Page 29 - NIS Hindi 01-15 August,2023
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आवरण किा                                                                                      आवरण किा
 अ्मृत ्महोत्सि                                                                               अ्मृत ्महोत्सि


 अमेृत मेहोत्सव के आयो्जनों की सोच और रणनीटत


 इसकपा उद्ेश््य अ्पने नपामे की तरह ही अमेृत है। इसमेें सं्पूर््ष
 सरकपार ्यपानी सरकपार की सपामेूबहक शट्क्त के सपा्थ बकसी भी कपा्य्ष
 को ्पूरपा करने के बलए जुटे जपाने की भपावनपा के सपा्थ सपाव्षजबनक,
 बनजी क्षेत्, गैर सरकपारी संस््थपाओं और समेपाज के सभी वग्ष को सपा्थ
 लपानपा है और सिकपा प्र्यपास की भपावनपा को सपाकपार करनपा है।

   इसकी ्योजनपा और रर्नीबत िनपाते वक्त स्वतंत्तपा संघर््ष, संस्कृबत,
 आध््यपात्मे, ्पोर्र्, खेल-बफटेनेस, ्प्यपा्षवरर् व सतत बवकपास, कपानूनी
 सहपा्यतपा सभी तक, अंबतमे व््यट्क्त तक लपाभ, इंफ्पास्ट्क्चर कपा बवकपास,   अमेृत मेहोत्सव मेें टक्ला,
 सुशपासन, खपाद् व कृबर्, इनोवेशन, बवज्पान-तकनीक जैसे सभी
 मेहत्व्पूर््ष बवर््यों को ध््यपान मेें रखपा ग्यपा।  गुफा, काशी और कश्मेीर

