Page 12 - NIS - Hindi 01-15 September,2023
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राष्ट्र  राष्ट्रपक्त िा संबोधन




































                                                 स्वतंत्रता सदवि


            इसतहाि िे जुड़िे, वत्षमाि का आकलि



                   और भसवष्य के सचंति का अविर




         अमेृत काल मेें एक विरा्ट िंकल््प की विवधि के मेागणि ्पर बढ़ते भारत की िुनहरी तस्िीर बनीं जनजातीय िमेुदाय
                                                                                ू
          िे आने िाली ्पहली मेवहला राष्ट्र्पवत द्ररौ्पदी मेमेुणि ने 77िें स्ितत्ता वदिि की ्पिणि िंध्या ्पर राष्ट्र को िंबोवधत
                                                    ु
                                                                 ं
         वकया तो िह केिल एक ्पर्परा भर नहीं थी। उन्होंने विकवित भारत के लक्षय की वदशा मेें बीते कुछ िषषों मेें बने
                                  ं
                   ं
          आधारस्तभ का वजक् वकया। वकिान िे लेकर चंद्रयान और आवदिावियों िे लेकर मेवहलाओं के उत्थान तक
           िरकार द्ारा वकए जा रहे कायषों को िामेने रखा। िाथ ही यह भी बताया वक स्ितत्ता वदिि वकि तरह िही
                                                                                   ं
           अथषों मेें इवतहाि िे ्पुन: जुड़ने, ितणिमेान का आकलन करने और भविष्य की राह बनाने के बारे मेें वचंतन का
         अििर होता है। इिी दस्ष््टको्ण के िाथ भारत ने वकि तरह िे विश्ि मेंच ्पर अ्पनी अलग ्पहचान और दवनया
                             ृ
                                                                                                        ु
                             मेें भारत की प्रवतष््ठा बढ़ाई है। ्पेश है राष्ट्र्पवत के िंबोधन के अंश:



        77वें स्वतंत्रता सदवि पर िभी को हासद्षक बधाई          हमारी पहचाि है, भारत का िागोररक होिा
        देश के 77वें स्वतंत्रता नदवस पि आप सभली को मेिली हानदयाक बधाई!   स्वतंत्रता नदवस हम र्ह र्ाद नदलाता है नक हम केवल एक व्र्क््तत नहीं
                                                                          ें
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                                                                                                     ैं
        र्ह नदन हम सब के नलए गौिवपूणया औि पावन है। चािों ओि   ह, बक्ल्क हम एक ऐसे महान जन-समुदार् का नहस्सा ह जो अपनली
        उत्सव का वाताविण देखकि मुझे बहुत प्रसन्नता हो िहली है। र्ह   तिह का सबसे बड़ा औि जलीवंत समुदार् है। र्ह नवश्व के सबसे बड़े
        प्रसन्नता औि गवया कली बात है नक कस्बों औि गांवों में, र्ानली देश में   लोकतंत्र के नागरिकों का समुदार् है। जब हम स्वतंत्रता नदवस समािोह
                                                                             ें
        हि जगह- बच्चे, र्ुवा औि बुजुगया- सभली उत्साह के साथ स्वतंत्रता   मनाते ह तो वास्तव म हम एक महान लोकतंत्र के नागरिक होने का
                                                                   ैं
                                                                          ैं
        नदवस पवया को मनाने कली तैर्ािली कि िहे हैं। हमािे देशवासली बड़े   उत्सव भली मनाते ह। हमम से हि एक कली अलग-अलग पहचान है।
                                                                                ें
        उत्साह के साथ ‘आजादली का अमृत महोत्सव’ मना िहे हैं।  जानत, पंथ, भाषा औि क्त्र के अलावा, हमािली अपने परिवाि औि
                                                                               े
         10  न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 डसतंबर 2023
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