Page 45 - NIS Hindi 16-31 March, 2023
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हव्व     मििगार भारत




                “जब मैं राउंड ले रहा था तो एक मरीज का ररशतेदार देखकर समझ गया कक मैं यहां का कमांकडंग

                 ऑकिसर हूं। उसने मेरे दोनों हाथ पकड़कर आंखों से लगाया और चूमा। मैं भी झुक गया। उसने
                कहा कक आप समझ सकते हैं यह कया है? तो मैंने कहा, आप मुझे इज्जत दे रहे हैं। तो वह कहता
                 है, नहीं… आप मेरे कपता समान हैं… यह सुनकर मैं गदगद हो गया। किर उसने कहा कक सर मैं इस
               देश की युवा पीढ़ी हूं। मैं आपको आशवसत करता हूं कक आने वाली पीढ़ी याद रखेगी कक आपके देश
                                           ने हमारे देश के कलए कया ककया है।”

                “एक मकहला कह रही थी कक मेरे कलए सबसे पहले अललाह है लेककन आज की तारीख में मेरे कलए

                                               दूसरे नंबर पर आप हो।”

                “हमारे सववॉन ने वहां भी अच्ा काम ककया। सवान दसत की मदद से कई जीकवतों को बाहर कनकाला।”
                                                              े
                                    “जब हम वहां से कनकल रहे थे लोग वहां रो रहे थे।”
                 “मरीज असपताल से बाहर जाते हुए भगवान को धनयवाद करते हुए कह रहे थे कक कजतना हम

                            अपने भगवान को धनयवाद दे रहे हैं, उतना ही आपका भी धनयवाद।”

                “भारतीय वायुसेना का गलोबमास्टर जहां भी उतरता है वहां लोगों को भरोसा होता है कक मदद आ
                             गई है। भारत के प्रकत भरोसा है कक वह पूरी तरह से मदद करेगा।”






                     ह  है ‘ऑपिेशन दोसत’ कली शौरया गा्ा, नजसे

                     तुनक्कए-सलीरिरा कली भूकंप आपदा में िाहत बचाव     आपदा प्रबंधन पहले कवल कृख् खवभाग
                                                                                           रे
                     कि लौटली भाित कली ्ल सेना, वारु सेना औि           का खहससा हुआ करता था ्योंखक तब
         र िाषट्रलीर आपदा मोचन बल कली टलीम ने प्रधानमंत्रली            आपदा का मतलब समझा जाता था-
                                                        ै
        निेंद् मोदली के सा् साझा नकरा। रह नए भाित कली वसुधव            बाढ या सूिा। हालांखक, भुज में आए
        कुटुमबकम् कली भावना से भिली उस संवेदना को नदखाता है नजसके         भूकंप से सबक लेकर 2003 में
        नलए देश हो रा दुननरा, मानव नहत सववोपरि है। भाितलीर नतिंगे के   मुखयमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने गुजरात
        सा् जब कोई दूसिे देश में पहुचता है तो उस देश के नागरिकों      आपदा प्रबंधन अखधखनयम बनाया। बाद
                                 ं
        को भली भिोसा हो जाता है नक अब उनकली मदद हो जाएगली। बलीते       में इसी से प्रेरणा लेकर ततकालीन केंद्र
        कुछ वषगों में भाित कली इस छनव का एक औि उदाहिर दुननरा ने
                                                                                                   रे
        तुनक्कए-सलीरिरा में भूकंप कली आपदा के बाद निि से देखा। नकसली भली   सरकार ने 2005 में पूरे देश क खलए
        आपदा के समर बचाव के नलए ‘गोलिन ऑवि’ का बहुत महतव है             आपदा प्रबंधन अखधखनयम बनाया।
        औि भाित के बचाव दल ने बेहद कम समर में तैरािली कि कुशल
        िरनलीनत के सा् नजस तिह से तुनक्कए-सलीरिरा में बचाव अनभरान
        चलारा, उसने इस देश के नागरिकों का भली नदल जलीत नलरा। पहलली
        बाि इस तिह के बचाव अनभरान में मनहला सदसरों को भली शानमल
        नकरा गरा, नजसकली सिाहना हो िहली है।

           दिअसल, जब कोई अपनली मदद खद कि सकता है तो उनहें
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                             े
        आतमननभयाि कह सकते हैं लनकन जब कोई दूसिों कली मदद किने में
        सक्म होता है तो वह नन:सवा् होता है। रह बात केवल वरलकतरों
                               या


                                                                                     न्यू इंडि्ा समाचार   16-31 माच्च 2023 43
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