मुलाकात महात्मा गांधली से हुई थिली। वलीि साविकि औि म सहर्ोग नकर्ा औि गुप्त रूप से भाित म इसका प्रचाि-प्रसाि नकर्ा।
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्चर्ामजली कृष्र् वमाया से भली उनकली मुलाकात र्हीं हुई थिली जो वहां इस पुस्तक का तनमल म भली अनुवाद नकर्ा गर्ा। वह अपने जलीवन काल
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भाित कली स्वतंत्रता के नलए काम कि िहे थिे। वहां अय्र्ि ‘इंनिर्ा म अनधकांश समर् नगिफ्तािली से बचने का प्रर्ास किते िहे। हालानक,
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हाउस’ भली आने-जाने लगे जो लंदन में भाितलीर् िाष्ट्वानदर्ों का एक जब अंग्ेजों ने उन्ह जेल म िाल नदर्ा तब उन्होंने उस समर् का उपर्ोग
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प्रमुख न्ठकाना हुआ किता थिा। वलीि साविकि औि वली. वली. सुरिमण्र् महत्वपूर् तनमल सानहत्र् का अंग्ेजली म अनुवाद किने म व्र्तलीत नकर्ा।
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अय्र्ि के बलीच जल्द हली दोस्तली हो गई। बाद में वह भाित आ गए औि 1917 म महात्मा गांधली के पानिचिली र्ात्रा के दौिान अय्र्ि उनसे नमले औि
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सुरिमण्र्म भाितली औि मंिर्म श्लीननवासचािली जैसे अन्र् स्वतंत्रता अनहंसा के अनर्ार्ली बन गए। वह बाल गंगाधि नतलक के भली अनर्ार्ली थिे।
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सेनाननर्ों के साथि पांनिचेिली (अब पुिुचेिली) में बस गए। अय्र्ि कई भाषाओं के जानकाि थिे औि तनमल पनत्रका ‘देसबक्थिन’ के
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सरिमण्र् क्रांनतकािली नवचािों के व्र्ब्क्त थिे। उनका मानना थिा नक शस्त्रों संपादक थिे। आज भली उन्ह आधुननक तनमल लघुकथिा के जनक के रूप म ें
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के बल पि हली भाित को आजाद किार्ा जा सकता है। वह क्रांनतकारिर्ों जाना जाता है। उनका 3 जून, 1925 म ननधन हो गर्ा।
रत्न और आभषण के क्ेत् में भारि बव्वव में अग्रणी
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कहा जाता है- बदलाव के नबना प्रगनत असंभव है औि जो अपनली सोच नहीं रत्न और आभयूर्णों का बढ़ रहा नि्या्ष्त
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बदल सकता वह कुछ भली नहीं बदल सकता। आजादली के अमृत काल म ें भारि से लगभग 3 लाख करोड़ रुप्ये मे्क्य के रत्न और आभूषण तन्या्ति तकए गए
हमािे ित्न औि आभूषर् क्षत्र म भली अब र्ह बदलाव देखने को नमल िहा है।
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इसली बदलाव के कािर् हमािे ित्न औि आभूषर् सेक्टि के पास ‘लोकल रत्न और आभूषण का तन्या्ति करोड़ रुप्ये मेें
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गोज ग्लोबल औि दुननर्ा के नलए मेक इन इनिर्ा’ के लक्षर् को प्राप्त किन े 291481
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औि न्र् इनिर्ा कली प्रेिक ताकत बन जाने कली क्षमता है। भाित का ित्न एव ं
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आभूषर् सेक्टि दुननर्ा भि म अपने आकषयार् औि कम कलीमत के नलए जाना
जाता है। साथि हली, र्ह सेक्टि नए भाित कली भावना का प्रतलीक है जो कािलीगिों 184420
को देता है िोजगाि…...
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l 2021-22 म भाित से लगभग 3 लाख किोड़ रुपर्े मूल्र् के ित्न औि 33734
आभूषर् ननर्ायात नकए गए। 5247
l सकल घिेलू उत्पाद (जलीिलीपली) म सोने औि हलीिे के व्र्ापाि का लगभग 1 45 618
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7 प्रनतशत र्ोगदान है। इसम 50 लाख से अनधक लोग कार्याित ह। ैं
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l नपछले दो दशकों म ननर्ायात म लगभग 9 गुना वनद् हुई है। 1960-61 1970-71 1980-81 1990-91 2000-01 2010-11 2021-22
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l लीिे औि चांदली के आभूषर्ों के ननर्ायात म भाित का पहला स्थिान है। स्ोि: आत्थक सिक्षण (2021-22, 2019-20), PIB, Dashboard
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46 न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 अप्रैल 2023