Page 13 - NIS Hindi 01-15 December, 2025
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राष्ट्रीीय वदे माातरमा काे 150 वर्षष
                                                                                               ं














               ...औ� यूंं �ाष्ट्रीीयूं गीीता बनाा वंदेे मााता�मा
                         ं

              भाारेंती कॉा रेंाष्ट्रीीय गीती वी�दे मातीरेंम...यहा रेंचना, अमरें रेंाष्ट्रीगीती
                                                                                   म
                                                                                 म
              कॉे रूपी मं स्वीती�त्रीतीा सनालिनयं औरें रेंाष्ट्री लिनमा�तीाओं कॉी अनलिगनती   नि�पनि� मंं मंागदशन करतीी हूै और शत्रीुओं का नाश
                             े
                                                      ू
              पीीलिढ़यं कॉो प्रेरिरेंती कॉरेंतीी रेंहाी हाै। रेंाष्ट्रीीय पीहाचान औरें सामलिहाकॉ   करतीी हूै। राष्ट्री को मंां और मंां को शल्कि�ती के निदव्य
                                                                                    े
              भाावीना कॉा लिचरेंस्थायी प्रतीीकॉ हाै। 'वी�दे मातीरेंम' पीहा�ी बीारें   अं�तीार के रूप मंं द�ने की धाारणेा ने एक ऐसे स्�तींत्रीतीा
              सालिहाब्धित्यकॉ पीलित्रीकॉा बी�गदशा�न मं 7 नवी�बीरें 1875 कॉो प्रकॉालिशाती   आदोलान को जन्मं निदया निजसमंं पुरुषं और मंनिहूलााओं
                                                                        ं
              हांआ था। बीाद मं, इसकॉे रेंचलियतीा बी�लिकॉम च�र्द् चट्टोोपीाध्याय ने इसे   दोनं को समंान रूप से शानिमंला करने का संक�प निलाया
              अपीने उपीन्यास 'आन�दमठी' मं शाालिम� लिकॉया। रेंवींर्द्नाथ र्टीगोरें   गया थाा। पीएमं मंोदी कहूतीे हू निक इस दल्किष्टकोणे न भाारती
                                                      ै
                                                                                          ं
                                                                                                 ृ
                                                                                                         े
              ने इसे स�गीतीबीद्ध लिकॉया था। 24 जनवीरेंी, 1950 कॉो डुॉक्र्टीरें रेंाजर्द्   को एक बोार निफेर एक ऐसे राष्ट्री का सपना द�ने मंं
                                                         ं
                                                                                                        े
              प्रसाद ने स�लिवीिान सभाा मं एकॉ बीयान लिदया... “जन गण मन   सक्षेमं बोनाया निजसमंं मंनिहूलाा शल्कि�ती राष्ट्री निनमंामणे मंं
              नाम कॉे शा�दं औरें स�गीती से बीनी रेंचना भाारेंती कॉा रेंाष्ट्रीगान हाै,   सबोसे आगे हूो।
              लिजसमं सरेंकॉारें जरूरेंती पीड़ीने पीरें शा�दं मं बीद�ावी कॉरें सकॉतीी   बोनिकमं  चांद्र  चाट्टोोपाध्याय  के  परे  मंला  गीती  की
                                                                         ं
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              हाै औरें वी�दे मातीरेंम गीती, लिजसने भाारेंती कॉे स्वीािीनतीा स�ग्रेाम   पल्कि�तीयं... त्�म् निहू दगा दशप्रहूरणे-धाारिरणेी कमंलाा
                                                                                        म
                                                                                      ु
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              मं ऐलितीहाालिसकॉ भालिमकॉा लिनभााई हाै, उसे जन गण मन कॉे बीरेंाबीरें   कमंला-दला-नि�हूारिरणेी �ाणेी नि�द्याा दानियनी, नमंानिमं त्�ाम्
              सम्मान लिदया जाएगा। उसकॉा दजा� भाी उसकॉे बीरेंाबीरें हाोगा।
                                                                                        ं
                                                                                                     ं
                                                                                                        ु
              मंझीे आशाा हाै लिकॉ इससे सदस्य स�तींष्र्टी हांगे।” उनकॉे बीयान कॉो   नमंानिमं कमंलााम् अंमंलाा अंतीुलााम् सुजलाा सफेलााम्
                                                                             ं
                                    ै
