Page 8 - NIS - Hindi 01-15 September,2023
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व्यक््त्तत्ि लांस नायि िरमे कसंह
लांि िायक करम सिंह
पासकस्तािी िसिकों
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पर अकेले ही पड़े भारी
दुश्मन िे हमले िे दौरान 1948 में लांस नायि िरम कसंह ने न िवील अदम्य साहस
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और वीीरिा िा ्पररचय कदया बक्ल्ि घायल जवीानों िो भी लड़ने िे कलए प्ररि
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किया। दुश्मन ने आठ बार हमला किया लेकिन घायल होने िे बावीजूद िरम कसंह ने
िुछ जवीानों िे साथ उन्हें खदेड़ कदया। उन्होंने संिट िे दौरान एि कनडर सेनानायि
होने िा प्माण कदया और किथवीाल ्पर किरंगे िी िान बचाई। युद्ध िे दौरान अकवििीय जन्मे : 15 वितंबर 1915
साहस और िौयमा प्दिमान िरने िे कलए उन्हें ्परमवीीर चक्र से किया गया सम्माकनि... मेृत्यु : 20 जनिरी 1993
कर्ा 13 अ्तटटूबि 1948 कली सुबह किलीब 6 बजे का है। जाते िहे औि सैननकों को लड़ाई जािली िखने का हौसला देते िहे।
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वा दुश्मन, 1 नसख िनजमेंट के अनधकाि क्त्र वाले पोस्ट पि बलीच-बलीच में वे दुश्मन पि रिेनेि भली िेंकते िहे। घार्ल होने के
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कब्जा किने के उद्श्र् से ननिंति आगे बढ़ िहा था औि भाितलीर् सेना बावजूद वहां से हटने से इनकाि कि नदर्ा औि अनरिम मोचवे पि
को पलीछे धकेलने कली कोनशश कि िहा था। मगि मौके पि मौजूद िटे िहे। घुसपैन्ठर्े नजदलीक आ गए तब उन्होंने खाई से बाहि
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नसख िनजमेंट के एक जवान ने पानकस्तान के नापाक मंसूबे पि पानली ननकलकि दोनों घुसपैन्ठर्ों को संगलीन घोंपकि माि िाला। इस
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िि नदर्ा। अपनली बंदूक से पानकस्तानली सेना का मुकम्मल जवाब देने कार् से दुश्मनों का मनोबल टटा औि उन्होंने घेिा हटा नलर्ा।
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वाला र्ह जवान कोई औि नहीं बक्ल्क लांस नार्क किम नसंह थे। लांस नार्क किम नसंह जहां अपने सानथर्ों के नलए प्रेिणा स्ोत
पंजाब के बिनाला नजले में एक साधािण नकसान के घि में थे, वहीं दुश्मनों के नलए आतंक। नटथवाल कली लड़ाई में उत्कृष्ट
किम नसंह का जन्म 15 नसतंबि 1915 को हुआ था। स्ककूलली भूनमका के नलए लांस नार्क किम नसंह को पिमवलीि चक् से
प्ठन-पा्ठन में उनकली रुनच कम हली थली लेनकन खेल में उनकली सम्माननत नकर्ा गर्ा। लांस नार्क किम नसंह उन चंद सैननकों में
नवनशष्टता थली। दूसिे नवश्व र्ुद्ध के दौिान अपने 26वें जन्मनदन िहे नजन्होंने अपने हाथ से पिमवलीि चक् प्राप्त नकर्ा। बमाया में अंरिेजली
15 नसतंबि, 1941 को किम नसंह िौज में भतवी हुए जहां उन्हें नसख सेना के नलए ऐसली हली वलीिता एवं साहस के साथ लड़ने के नलए उन्हें
िनजमेंट में तैनातली नमलली। पहले भली वलीिता पुिस्काि से सम्माननत नकर्ा गर्ा था।
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पानकस्तानली शत्रु ने 13 अ्तटटूबि 1948 को तोपों औि मोटायािों 15 अगस्त 1947 को जब भाित आजाद हुआ तब किम नसंह भली
कली भािली गोललीबािली के साथ हमला नकर्ा। हमले के समर् लांस उन पांच सैननकों में से थे नजन्हें भाित के पहले प्रधानमंत्रली जवाहि
नार्क किम नसंह एक अनरिम सलीमा चौकली कली कमान पि थे। चौकली लाल नेहरू के साथ नतिंगा िहिाने के नलए चुना गर्ा था। देश
पि भाितलीर् सैननकों से 10 गुना ज्र्ादा दुश्मन सैननकों ने हमला के वास्तनवक जलीवन के नार्कों को उनचत सम्मान देना प्रधानमंत्रली
नकर्ा। इस चौकली पि शत्रुओं ने आ्ठ बाि आक्मण नकर्ा नजसे 1 निद् मोदली कली सवपोच्च प्राथनमकता िहली है। इसली कड़ली में अंिमान
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नसख िनजमेंट ने हि बाि माि भगार्ा। गोला बारूद कम होने लगा औि ननकोबाि विलीप समूह के 21 बड़े विलीपों, नजनका अभली तक कोई
तो लांस नार्क किम नसंह भर्ानक गोललीबािली के बलीच कंपनली नाम नहीं था, उनका नामकिण 21 पिमवलीि चक् नवजेताओं के
कली मुख्र् पोनजशन में आ गए, दो जख्मली सानथर्ों को भली साथ ले नाम नकर्ा गर्ा। इसमें एक विलीप का नाम लांस नार्क किम नसंह
आए। दुश्मनों से नघि जाने के बावजूद खतिे औि अपने जख्म कली के नाम पि भली िखा गर्ा। 20 जनविली 1993 को अपने गांव में
पिवाह नकए नबना किम नसंह िेंगते हुए एक जगह से दूसिली जगह उनका ननधन हो गर्ा। n
6 न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 डसतंबर 2023