 अमेृत का्ल मेें अपने संसद भवन मेें प्रवेश  पर काय्वक्रमे


 न्यपा संसद भवन एक बवक्म्प नहीं, िट््मक 21वीं सदी के नए,
 आकपांक्षी और आत्मेबनभ्षर भपारत के बलए जरूरत िन ग्यपा ्थपा।    आजपादी के अमेृत मेहोत्सव के प्रमेुख कपा्य्षक्रमेों मेें रपाष्ट्ी्य संस्कृबत
 अमेृत मेहोत्सव के दौरपान 28 मेई 2023 इबतहपास की एक ऐसी तपारीख   मेहोत्सव, बवतस्तपा - द फेट्स्टेवल ऑफ कश्मेीर, कपालपांजबल, बकलपा
 िन गई है, जि औ्पबनवेबशक कपाल मेें िनपाए गए संसद भवन स  े  और कहपाबन्यपां, अ�त गुफपाएं, वपाइरिेंटे बवलेज कपा्य्षक्रमे और कपाशी
 आत्मेबनभ्षर भपारत के अ्पने संसद भवन मेें भपारत ने प्रवेश बक्यपा। ्यह   एवं सौरपाष्टे मेें संगमेमे कपा आ्योजन शपाबमेल है।
 हर भपारती्य को गव्ष से भर देने वपालपा ऐबतहपाबसक क्षर् िन ग्यपा है।
 बवतस्ता - कश्मेीर की मेहपान सपांस्कृबतक बवरपासत, समेृद् कलपा,
 संस्कृबत, नृत््य, संगीत, सपाबहत््य, बश्म्प और व््यंजनों को ्पूरे देश   क�छ अन्य मेहत्वपयूण्व काय्वक्रमे
 तक ्पहुंचपाने के बलए बवतस्तपा कपा आ्योजन बक्यपा ग्यपा। ्यह   अ�त  ���ा: भपारत की गुफपाओं को सेबलरिेटे करने के बलए
 कपा्य्षक्रमे देशवपाबस्यों को भी एक सूत् मेें ब्परोने कपा शपानदपार प्र्यपास   अ�त गुफपा अबभ्यपान चलपा्यपा ग्यपा। ऐसी िहुत सपारी गुफपाएं हैं जो     इंबर््यपा गेटे ्पर नेतपाजी सुभपार्चंद् िोस की होलोग्पामे प्रबतमेपा
 रहपा। तबमेलनपार्ु, मेहपारपाष्ट् मेें भी बवतस्तपा आ्योबजत बक्यपा ग्यपा।   हमेपारे इबतहपास और संस्कृबत को जोड़ती हैं, इनकपा आजपादी की     उ्पभोक्तपाओं कपा सशक्तीकरर्
 बवतस्तपा ने कश्मेीर संस्कृबत को जन-जन तक ्पहुंचपाने के बलए   लड़पाई से जुड़पाव रहपा है। अजंतपा और एलोरपा जैसी गुफपाएं भपारती्य     छपात्ों द्पारपा प्रधपानमेंत्ी को ्पोस्टेकपार््ड बलखनपा
 वक्फशॉ्प, आटे्ड इंस्टेपालेशन कैं्प, सेमेीनपार, बश्म्प प्रदश्षनी जैसे   बन्पुर्तपा को प्रदबश्षत करती है। गुफपाएं कलपा और बचत्ों के मेपाध््यमे स  े    नवीकरर्नी्य ऊजपा्ष
 अनेक कपा्य्षक्रमे आ्योबजत बकए।  मेपानवशपास्त्ी्य बवकपास कपा अध््य्यन भी करपाती है। गुफपाएं भपारत मेें     ्पोर्र् मेपाह- ्पोर्र् िगीचपा
          अतीत और वत्षमेपान कपा एक प्रतीक भी हैं। देश की प्रपाचीन सभ््यतपाओं
 कालांजबल- भपारत की समेृद् सपांस्कृबतक बवरपासत के िपारे मेें लोगों को   के जीबवत प्रमेपार् ्यहपां उ्पलब्ध हैं। भीमेिेटेकपा रॉक शे्मटेस्ष, एलोरपा     इनोवेशन-हैकॉ्थन
 जपागरूक करने के बलए कत्षव््य ्प्थ ्पर कपालपांजबल नपामेक कपा्य्षक्रमेों   गुफपाएं, उद्यबगरर और खंर्बगरर ्पहपाड़ी गुफपाएं स््थपानी्य लोगों के     बवज्पान सव्षत् ्पूज््यत े
 की एक श्ंखलपा आ्योबजत की गई। इसमेें संस्कृबत मेंत्पाल्य के संगीत   सपा्थ-सपा्थ आगंतुक के बलए भी उत्सपाह की जगह है।    अंतररपाष्ट्ी्य संग्हपाल्य सम्मेेलन
 ृ
 नपाटेक अकपादमेी, लबलत कलपा अकपादमेी, सपाबहत््य अकपादमेी, क्षेत्ी्य     रपाष्ट्ी्य संस्कृबत मेहोत्सव
 आज जब ह्म दतेश के अ्मृत संकल्पों को   सपांस्कृबतक केंद् सबहत सभी संग्ठनों ने बमेल कर कपामे बक्यपा।    उमेंग उड़पान- मेकर संक्रपांबत
 लतेकर आगते बढ़ रहते हैं, तो ह्में अपनते कत्षव्य ्में,     बकला और कहाबनयां-  बकलपा एवं कहपाबन्यपां नपामेक बवशेर् अबभ्यपान   अंतरराष्ट्ीय सं�हािय ए्टसपो: 47वें अंतररपाष्ट्ी्य     वंदे भपारतमे नृत््य उत्सव
 अपनते श््म ्में, अपनते पररश््म ्में कोई क्ममी नहीं   कपा उद्ेश््य ्पूरे भपारत मेें बकलपा और उनकपा शपानदपार इबतहपास प्रदबश्षत   संग्हपाल्य बदवस (आईएमेर्ी) कपा ज� मेनपाने के बलए अंतररपाष्ट्ी्य     धपारपा-वैबदक गबर्त
                                                                 लपाल बकलपा ्पर आ्योजन
 छोड़नमी है। एक राष्ट्र के रूप ह्मारमी एकता ह्मारमी   कर भपारत के सपांस्कृबतक गौरव को िढ़पावपा देनपा रहपा। इसमेें बवबभ�   संग्हपाल्य एक्स्पो आ्योबजत बकए जपा रहे हैं। इसे ्पेशेवरों के सपा्थ     आबद मेहोत्सव और जनजती्य गौरव बदवस
          संग्हपाल्यों ्पर िपातचीत के बलए बर्जपाइन बक्यपा ग्यपा है। प्रधपानमेंत्ी
 प्राथव्मकता होनमी चावहए। गरमीब सते गरमीब व्यल्क्त   बकलों की अनू्ठी बवशेर्तपाओं और ऐबतहपाबसक मेहत्व को सपामेन  े  नरेंद् मेोदी ने अंतररपाष्ट्ी्य संग्हपाल्य एक्स्पो-2023 कपा उद्घपाटेन     वीर िपालक बदवस
 रखने कपा प्र्यपास बक्यपा ग्यपा बजसने हमेपारे अतीत से जुड़ने व हमेपारी
 का भमी जमीिन आसान बनते, दवलत, पमीवड़त,   सपांस्कृबतक बवरपासत कपा सम्मेपान करने कपा अवसर बद्यपा।  बक्यपा। ्यह संग्हपाल्य भपारत के अतीत से संिंबधत उन ऐबतहपाबसक     श्ी अरबिंदो की 150वीं ज्यंती
                                                                 मेहबर््ष द्यपानंद सरस्वती की 200वीं ज्यंती
 शोवर्त, िंवचत, आवदिासमी, हर वकसमी को हर   िढ़े चलो अबभयान - देश के ्युवपाओं से जुड़ने और उनमेें देशभट्क्त   घटेनपा, व््यट्क्तत्व, बवचपार और उ्पलट्ब्ध्यों को प्रदबश्षत करने कपा     कबलंगपा उत्सव
          प्र्यपास है बजन्होंने भपारत के वत्षमेपान के बनमेपा्षर् मेें ्योगदपान बद्यपा है।
 जरूरमी सुविधा व्मलते, यते संकल्प होना चावहए।   की गहरी भपावनपा ्पैदपा करने के उद्ेश््य से, संस्कृबत मेंत्पाल्य ने अमेृत   एक 75 कपार््ड कपा सेटे िनपा्यपा ग्यपा है बजसमेें देश भर के प्रबतट्ष््ठत     लबचत िरफुकन की 400वीं ज्यंती
 मेहोत्सव मेें अबधक से अबधक लोगों को जोड़ने के बलए ‘िढ़े चलो’   संग्हपाल्यों की सबचत् जपानकपारी है।     भपारत छोड़ो आंदोलन की 80वीं वर््षगपां्ठ
 - नरेंद्र ्मोदमी, प्रधान्मंत्मी   नपामे से ्युवपाओं ्पर केंबद्त प्रेरर्पात्मेक कपा्य्षक्रमे आ्योबजत बक्यपा।    आजपादी की रेलगपाड़ी और स्टेेशन




 26 न्ययू इंटडया समेाचार   1-15 अगस्त 2023                                          न्ययू इंटडया समेाचार   1-15 अगस्त 2023  27
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