Page 45 - NIS Hindi 16-30,April 2023
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राष्टट्र  अमृत महोत्सवी




                                              माधवराव िप्             े



                                              स्वतिंत्रतिा िंग्ाम में नलया भाग,

                                              नहंदी को नदया बढ़ावा




                                              जन्म : 19 जून, 1871, मृत्यु : 23 अप्रैल 1926

        ले   खक और स्वतंत्ता संग्ाम सेिािी पंनित माधवराव सप्  े  हुआ था। नरिनटश गवि्यमेंट प्स ए्तट के अंतग्यत वष्य 1908 में पनत्का
                                                                                 े
                                                                                                           े
             का जन्म 19 जूि, 1871 को मध््य प्देश के दमोह नजले   को बंद कर नद्या ग्या। बाल गंगाधर नतलक की अिुमनत से सप् िे
        के पथरर्या गांव में हुआ था। मेधावी ्छात्, सप् में नहंदी भाषा और   इसी दौराि 1907 में नतलक के मरा्ठी समाचार पत् ‘केसरी’ के
                                          े
        सानहत््य के नलए एक जुिि था। कहा जाता है नक नरिनटश सरकार िे   नहंदी  संस्करण  ‘नहंदी  केसरी’  साप्तानहक  का  िागपुर  से  प्काशि
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        जब उन्हें सरकारी िौकरर्यों में उच् पद पर नि्युक््तत का आमंत्ण   शुरू नक्या। सप् िे बाल गंगाधर नतलक विारा मरा्ठी में नलखी ‘गीता
                                                                         े
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        नद्या तो उन्हािे उसे ्ठुकरा नद्या। उन्होंिे स्वतंत्ता संग्ाम और नहंदी   रहस््य’ का भी नहंदी में अिुवाद नक्या। उन्हें ‘नहंदी केसरी’ में काला
        के प्चार के नलए मामूली वेति पर नशक्क बििा स्वीकार नक्या।   पािी जैसे देशद्ोही लेख नलखिे के आरोप में नगरफ्तार नक्या ग्या था।
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        माधव सप् स्वतंत्ता संग्ाम में शानमल होिे के नलए लोकमान््य   माधवराव सप् अस्पृश््यता को एक सामानजक कलंक मािते थे।
        बाल गंगाधर नतलक से प्ररत हुए थे। उन्होंिे वष्य 1900 में मानसक   वे बानलका नशक्ा और मनहला स्वतंत्ता के प्बल समथ्यक थे। उन्होंिे
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        पनत्का ‘्छत्तीसगढ़ नमत्’ का प्काशि शुरू नक्या।       वष्य 1912 में रा्यपुर में जािकी देवी कन््या पा्ठशाला की स्थापिा
          माधवराव सप् की प्रणा से रा्यपुर के कंकलीपारा में आिंद समाज   की। 1921 में महात्मा गांधी के आह्ाि पर उन्होंिे रा्यपुर में राष्ट्ी्य
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        वाचिाल्य की स्थापिा की गई जो राष्ट्ी्य चेतिा और राजिीनतक   नवद्याल्य और अिाथाल्य की स्थापिा की। सप् ्छत्तीसगढ़ के कई
                                        े
                                                       ं
                 ें
        नवमश्य के कद् के रूप में उभरा। 1905 में सप् िे िागपुर में ‘नहंदी ग्थ   शहरों में अपिे नवमश्य के माध््यम से राजिीनतक जागरूकता पैदा
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        प्काशि मंिली’ की स्थापिा की और वष्य 1906 में ‘नहंदी ग्थमाला’   करते रहे। वे 1924 में देहरादूि में आ्योनजत अनखल भारती्य नहंदी
        िामक मानसक पनत्का का प्काशि आरंभ नक्या। इसके एक अंक में   सानहत््य सम्मेलि के अध््यक् चुिे गए। इस महाि लेखक िे 23
        ‘स्वदेशी आंदोलि और बनहष्कार’ िामक एक लंबा निबंध प्कानशत   अप्ल 1926 को रा्यपुर में अंनतम सांस ली।
                                                                ै
          नतिलहि के उत्पादि में वृनधि                      1950-51 के बाद से डतलहन के उत्पादन           37.70
                                                                                 ृ
                                                               मेें सात गुना से अड्धक की िडधि   32.48
          सरकार की प्ाथनमकता दलहि का उत्पादि बढ़ािा
                               े
          और आत्मनिभ्यर भारत के उद्श््य  को पूरा करिा है।
          लक्ष्य प्ाक्प्त की रणिीनत के तहत इि फसलों की
          खेती का रकबा बढ़ािा, अनधक पैदावार वाली नकस्मों                            18.61  18.44
          के माध््यम से उत्पादकता बढ़ािा, एमएसपी समथ्यि   उत्पादन (डमेडल्यन टन मेें)
          और खरीद के माध््यम से उत्पादि बढ़ािा शानमल                  9.63  9.37
          है। भारत दुनि्या में नतलहि का चौथा सबसे बड़ा   5.16   6.98
          उत्पादक है। भारत सरकार के प््यासों का ही ितीजा
          है नक 1950-51 के बाद से नतलहि के उत्पादि में    1950-51 1960-61 1970-71 1980-81 1990-91 2000-01 2010-11  2021-22
          सात गुिा से अनधक की वृनद्ध हुई है। साथ ही, दलहि   n  भारत दुिनया मेें ितलहन का चौथा सबसे बडा उत््पादक है।
          के उत्पादि के नलए नकसािों को तकिीकी सहा्यता
                                                          n  ितलहन का उत््पादन और उत््पादकता बढाने के िलए राष्ट्रीय खाद्य
          और महत्वपूण्य जािकारी के अलावा अन््य सुनवधाएं     सुरक्ा िमेशन (ितलहन) सभरी ििलों मेें काय्य कर रहा है।
          भी मुहै्या कराए जा रहे हैं।




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