Page 25 - NIS Hindi 01-15 August,2023
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आवरण किा आवरण किा
अ्मृत ्महोत्सि अ्मृत ्महोत्सि
्जमा करने, राशन लेने, नामांकन कराने, पररणाम और प्रमाण
परि लेने और बैंकों में लाइन ्जैसी स्स्थित्ि लोगों को र्ं्टों परेशान
करिी थिी, लेत्कन आ्ज सबका समाधान हो चुका है। िकनीक दुवनया के वलए 21िीं सदमी भारत कमी सदमी अ्मृत ्महोत्सि का रंग केिल भारत
के ्जररए सुगमिा लाकर सुत्िधाओं के त्लए ऑनलाइन व्यिस्थिा है। ह्म लगातार यते सुनतते आए हैं लतेवकन ्मैं य
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हो चुकी है। आ्ज ्जन्म प्रमाण परि से लेकर िररष््ठ नागररक की ्में हमी नहीं बल्ल्क दुवनया के दमूसरते दतेशों
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पहचान देने िाले ्जीिन प्रमाण परि िक, सरकार की अत्धकिर कहंगा वक भारत के वलए यते सदमी कत्षव्यों कमी ्में भमी दतेखनते को व्मलते। बोत्स्िाना
सेिाएं त्डत््ज्टल हैं। आ्ज त्डत््ज्टल गिन�स का एक बेहिरीन सदमी है। ह्में इसमी सदमी ्में, अगलते 25 सालों ्में ्में स्थानमीय गायकों नते भारत कमी
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इंफ्ास्ट्क्चर भारि में है। ्जनधन-मोबाइल और आधार (्जैम नए भारत के स्िवण्ष्म लक्षय तक पहंचना है। इन आजादमी के 75 साल ्मनानते के वलए
त्ट्त्न्टी) की त्रिशस्क्ि का देश के गरीब और मध्यम िग्ण को लक्षयों तक ह्में ह्मारते कत्षव्य हमी लतेकर जाएंगते। दतेशभल्क्त के 75 गमीत गाए। यह 75
सबसे अत्धक लाभ हुआ है। इंडस्ट्ी 4.0 के त्लए ्जरूरी कौशल इसवलए, यते 25 साल दतेश के वलए कत्षव्य पथ गमीत वहंदमी, पंजाबमी, गुजरातमी, बांग्ला,
िैयार करने के त्लए आ्ज स्कूल के स्िर पर भी फोकस है। करीब
ते
10 ह्जार अ्टल त््टंकररंग लैब में आ्ज 75 लाख से अत्धक पर चलनते के साल हैं। यते कत्षव्य भािना स असव्मया, तव्मल, ततेलुगमू, कन्नड़
छारि-छारिाएं इनोिेशन पर काम कर रहे हैं। नई राष्ट्ीय त्शक्षा स्ियं को स्मवप्षत करनते का कालखंड है। और संस्कृत जैसमी भार्ाओं ्में गायते
नीत्ि में भी ्टरे�ॉलॉ्जी को महत्ता दी गई है। अ्टल इन्क्यूबेशन गए। ना्ममीवबया ्में भारत-ना्ममीवबया
सें्टर का एक बहुि बड़ा ने्टिक्फ देश में िैयार त्कया ्जा रहा - नरेंद्र ्मोदमी, प्रधान्मंत्मी के सांस्कृवतक-पारंपररक संबंधों पर
है। इसी प्रकार, पीएम ग्रामीण त्डत््ज्टल साक्षरिा अत्भयान यानी विशतेर् स्टाम्प जारमी वकया गया।
पीएम-त्दशा देश में त्डत््ज्टल सशक्िीकरण को प्रोत्सात्हि करन े ले पा रहा है क्योंत्क दशकों बाद देश ने एक म्जबूि और स्स्थिर
का एक अत्भयान चला रहा है। सरकार चुनी है। आ्ज पूरी दुत्नया में भारि को लेकर सोच
अब अमृि काल में नए भारि का लक्षय अपने स्िाधीनिा में इिनी सकारात्मकिा इसत्लए है, क्योंत्क यहां एक म्जबूि
सेनात्नयों के सपनों को पूरा करना है। नए भारि को उनके सपनों सरकार है। आने िाले 25 साल यानी आ्जादी के अमृि काल में
का भारि बनाना है। एक ऐसा भारि- त््जसमें गरीब, त्कसान, त्िकत्सि भारि के त्नमा्णण के त्लए यही स्स्थिरिा, यही म्जबूिी
म्जदूर, त्पछड़ा, आत्दिासी सबके त्लए समान अिसर हों। त्पछले आिश्यक है, त््जसे देश के ्जन-्जन को आगे बढ़ाना है। बीि े अमेृत मेहोत्सव
नौ िषगों से देश ने इसी संकल्प को पूरा करने के त्लए नीत्ियां भी दशकों में देश के ्जन-्जन ने अपने काम से भारि की सशक्ि ्जन-्जन का उत्सव
बनाईं और पूरी त्नष््ठा से काम भी त्कया है। अमृि काल में भारि छत्ि बनाई है िो अमृि महोत्सि ने 9 िषगों की यारिा से अमृि
की सोच समािेशी है और करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं को पूरा काल को एक आधार प्रदान त्कया है। इस कारण आ्जादी के
करने में ्जु्टा है। अमृि काल में यानी आने िाले 25 साल में अपेक्षाएं और बढ़ आजपादी कपा अमेृत मेहोत्सव अ्पने आ्प मेें एक अबद्ती्य केस
अमृि काल के त्लए त्िरा्ट संकल्प के साथि भारि अग्रसर है। गई हैं क्योंत्क आ्ज भारि का हर नागररक स्ियं में सफलिा की स्टेर्ी है बजसमेें न केवल ्पूरी सरकपार, िट््मक ्पूरे समेपाज कपा
दृट्ष्टेकोर् अ्पनपा्यपा ग्यपा।
आत्थि्णक हो या सामात््जक, देश आ्ज त्नणा्णयक फैसला इसत्लए कहानी भी है और उसका िाहक भी। n
आजपादी के 75 वर््ष ्पर 2 वर््ष से अबधक बदनों चले अमेृत
मेहोत्सव की शुरुआत 75 सप्तपाह ्पहले 12 मेपाच्ष, 2021 को हुई।
इस समेपारोह मेें 36 रपाज््य और केंद्शपाबसत प्रदेशों के सपा्थ केंद्
सरकपार के 55 मेंत्पाल्यों ने भपाग बल्यपा। वैट्श्वक स्तर ्पर प्रवपासी
भपारती्य और 150 से अबधक देश के लोग भी शपाबमेल हुए।
‘ ह ह मेहोत्सव के तहत करीि 2.25 लपाख छोटेे-िड़े कपा्य्षक्रमे
ु , ू फ ह ह ह आ्योबजत बकए गए हैं उनमेें रपाष्ट्ी्य स्तर ्पर 25 हजपार और
फ ह ह ह रपाज््य व केंद् शपाबसत प्रदेश के स्तर ्पर दो लपाख कपा्य्षक्रमे उच्
आ ह ह इ ह ु श जनभपागीदपारी के सपा्थ आ्योबजत बकए गए।
ु श ह अमेृत मेहोत्सव की श्ृंखलपा मेें औसतन हर घंटेे 9-10 कपा्य्षक्रमे
आ्योबजत हुए ।
22 न्ययू इंटडया समेाचार 1-15 अगस्त 2023 न्ययू इंटडया समेाचार 1-15 अगस्त 2023 23