Page 49 - NIS Hindi 01-15,April 2023
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राष्टट्र अमृि महोत्सव
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सागरमल गोपा सी एफ एड्रयूज
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नजिके बनलिाि से स्व्तत््ता गरीब और शोनर््तों के
आंिोलि को नमली िई चे्तिा ‘िीिबंधु’
जन्म : 3 निंबर 1900, मृत््य : 4 अप्ल 1946 जन्म : 12 फरिरी 1871, मृत््य : 5 अप्ल 1940
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ित के स्वतंत्रता सेनानली औि देशभक्त सागिमल गोपा का ितलीर् स्वतंत्रता आंदोलन म देशवानसर्ों के साथि-साथि
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जन्म 3 नवंबि 1900 को िाजस्थिान के जैसलमि रिर्ासत नवदनशर्ों ने भली बढ़-चढ़कि भनमका ननभाई थिली। ऐसे हली नवदेशली
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म हुआ थिा। सागिमल प्रनतबनधत प्रजामिल के नेता थिे औि उन्होंन े लोगों म गांधलीवादली स्वतंत्रता सेनानली सली. एफ. एड्र्ूज का नाम भली शानमल
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जैसलमि तथिा आसपास के क्षत्रों म लोगों को स्वतंत्रता संग्ाम म भाग है नजनका जन्म 12 फिविली 1871 को इंग्लि म हुआ थिा। सली. एफ.
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लेने के नलए प्ररित नकर्ा। 1921 म सागिमल महात्मा गांधली के असहर्ोग एड्र्ूज का पिा नाम चाल्सया फ्र्ि एड्र्ूज थिा। वह 20 माचया 1904 को
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आंदोलन का भली नहस्सा बने औि जैसलमि के लोगों से आंदोलन म भाग भाित आए औि नफि नदल्लली के सट स्टलीफन कॉलेज से जड़ गए। भाित
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लेने का आह्ान नकर्ा। सागिमल के नपता आख्र्ा िाज, जैसलमि के म अपने आगमन को एड्र्ूज ने दूसिा जन्म माना थिा। उन्ह र्हां आत े
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तत्काललीन शासक महािावल जवाहि नसंह के दिबाि म काम किते थिे। हली ऐसा लगा जैसे वह नकसली स्वप्नलोक म आ गए ह। भाित म अपन े
अपनली र्ुवावस्थिा के दौिान, उन्होंने नरिनटश भाित म स्वतंत्रता आंदोलन लंबे प्रवास के दौिान नरिनटश समाज सुधािक एड्र्ूज ने भाितलीर् जनता
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को लेकि अपने गृह िाज्र् म नदखाए जा िहे उदासलीन िवर्े को महसूस कली सामानजक, आनथियाक औि िाजनलीनतक समस्र्ाओं को समझा। उन्होंन े
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नकर्ा। इससे वह बहुत आहत हुए औि उनके अंदि धलीिे-धलीिे नवद्रोह कली महात्मा गांधली, गोपाल कृष्र् गोखले औि अन्र् प्रमुख भाितलीर्ों के सहर्ोग
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ज्वाला भड़कने लगली। से नरिनटश शासन के नखलाफ लड़ाई लड़ली। एड्र्ूज के िवींद्र नाथि टगोि के
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जवाहि नसंह ने रिर्ासत म पनत्रकाओं के मुद्रर् औि पढ़ने पि प्रनतबंध साथि बहुत गहिे संबंध थिे। टगोि ने उन्ह कई अवसिों पि शानत ननकेतन
लगा नदर्ा। ऐसे म महािाजा के प्रनतबंध को धत्ा बताते हुए सागिमल न े आमनत्रत नकर्ा थिा। एड्र्ूज ने महात्मा गांधली के साथि नमल कि अफ्लीका
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अपनली पुस्तक ‘जैसलमि का गिािाज’ म जवाहि नसंह के अत्र्ाचािों का म भली काम नकर्ा थिा। वहां के भाितलीर्ों को उनके बुननर्ादली अनधकाि
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उल्लख नकर्ा औि कई पुस्तकों का प्रकाशन कि जनता को स्वतंत्रता नदलाने म सफलता हानसल कली थिली। उन्होंने भाित को आजाद किाने औि
