Page 4 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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सपादक की कलम से...
                                        ां




                एक देश, एक कर : राष्टट्र का आड्थथिक एकीकरण






                              “यद दुरं यद दुराद्यम, यद च दुरै, व्यवस्थितम्,

                               तत् सव्वम् तपसा साध्यम तपोहिदुर्ततिक्रमम।”

                  अर्ाथात्: कोई वस्तु िकतनी ही दूर क््योों न हो, उसका िमलना िकतना ही कििन क््योों न हो, वो पहुंच से िकतनी

                  ही बाहर क््योों न हो, कििन तपस््योा और पररश्रम से उसे भी प्ाप्त िक्योा जा सकता है। चाणक््यो के इस वाक््यो
                                                                           े
                         से भारत की आिर्थाक क्ांित ्योानी जीएसटी की प्िक््योा बड़े ही अच््छ ढंग से स्पष्ट होती है।

         सादर नमस्कार।                                         और सुगम हो गई है। इस व्यवस्था से राष्टट्र हनमादूण का नया
                                                               आहथदूक मागदू प्रशस्त हुआ है।
         ्छह वषदू पूवदू 30 जून और एक जुलाई की मध्यराहत् का
         दुलदूभ संसद सत्। तमाम मीहडया इसे दूसरी आजादी क  रे       व्यक््ततत्व  की  कड़ी  में  स्वतंत्ता  संग्ाम  में  अहमट
                                                                                                            रे
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         रूप में हदिा रहा था। तत्कालीन राष्टट्रपहत प्रणब मुिजजी   योगदान देने वाले एक दयालु प्रशासक तहमलनाडु क क.
                                                                                        रे
         और प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने संसद क कद्रीय कक्ष से बटन   कामराज, हचहकत्सक हदवस क अवसर पर मानवता की
                                      रे
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         दबाकर देश में एक कर प्रणाली व्यवस्था को लागू हकया।    सेवा में डॉ्तटरों क योगदान और हचहकत्सा क इंफ्ास्ट्र्तचर
                                                                             रे
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         जीएसटी लागू होने क हदन से ही हालात में आमूल-चूल       पर केंद्र सरकार क काम को इस अंक में हवशेष जगह दी गई
         पररवतदून आया। इसने हसद्ध हकया हक एक क्स्थर-हनणादूयक,   है। साथ ही, हडहजटल इंहडया आज हर योजना का आधार
         सही नीयत से चलने वाली सरकार ही हवकास को अभूतपूवदू     है। एेसे में हडहजटल इंहडया की 8वीं वषदूगांठ पर हवशेष
                                                                                             रे
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         गहत देती है। अथदूव्यवस्था क हलए गेमचेंजर और व्यापक    स्टोरी इस अंक में शाहमल है। जी-20 क हवकास मंहत्यों को
                                                                                                        रे
         प्रभाव वाला कदम बनी जीएसटी ने ‘एक राष्टट्र, एक कर’    प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी का संबोधन सहहत जी-20 क अन्य
                                                                         ें
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         की पररकल्पना को साकार हकया है। जबहक जीएसटी काल        कायदूक्म, कद्रीय मंहत्मंडल क हनणदूय, आजादी क अमृत
         क पहले, देश में वस्तुओं पर भारी टै्तस लगा हुआ था।     महोत्सव की श्ृंिला में महानायकों की प्रेरक गाथा और
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                                                               प्रधानमंत्ी की ओर से हवकास योजनाओं की सौगात आहद
            अब जब स्वतंत् भारत क सबसे बड़े आहथदूक सुधार         इस अंक का हहस्सा है।
                                 रे
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         क  रूप  में  जीएसटी  हनत  नई  सिलता  की  गाथा  हलि
         रहा है तो ऐसे में इस यात्ा को जानना-समझना जरूरी हो       आप अपना सुझाव हमें भेजते रहें।
                                       रे
         गया है। यही वजह है हक जीएसटी क 6 वषदू इस बार क  रे
         अंक में हमारी आवरण कथा बनी है। इस सुधार ने भारत
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         को समान कर प्रणाली क एक सूत् में बांधा है। ्छोटे हों या
         बड़े, करोड़ों व्यापारी, आज सहजता से व्यापार कर रहे हैं।
         एक कर प्रणाली से ररटनदू िाइल करने की व्यवस्था सहज                    (राजेश मल्होत्ा)






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                       https://newindiasamachar.pib.gov.in/news.aspx
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