Page 48 - NIS Hindi 01-15 May,2023
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राष्टट् अमृत म्हेोत्सव
अक्कम्मा चिेरर्यि
त्रावणकोर की झांसी की रािी
जन्म : 14 फरवरी 1909, मृत््य : 05 मेई 1982
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‘मैं िेता िूं, दूसिों को मािने से पहले मुझे गोलली मािो।’अक्कम्मा बहादुि अक्कम्मा के नेतृत्व में हुए नविोध प्रदशयान में 20,000
चेरिर्न ने इन शब्दों को तब कहा था जब 1938 में वे कनयाल से अनधक लोग शानमल हुए थे। देश भि में लोगों ने उनके
या
वॉटसन के सामने इतनली ननििता, जुनून औि धैर् के साथ अदम्र् साहस के नलए उनकली प्रशंसा कली औि महात्मा गांधली ने
िड़ली थीं नक उसे अपना आदेश वापस लेने के नलए मजबूि होना उन्हें ‘त्रावणकोि कली झांसली कली िानली’ कली उपानध दली।
पड़ा नजससे एक बड़ा निसंहाि टाला गर्ा। अक्कम्मा चेरिर्न अक्टूबि 1938 में, अक्कम्मा को पाटती विािा ‘देससेनवका
का जन्म 14 ििविली 1909 को कांजलीिापल्लली, त्रावणकोि संघ’ (मनहला स्टवर्ंसेवली दल) को संगन्ठत किने का काम
(वतयामान केिल) के एक ्छोटे से गांव में हुआ था। पेशे से सौंपा गर्ा। उन्होंने देश भि में र्ात्रा कली औि मनहलाओं से
नशनक्का थीं लेनकन उनका असलली सपना देश को आजाद ‘देससेनवका संघ’ के सदस्टर् के रूप में शानमल होने कली अपलील
देिना था। इसनलए उन्होंने भाित के स्टवतंत्रता आंदोलन में कली। उनके अथक प्रर्ासों से स्टथानलीर् ननकार्ों में मनहला
शानमल होने के नलए अपनली प्रनतष्ष््ठत नरौकिली ्छोड़ दली। स्टवर्ंसेवकों कली संख्र्ा में वृनद्ध हुई। 24 नदसंबि 1939 को
त्रावणकोि में लोगों ने एक सावयाजननक प्रदशयान किने का उन्होंने त्रावणकोि िाज्र् कांग्स के वानषयाक सम्मेलन में भाग
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िैसला नकर्ा नजसे वहां के दलीवान ने अपनली शष्क्तर्ों का नलर्ा नजसके नलए उन्हें एक साल के कािावास कली सजा सुनाई
उपर्ोग किते हुए अगस्टत 1938 में दबा नदर्ा। इस घटना ने गई। उन्हें जेल में पिेशान नकर्ा गर्ा। उनके साथ दुव्र्यावहाि
सनवनर् अवज्ा आंदोलन को जन्म नदर्ा जो केिल में अपनली नकर्ा गर्ा औि प्रतानड़त नकर्ा गर्ा।
तिह का पहला आंदोलन था। नेताओं को कैद कि नलर्ा गर्ा जेल से रिहा होने के बाद वे एक पूणयाकानलक पाटती कार्कताया
या
औि आंदोलन न्छन्न-नभन्न हो गर्ा। ऐसा कहा जाता है नक बन गईं औि निि पाटती कली अध्र्क् बनीं। अपने अध्र्क्लीर्
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त्रावणकोि िाज्र् कांग्स पाटती के अध्र्क् ने नगिफ्तािली से ्ठलीक भाषण में उन्होंने 1942 में भाितलीर् िाष्ट्रलीर् कांग्स के बॉम्बे
पहले अक्कम्मा चेरिर्न को अपने उत्िानधकािली के रूप में अनधवेशन में पारित भाित ्छोड़ो प्रस्टताव का स्टवागत नकर्ा।
नानमत नकर्ा क्र्ोंनक उन्होंने पार्ा नक वे एक साहसली, नदलेि अक्कम्मा को प्रनतबंध के आदेशों का उल्लंघन किने औि
औि प्रनतभाशालली मनहला थीं। अक्कम्मा चेरिर्न ने एक नवशाल नविोध प्रदशयान किने के नलए कई बाि नगिफ्तािली का सामना
िैलली का आर्ोजन नकर्ा नजसका उद्े्चर् जेल में बंद नेताओं को किना पड़ा लेनकन इससे भली वह अपने लक्षर् से नवचनलत नहीं
रिहा किने औि त्रावणकोि में एक नजम्मेदाि सिकाि स्टथानपत हुईं। स्टवतंत्रता के बाद वह 1947 में त्रावणकोि नवधानसभा के
किने के नलए शासकों पि दबाव बनाना था। अक्कम्मा उस नलए चुनली गईं औि 1967 में सनक्रर् िाजनलीनत ्छोड़ने के बाद
या
समर् 29 वषया कली थीं। वह इस कार् कली गंभलीिता से अवगत स्टवतंत्रता सेनाननर्ों के पेंशन सलाहकाि बोि्ड के सदस्टर् के
या
थली औि जानतली थली नक इसके परिणाम क्र्ा हो सकते हैं निि रूप में कार् नकर्ा। अक्कम्मा चेरिर्न का 05 मई 1982 को
भली उन्होंने स्टवेच््छा से र्ह काम नकर्ा। ऐसा कहा जाता है नक ननधन हो गर्ा।
46 न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 मई 2023