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आंदोलन म शानमल होने के नलए प्ररित नकर्ा। सागिमल ने जैसलमि दलीन-दुखली भाितलीर्ों कली सेवा के नलए अपना पिा जलीवन न्र्ोछावि कि
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िाज्र् के शासन कली जन नविोधली नलीनतर्ों का जमकि नविोध नकर्ा नजसके नदर्ा। र्हली कािर् है नक भाितलीर् उन्ह दलीनबंधु र्ा गिलीबों एवं शोनषतों का
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कािर् हैदिाबाद औि जैसलमि िाज्र् के रिर्ासतों ने अपने क्षत्र म उनके नमत्र कहते थिे। सली. एफ. एड्र्ूज ने भाितलीर् नेताओं के द्ािा चलाए गए
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प्रवेश पि प्रनतबंध लगा नदर्ा। सागिमल अपने परिवाि के साथि नागपि कई आंदोलनों म भली भाग नलर्ा। उन्होंने भाितलीर् स्वतंत्रता आंदोलन का न
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चले गए लनकन जब उनके नपता कली मृत्र् हुई तो 25 मई 1941 को केवल समथियान नकर्ा बब्ल्क नरिनटश नलीनतर्ों का जमकि नविोध भली नकर्ा।
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उनका अनतम संस्काि किने के नलए जैसलमि आए। तब उन्ह िाजद्रोह वह एक प्रनसद् लेखक भली थिे। उन्होंने सैकड़ों लखों के साथि लगभग
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के आिोप म नगिफ्ताि कि छह साल कली क्ठोि कािावास कली सजा सुनाई एक दजयान ऐसली िचनाएं िचली नजसका आम भाितलीर् के जलीवन के साथि
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गई। उन्ह सालों तक जेल म प्रतानड़त नकर्ा गर्ा। कहा जाता है नक इस मानवजानत कली समस्र्ाओं से गहिा संबंध थिा। एड्र्ूज के बािे म महात्मा
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दौिान उन्ह जेल म जलार्ा भली गर्ा। 4 अप्रल 1946 को उनका ननधन गांधली ने एक बाि कहा थिा, “वह इंग्लि का एक अच्छा बेटा थिा औि वह
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हो गर्ा। सागिमल गोपा के बनलदान से देश कली जनता को स्वतंत्रता भाित का भली बेटा बन गर्ा। म इनसे बेहति व्र्ब्क्त र्ा बेहति ईसाई स े
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आंदोलन म भाग लेने कली एक नई चेतना नमलली। उनकली शहादत ने जनता नहीं नमला हं।” माना जाता है नक महात्मा गांधली औि िवींद्रनाथि टगोि कली
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के आक्रोश को नई नदशा दली औि सभली प्रकाि कली गुलामली के बंधनों को मुलाकात, एड्र्ूज के माध्र्म से हली हुई थिली। एड्र्ूज ने एक ओि पब््चचम
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तोड़ फकने के संकल्प को मजबूत नकर्ा। 1986 म भाित सिकाि न े म महात्मा गांधली के नसद्ांतों कली व्र्ाख्र्ा किने औि भाितलीर् नेताओं तथिा
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उनके सम्मान म िाक नटकट जािली नकर्ा। वषया 2022 म लाल नकल े नरिनटश सिकाि के बलीच बातचलीत कली संभावनाएं तलाशने का काम हाथि म ें
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कली भव्र् दलीवािों पि नवनभन्न िाज्र्ों औि कद्र शानसत प्रदशों के प्रमुख नलर्ा तो दूसिली ओि उन्होंने नव्चव भाितली कली स्थिापना म िवींद्रनाथि टगोि
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स्वतंत्रता सेनाननर्ों से जुड़ली कलाकृनतर्ां सजाई गई थिली नजसम सागिमल का सहर्ोग भली नकर्ा। 5 अप्रल 1940 को उनका ननधन हो गर्ा। भाित
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गोपा को अनद्तलीर् र्ोगदान के नलए श्द्ाजनल दली गई थिली। सिकाि ने उनके सम्मान म िाक नटकट भली जािली नकर्ा है। n
न््ययू इंनि्या समाचार 1-15 अप्रैल 2023 47