Page 4 - NIS Hindi 01-15 August,2023
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संपादक की क्लमे से...
अमृत महोत्सि: रेाष्ट् करी दिकास
यात्ा का अदिस्मरेणरीय कालखंड
सवादर नमस्िवार। िी आ्वरि िथवा बनी है। इस महवामांथन ने रवाष्टट्र ियो
इस स््वतेांत्तेवा गद्वस िे अ्वसर पर लवाल गिले िी ग्विवास िवा ऐसवा अमृते गदयोवा है जयो नए सांिल्पों िे
प्वाचीर से जब गतेरांिवा आन-बवान-शवान िे सवाथ सवाथ नई ऊजवार् से भरवा है और गसग� िवा मवािर् प्शस्ते
लहरवाएिवा, तेब योह िे्वल एि ्ववागषर्ि उत्स्व मवात् िर रहवा है।
नहीं हयोिवा, बश्ल्ि इगतेहवास से सीख लेिर ्वतेर्मवान ियो इसिे अलवा्ववा एि भवारते-�ेष्टठ भवारते िी गदशवा में
अपने में समेटे हुए एि नई योवात्वा िी ओर प्स्थवान हयोिवा। जम्मू-ि्वमीर से अनुच्छेद 370 िे गनष्टप्भवा्वी हयोने िे
योह इसगलए भी ऐगतेहवागसि हयोिवा क्योोंगि प्धवानमांत्ी चवार ्वषर् में ग्विवास िी योवात्वा, ग्वभवाजन ग्वभीगषिवा
नरेंद्र मयोदी 10्वीं बवार झांडवारयोहि िरेंिे। गद्वस पर ग्वशेष सवामग्ी, व्योश्क्तेत््व िी िड़ी में भवारते
स््ववाधीनतेवा िवा योह उत्स्व इसगलए भी ग्वशेष हयोिवा र� से सम्मवागनते पू्वर् रवाष्टट्रपगते ्वी्वी गिरी ियो शवागमल
क्योोंगि आजवादी िी 75्वीं ्वषर्िवाांठ ियो उत्स्व िवा गियोवा ियोवा है। जी-20 से जुड़े िवायोर्रिम, प्धवानमांत्ी
रूप देिर नए भवारते िे सांिल्प ियो सवािवार िरने िे िी �वाांस और सांयोुक्ते अरब अमीरवाते योवात्वा, चवार
गलए शुरू हुआ दयो ्वषर् िवा अमृते महयोत्स्व नए भवारते रवाज्योों ियो ग्विवास िी सरौिवातेें, आजवादी िे अमृते
िी नीं्व िवा अग्वस्मरिीयो िवालखांड बन ियोवा है। महयोत्स्व �ृांखलवा में महवानवायोिों िी प्ेरि िवाथवा इस
ग्विगसते भवारते िे ग्वरवाट लक्षयो ियो लेिर आिे बढ़ अांि में शवागमल है।
रहे नए भवारते िवा आधवारस्तेांभ तेैयोवार िरने ्ववाले अमृते पुन्वच: आजवादी िी नीं्व पर खड़ी हुई योे भव्यो
महयोत्स्व ने ग्विवास िवा मवािर् बनवायोवा है और 2047 िे इमवारते, रवाष्टट्र िी मांगजल नहीं, मवािर् है, एि नए भवारते
लक्षयो िी गदशवा में िदम बढ़वायोवा है। िी शुरुआते है� आइए स््वतेांत्तेवा, एितेवा, ग्विवास और
आजवादी िवा अमृते महयोत्स्व जनभवािीदवारी, योवानी लयोितेांत् िे अमृते महयोत्स्व में गलए िए सांिल्पों िे
‘सबिवा प्योवास’ इस उत्स्व िी मूल भवा्वनवा रही है। सवाथ आिे बढ़तेे हैं।
अब प्धवानमांत्ी ने अमृते िवाल ियो ितेर्व्यो िवाल नवाम आप अपनवा सुझवा्व हमें भेजतेे रहें।
गदयोवा है, तेयो इसमें भग्वष्टयो िे सांिल्प भी हैं और ग्विवास
तेथवा ग्वरवासते भी है।
जन-उत्स्व और ग्विगसते भवारते िी आधवारगशलवा
बन चुिे अमृते महयोत्स्व िे पूरे िवालखांड िी योवात्वा
ने गिस तेरह से ग्विवास ियो नई गदशवा दी है और रवाष्टट्र
िवा जन-जन सांिश्ल्पते हुआ, योही हमवारी इस बवार (रवाजेश मल्हयोत्वा)
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िहदी, अग्रजी व अ� 11 भाषाओं म उपल� पित्रका पढ़/डाउनलोड कर।
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