              अपीनाया गया औरें रेंवींर्द्नाथ र्टीगोरें रेंलिचती जन-गण-मन कॉो   मंातीरम्, �दे मंातीरमं! का हू�ालाा देकर पीएमं मंोदी ने
              स् वीती�त्री भाारेंती कॉा रेंाष्ट्रीगान औरें बी�लिकॉम च�र्द् रेंलिचती वी�दे मातीरेंम कॉो   यहू बोतीाया निक भाारती मंातीा नि�द्याा दानियनी सरस्�तीी भाी हूै,
              रेंाष्ट्रीीय गीती कॉे रूपी मं अपीनाया गया।             समंृनिद्ध दानियनी लाक्ष्मंी भाी हूं और अंस्त्री-शास्त्रीं को धाारणे
                                                                                ु
                                                                                  म
                                                                     करने �ालाी दगा भाी हूं। हूमंं ऐसे हूी राष्ट्री का निनमंामणे
                                                                     करना हूै जो ज्ञाान, नि�ज्ञाान और टेक्नोोलाॉजी मंं शीषम पर
                                                                                                     ृ
                                                                     हूो, जो नि�द्याा ए�ं नि�ज्ञाान की तीाकती से समंनिद्ध के शीषम
                                                                                                       म
                                                                     पर हूो और जो राष्ट्रीीय सुरक्षेा के निलाए आत्मंनिनभार भाी हूो।
                                   ं
        वाद मातंरम, स्वातंंत्रीतंा आदोलने क शहीदं का गीीतं           फेौज के ज�ानं के निलाए �न रंक �न पंशन लाागू हूोने
          ं
                                            े
            े
                                                                            के 11 �षम भाी 7 न�बोर को हूी परे हूुए हूं। जबो
                                                                                                   ू
                                                                                           ं
        होनेे क साथ-साथ शाश्वतं प्रेरणोा का भी काम करतंा
               े
                                                                                       े
                                                                                हूमंारी सनाएं, दुश्मंन के नापाक इरादं
        है। हमं ने कवाल याह यााद विदलातंा है विक हमनेे
                     े
                                                                                  को कचाला देतीी हूं, जबो आतींक�ाद,
                                                                                       ु
                    ै
        स्वातंंत्रीतंा कसे हाविसल की, बोल्कि�क याह भी बोतंातंा                     न�सला�ाद, मंाओ�ादी आतींक की
        है विक हमं इसकी रक्षाा कसे करनेी चाविहए। जेंबो                               कमंर तीोड़ेी जातीी हूै, तीो देश क  े
                                  ै
        भी राष्ट् ी ीया ध्वाजें फहरायाा जेंातंा है, याह शब्द                         सुरक्षेाबोला एक हूी मंत्री से प्रेरिरती हूोती  े
                                                                                                   ं
                                                                                                    ं
                            े
        सहजें रूपी से हमार विदलं से उठतंे हं -                                      हूं और �ो मंंत्री हूै - �दे मंातीरमं! n
        भारतं मातंा की जेंया! वाद मातंरम!                                                          प्रिानम�त्रीी कॉा पीरेंा
                                  े
                                 ं
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                                                                                                   कॉाय��म द�ने
            ं
        -नेरद्र मोदी, प्रधाानेमंत्रीी                                                              कॉे लि�ए QR कॉोडु
                                                                                                   स्कॉैन कॉरेंं।
                                                                                   न्यूू इंंदि�यूा संमाचाार | 1-15 दि�संंबर 2025  11
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