Page 41 - NIS Hindi 16-31 March, 2023
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अंतरराष्ट्ीय हव्व हिंिी सममेलन















                                                                                                      े
                                                               डफजी में िहली बार डवशव डहंदी सममलि
                                                                 भारत और वरिी के बीच रािनव्यक के
                                                               n
                                                                 सार-सार प्राढ़ सासकवतक सबध है।
                                                                                           तं
                                                                                             तं
                                                                                   तं
                                                                                     कृ
                                                                              तं
                                                               n   भारत से अनुबध के तहत 143 िर््ग पहिे रन्  े
                                                                 के खेत में काम करने के विए हिारों श्रवमकों को
                                                                 वरिी िे िा्या र्या रा। उस सम्य वरिी और
                                                                 भारत पर अतंग्रेिी िासन रा।
                                                               n   वरिी िे िाए रए िोर ज्यादातर उत्र प्देि,
                                                                                                    तं
                                                                 मध्य प्देि और वबहार के रे। वरिी की वहदी में
                                                                         े
                                                                 अिध क्त्र का प्भाि वदखता है। वरिी में बसे
                                                                 उन वहतंदुसतावन्यों की आि की पीढ़ी भारती्य
                                                                 विरासत पर रि्ग करती है।

                                                               n   वरिी में वहतंदी की िुरूआत 1879 से 1916 के
                                                                 बीच मानी िाती है। वहतंदुसतानी पूि्गिों के कारि
                                                                 वहतंदी ने ्यहा अपना वििर् सरान बना रखा है।
                                                                                     े
                                                                           तं
                                                                                     तं
                                                               n    वहतंदी भार्ा न वसर्फ ्यहा के प्ारवमक, माध्यवमक
           सममेलन में निजली औि प्रशात क्त्र त्ा नग िनमनटरा देशों   सकिों और विशिविद्याि्यों में पढ़ाई िाती
                                     े
                                  ं
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        में नहंदली कली लस्नत त्ा सूचना प्रौद्ोनग कली, आनट्डनिनशरल   है बकलक वरिी के सविधान में भी इसे
                                                                                  तं
        इंटेनलजेंस, नसनेमा औि सानहतर का नहंदली पि प्रभाव, नहंदली   आवधकाररक भार्ा का दिा्ग हावसि है।
        के अधरापन औि प्रग नत पि चचा हुई। नवदेश मंत्रली िॉ. एस.   n   सतं्य्त राष्ट् (2020) के अनुसार, वरिी की
                                   या
                                                                     ु
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        जरशकि ने सममेलन के उदघाटन पि कहा, “आज नवनभन्न            िनसख्या करीब 8,96,000 है और उनमें से 30
                                                                      तं
        भौग ोनलक क्त्रों में नहंदली बोलने वालों कली बढ़तली संखरा नहंदली   प्वतित से अवधक िोर भारती्य मूि के हैं।
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                                             या
        के वैशवलीकिर का प्रमार है। रह समािोह दशाता है नक भाषा
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        न केवल पहचान कली अनभवरलकत है बललक भाित औि अनर          डवशव डहंदी सममलि का डहंदी भारा
        देशों को जोडने का माधरम भली है। जब भाषा औि संसककृनत का   के प्चार-प्सार में ्ोरदाि
        संग म दुननरा देखतली है तो नवशव कलरार के नलए रह अचछा
                                                               n   मॉररिस में विशि वहतंदी सवचिाि्य और िधा्ग में महातमा
        हली तो है!”                                              राधी अतरराष्ट्ी्य वहतंदी विशिविद्याि्य की सरापना हुई।
                                                                   तं
                                                                       तं
           नवदेश मंत्रली िॉ. एस. जरशंकि ने सपषट नकरा, “वह रुग
                                                                   ै
                                                               n   िकशिक सतर पर हर िर््ग 10 िनिरी को विशि वहतंदी वदिस
        पलीछे छटूट गरा जब पलशचमलीकिर को प्रगनत का आधाि माना      का आ्योिन होता है।
        जाता ्ा। ऐसली कई भाषाएं औि पिंपिाएं जो औपननवेनशक रुग   n   विशि के कई देिों में वहतंदी पीठों की सरापना, सतं्य्त राष्ट्
                                                                                                    ु
        के दौिान दबा दली गई ्ली अब एक बाि निि वैलशवक मंच पि      सघ की सूचना प्सारि प्िािी में वहतंदी का िरातार प््योर
                                                                   तं
        आवाज उ्ठा िहली है। ऐसे में रह आवशरक है नक नवशव को सभली   बढ़ रहा है।
        संसककृनत औि समाज के बािे में अचछली जानकािली हो। इसनलए   n   ्यह सममेिन प्िासी भारती्य और भारतितंवि्यों से भारत
        नहंदली सनहत नवनभन्न भाितलीर भाषाओं के नशक्र औि प्ररोग को   के सबधों को और मिबूत कर रहे हैं।
                                                                      तं
                                                                     तं
        वरापक बनाना बहुत जरूिली है।”  n


                                                                                     न्यू इंडि्ा समाचार   16-31 माच्च 2023 39
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