Page 8 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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व्यक्क्तत्वी  के. कामराज





        के. कामराज



                                   ां
        स्वतांत्ता सग्ाम में


        अतमट योोगदान






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         िन्म : 15 िुलाई 1903, मृत््य : 2 अक्टिर 1975
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              प्रबसधि स्वतंत्ता सेनानी और रािनेता के. कामराि ने राष्टट्री्य बवकास और सामाि के अबधकार के प्रबत अपना
               िीवन समबप्गत कर बद्या। बशक्षा, स्वास््थ््य देखभाल और मबहला अबधकार पर उनका िोर बनरंतर भारत के
              लोर्ों को प्रेररत करता रहा है। राष्टट्र के बलए उनकी सेवाओं के सम्मान में 1976 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से
                                                बक्या र््या र्ा सम्माबनत…...


                 कामराज का जन्म 15 जुलाई 1903 को तभमलनाडु के
                 भवरुधुनगोर में हुआ ्था। उनका पूरा नाम कुमारस्वामी   क. कामराज ने भारत क स्वतंत्ता संग्ाम में अहमट
                                                                    रे
                                                                                     रे
        कामराज ्था लेभकन बाद में वो लोगोों के बीच के. कामराज के नाम   योगदान हदया। उन्होंने एक दयालु प्रशासक क रूप में
                                                                                                    रे
        से ही जाने गोए। जब वह ्छह साल के ्थे तभी उनके भपता का भनधन   अपनी पहचान बनायी थी। उन्होंने गरीबी और मानव पीड़ा
        हो गो्या। अपनी मां की मदद करने के भलए उन्होंने जल्दी ही स्करूल   को कम करने क हलए कड़ी मेहनत की। साथ में स्वास््थ्य
                                                                             रे
        ्छोड़ भद्या। उन्होंने कम उम्र से ही राष्ट्री्य आंदोलन में भागो लेना   और हशक्षा में सुधार पर भी ध्यान कहद्रत हकया।
                                                                                               ें
        शुरू कर भद्या। जभल्यांवाला बागो हत््याकांड के बाद उन्होंने राष्ट्र
        की आजादी के भलए लड़ने का संकल्प भल्या।                                - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
           इस घटना के कु्छ साल बाद ही उनका मदुरै में महात्मा गोांधी

        से भमलना हुआ भजसके बाद उनका जीवन ही बदल गो्या। महात्मा   नागोरकोइल भनवा्जचन क्षेत्र का प्रभतभनभधत्व भक्या। मुख््यमंत्री रहते
        गोांधी ने जब असह्योगो आंदोलन का आह्ान भक्या तो उन्होंने     उन्होंने  राज््य  में  औद्ोभगोक  और  शैभक्षक  भवकास  में  महत्वपूण्ज
        गोांव-गोांव  जाकर  इसका  प्रचार-प्रसार  भक्या।  उन्होंने  आंदोलन   भूभमका  भनभाई।  उन्होंने  नामांकन  में  सुधार  के  भलए  सरकारी
        के भलए धन जुटा्या और सभाओं के आ्योजन में अग्णी भूभमका   स्करूलों में दोपहर भोजन ्योजना लागोू की। राज््यभर में हजारों नए
        भनभाई। उन्होंने नमक सत््याग्ह में भी भागो भल्या भजसके कारण   स्करूल खोले। इसके अलावा उन्होंने कई जलाश्यों का भी भनमा्जण
        उन्हें जेल जाना पड़ा। आजादी के आंदोलनों में कामराज 6 बार   करा्या। राष्ट्र के भलए उनकी सेवाओं के सम्मान में उन्हें 1976 में
        जेल गोए। उन्होंने 3 हजार से अभधक भदन जेल में भबता्ये। उन्होंने   मरणोपरांत भारत रत्न से सम्माभनत भक्या गो्या। उनकी स्मृभत में

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        भविती्य भवश्व ्यधि के दौरान मद्रास के तत्कालीन गोव्जनर सर ऑ्थ्जर   भारत सरकार की ओर से डाक भटकट भी जारी भक्या गो्या है। 2
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        होप विारा ्यधि सहा्यता राभश जुटाने के भवरोध में अभभ्यान चला्या।   अ्तटटूबर 1975 को के. कामराज का भनधन हो गो्या।
                                                                            ं
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        1942 में कामराज ने बंबई में अभखल भारती्य कांग्स कमेटी की   तत्कालीन प्रधानमत्री अटल भबहारी वाजप्यी ने 15 जुलाई 1998
        बैिक में भहस्सा भल्या और भारत ्छोड़ो आंदोलन का संदेश लोगोों   को लोकसभा की बाहरी लॉबी के प्रवेश विार पर के. कामराज की एक
                                                                                             ें
        तक पहुंचा्या। वह भारती्य संभवधान सभा के भी सदस््य रहे।  प्रभतमा का अनावरण भक्या ्था। वहीं, भदल्ली म तभमल नववर्ष्ज समारोह
                                                                                          ें
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           के. कामराज 1954 में तभमलनाडु के मुख््यमंत्री बने और 9   म 13 अप्रल 2023 को अपने संबोधन म प्रधानमत्री नरद्र मोदी ने के.
                                                                    ै
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        सालों  तक  इस  पद  पर  रहे।  उन्होंने  भवधानसभा  में  भवरुधुनगोर   कामराज को ्याद करते हुए कहा ्था, “के. कामराज और सामाभजक
                                                                                                     ैं
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        और गोभड्या्थम भवधानसभा क्षेत्र का तो संसद में भवरुधुनगोर और   कल््याण से जड़े उनके काम को हम आज भी ्याद करते ह।” l
         6  न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 जुलाई 2023
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