Page 12 - NIS Hindi 01-15 December, 2025
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     राष्ट्रीीय वदे माातरमा काे 150 वर्षष


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                                        �दे माातोरमा के 150 �ष� का स्मारणोत्स�












                आजादीी का े  प��ानं काा ता�ाना


                   ��े मृातारमृ - “मृां, मृं ताुम्हं प्रार्णामृ कारताा हूं”, याह शब्� एका मृंत्र, एका ऊजा और एका
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                                                                                       ि
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                  सकाल्पू है। हमृारे �तािमृान काो आत्मृद्धि�श्�ास से भारताा है। भाद्धि�ष्या काो याह नयाा हौसला
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                  �ेताा है द्धिका ऐसा काोई सकाल्पू याा लक्ष्या नहं, जो हमृ भाारता�ासी पूा न सकां। द्धि�रोधा और
                 �ेशभाक्लि�ता काा प्राताीका �ं�े मृातारमृ काे 150�ं �षाि मृं साल भार चुलने �ाले स्मृरर्णोत्स� काा
                                                                                    ं
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                          प्राधाानमृत्री नरंद्र मृो�ी ने 7 न�ंबर काो नई द्धि�ल्ली मृं द्धिकायाा शुभाारभा...
               ए        कतीा, नि�रोधा और राष्ट्रीीय गौर� की स्थाायी   आत्मंनिनभामर और सांस्कनितीक रूप से समंृद्ध भानि�ष्य की
                                                                               ृ
                                                             आकांक्षेाओं से जोड़ेने का प्रयास हूै। भाारती सरकार इसे
                        नि�रासती ए�ं राष्ट्रीीय गीती �दे मंातीरमं के 150
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                        साला परे हूोने का स्मंरणेोत्स� 7 न�ंबोर,
                                                               �षम भार चालाने �ालाे स्मंरणेोत्स� के उद्घाटन अं�सर
                        2026 तीक मंनाया जाएगा। देशभार मं  ं  चाार चारणें मंं मंनाएगी।
              यादगार गनितीनि�निधायां आयोनिजती की जा रहूी हूं निजसकी   पर प्रधाानमंंत्रीी नरंद्र मंोदी ने यहू सदेश भाी निदया निक जो
                                                                                        ं
              शुरुआती 7 न�बोर, 2025 को हूुई। मंुख्य कायमक्रमं के   लाोग राष्ट्री को क�ला एक भाू-राजनीनितीक इकाई के रूप मंं
                                                                         े
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              साथा-साथा राष्ट्रीीय स्तीर पर सा�मजनिनक स्थाानं पर ‘�दे   द�तीे हूं, उनके निलाए राष्ट्री को मंा मंानने का नि�चाार
                                                                                        ं
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              मंातीरमं’ के पणे संस्करणे का सामंनिहूक गायन निकया गया।   आश्चायजनक लाग सकतीा हूै लानिकन भाारती अंलाग हूै। भाारती
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              �दे मंातीरमं की भाा�ना को आज के भाारती के संदभाम मंं   मंं, मंां जन्मं दने �ालाी, पालान-पोषणे करने �ालाी और
                                                                        े
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              नए निसरे से सामंने र�ने के साथा हूी इन समंारोहूं के   जबो उसकी सतीान संकट मंं हूोतीी हूै, तीो �हू संकटं को
              मंाध्यमं से देश के गौर�शालाी अंतीीती को उसके एकजुट,   हूरने �ालाी भाी हूोतीी हूै। मंां भाारतीी अंपार शल्कि�ती र�तीी हूै,






















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