Page 48 - NIS Hindi 16-31 March, 2023
P. 48

राष्ट्   अमृत मिलोतसव








                                                               हिुमाि प्साद िोद्ार :


                                                                                                 यू
                                                  हडथ्ारचों के जखीरे को लटकर


                                                         डछिािे के डलए दज्च हुआ था


                                                                     राजद्ोह का मामला




                                                                            तं
                                                                िनम : 17 वसतबर 1892, मृत्यु : 22 माच्ग 1971


           लो    गों के बलीच ‘भाई जली’ के नाम से लोकनप्रर हनुमान   जैसली नवभूनतरों के संपक्क में आए। इतना हली नहीं, पंनित मदन

                 प्रसाद पोद्ाि का जनम 17 नसतंबि 1892 को हुआ ्ा।   मोहन मालवलीर जब बनािस नहंदू नवशवनवद्ालर कली स्ापना
           आजादली कली लडाई में महतवपूर भूनमका ननभाने वाले हनुमान   के नलए धन संग्ह किने के नलए कलकत्ा आए तो हनुमान
                                  या
                                                े
           प्रसाद पोद्ाि एक बहुत बड सवतंत्रता संग्ाम सेनानली ्। कई तिह   प्रसाद पोद्ाि ने कई लोगों से नमलकि इस कारया के नलए दान
                              े
                                  े
           के अतराचाि के बावजूद वह अंग्जों के सामने कभली नहीं झुके।   िानश नदलवाई।
                     या
           महज 13 वष कली आरु में हनुमान प्रसाद पोद्ाि का बाल मन,   मुंबई में िहते हुए उनहोंने अग्वाल नवरुवकों को संगन्ठत कि
           कलकत्ा में अंग्जली हुकूमत के अतराचािों के नखलाि नवद्ोह कि   मािवाडली खादली प्रचाि मंिल कली स्ापना भली कली ्ली। नहंदू धमया
                      े
           उ्ठा। 19 जुलाई 1905 में लाि्ड कजयान द्ािा बंग भंग कली घोषरा   ग््ों में होने वालली अशनद्धरों को दूि किने औि लोगों को कम
                                                                             ु
                                                              ं
           के बाद जब मा भाितली के सपूतों ने नवदेशली वसतुओं के बनहषकाि   दाम पि पुसतक उपलबध किाने के नलए उनहोंने अपने मौसेिे भाई
                     ं
                     या
           किने का ननरर नलरा तो इस आंदोलन के सा् भाईजली भली जुड   जरदराल गोरनदका कली मदद से गलीता प्रेस कली स्ापना कली।
           गए। उनहोंने नवदेशली वसतुओं औि नवदेशली कपडों के बनहषकाि के   गलीता प्रेस शबद जेहन में आते हली एक तसवलीि उभि कि सामने
           नलए संघषया छेडने के सा् खादली औि सवदेशली वसतुओं का प्ररोग   आतली है औि मानस को भाितलीरता से भि देतली है। भाित वष  या
                                                                                                  ं
           किना शुरू कि नदरा। 16 जुलाई 1914 को उनहें तलीन सान्रों   कली महान प्राचलीन गौिवशालली पिंपिा औि आधाि ग््ों के बािे
           सनहत िाषट्रद्ोह के आिोप में नगिफताि कि जेल भेज नदरा गरा   में पूिली दुननरा को आज अगि कोई भली जानकािली नमल सकतली है
           ्ा। आिोप लगा नक इन लोगों ने नरिनटश सिकाि के हन्रािों के   तो रह इस महान संस्ान कली हली देन है। िामचरित मानस औि
           जखलीिे को लटकि उसे नछपाने में मदद कली ्ली।        श्रलीमद्ागवत गलीता जैसे ग्ं् जनमानस को उपलबध किाने में
                    ू
                                ु
             इस समर उनके खास शभनचतकों ने भली अंग्जों के भर से   गलीता प्रेस कली महतवपूर भूनमका है।
                                                                              या
                                   ं
                                              े
           सा् छोड नदरा ्ा लनकन उनहोंने हाि माने नबना अपनली लडाई   22 माच 1971 को हनुमान प्रसाद पोद्ाि का ननधन हो गरा।
                                                                     या
                         े
                                                ं
           जािली िखली। कलकत्ा में वह सवतंत्रता आंदोलन के क्ानतकारिरों   15 मई 2020 को गृह मंत्रली अनमत शाह ने हनुमान प्रसाद पोद्ाि
           अिनवंद घोष, देशबंधु नचतिंजन दास, पं. झाबिमल शमा के   का समिर कि श्रद्धाजनल दली औि कहा ्ा, “हनुमान प्रसाद
                                                     या
                                                                            ं
           संपक्क में आए औि आजादली के आंदोलन में कूद पडे ्। इसके   पोद्ाि आधुननक भाित के सांसककृनतक इनतहास के महाप्ररेता हैं।
                                                  े
           बाद लोकमानर बाल गंगाधि नतलक औि गोपाल ककृषर गोखल  े  वह भाित कली सवाधलीनता संग्ाम के रोद्धा तो ् हली, उससे भली बड  े
                                                                                             े
                                                                                                  े
           जब कलकत्ा आए तो भाई जली उनके संपक्क में आए। महातमा   वह भाितलीर संसककृनत के संवाहक बन कि लड िहे ्। जब देश
           गाधली से भली उनकली मुलाकात हुई ्ली। बाद में वह जमनालाल   में सवाधलीनता संग्ाम चल िहा ्ा, तब भाितलीर सनातन संसककृनत
             ं
           बजाज कली प्रेिरा से मुबई चल आए। रहा वह वलीि साविकि,   को आधाि बना कि भाई जली हनुमान प्रसाद पोद्ाि ने प्रकाशन एवं
                                         ं
                                 े
                           ं
                       ं
           नेताजली सुभाष चद् बोस, महादेव देसाई औि ककृषरदास जाजू   पत्रकारिता कली नींव िखली ्ली।”
         46  न्यू इंडि्ा समाचार   16-31 माच्च 2023
   43   44   45   46   47   48   49   50   51   52