Page 52 - NIS Hindi 16-31 March, 2023
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आर.एन.आई                                                   आरएनआई DELHIN/2020/78812, डदलली पोसटल लाइसेंस नंबर-
        DELHIN/2020/78812                                               DL (S)-1/3550/2020-22 िबल्यूपीपी संख्ा- U (S)-98/2020-22, posting
          16-31 माचषि, 2023                                             at BPC, Meghdoot Bhawan, New Delhi - 110001 on 13-17 advance
                                                                        Fortnightly (प्कािन ड्तडथ-2 माच्ग 2023, कुल पृष्ठ-52)












                                                                                                अमृत सरोिर
                                                                                                आजादी के अमृ्त महोतसव
                                                                                                की अनोखी पहल:
                                                                                                एक लाख अमृ्त सरोवर
                                                                                                बनाने का लक््, करीब 62
                                                                                                हजार पर काम िुरू, 34
                                                                                                हजार का डनमा्गण हुआ परा।
                                                                                                              यू





                                 डवशव जल डदवस





                                                     22 माच्च

                                                                                      तं
             भारत के ऋवर्-मुवन्यों ने हिारों िर््ग पहिे ही प्ककृवत, प्या्गिरि और पानी को िेकर सतं्यवमत, सतुवित और सतंिेदनिीि
                                           तं
             व्यिसरा का सृिन वक्या रा। हमारे ्यहा कहा र्या है- ‘मा आपो वहतंसी।’ अरा्गत्, हम िि को नष्ट न करें, उसका सरक्ि
                                                                                                    तं
            करें। ्यह भािना हिारों िर्षों से हमारे अध्यातम और धम्ग का वहससा है। ्यह हमारे समाि की ससकवत, सामाविक वचतंतन का
                                                                                      कृ
                                                                                   तं
                                                                                                        तं
            केंद्र है। इसविए, हम िि को देि की सज्ा देते हैं, नवद्यों को मा मानते हैं। िब कोई समाि प्ककृवत से ऐसे भािनातमक सबध
                                                                                                       तं
                                          तं
                                                            तं
                                                                                           ै
                      िोड़ िेता है तो विशि विसे सतत विकास कहता है, िह बन िाती है उसकी सहि िीिनििी…...



                                                       जल-जन अखभयान  एक ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब पानी
                                                                                  रे
                                                                                          रे
                                                                                                 े
                                                      की कमी को पूरे खव्व में भखवष्य क संक् क रूप में दिा जा रहा
                                                                     ु
                                                      है। 21वीं सदी में दखनया इस बात की गंभीरता को समझ रही है खक
                                                       हमारी धरती क पास जल संसाधन खकतने सीखमत हैं। इतनी बडी
                                                                   रे
                                                                                           रे
                                                       आबादी क कारण वॉ्र खस्योरर्ी भारत क खलए भी एक बडा
                                                                रे
                                                       प्रश्न है। इसखलए आजादी क अमृतकाल में आज देश ‘जल को
                                                                              रे
                                                              रे
                                                       कल’ क रूप में दि रहा है। जल रहेगा तभी आने वाला कल भी
                                                                     े
                                                        रहेगा।  इसक खलए हमें खमलकर आज से ही प्रयास करने होंगे।
                                                                  रे
                                                       आज जब भखवष्य की चुनौखतयों क समाधान िोज रहे हैं तो हमें
                                                                                   रे
                                                             अतीत की उस चेतना को पुनजाषिगृत करना होगा।
                                                                      - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री


      राजेश  मलहोत्रा
           50  न्यू इंडि्ा समाचार   16-31 अरसत 2022
            न्यू इंडि्ा समाचार   16-31 माच्च 2023
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