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फलैगिशप अिभिान सुगमि भारत
सूचना-संचार इको प्णािछी सुगमय्ा
लक्य: केंद्र और राजय सरकारों की कुल वेबसाइटिों में से कम से कम 50 फीसदी
को सदवयांगों के सलए सुगमय बनाना तासक उनकी पहुंच आसान हो।
n• 917 वेबसाइटि को सुगमय बनाने के सलए 26 करोड़ रु. से सजसमें से 419 वेबसाइटि सेवा में उपलबध हैं।
जयादा की रासश मंजूर, सजसमें से 15.52 करोड़ रुपये सदए n• केंद्रीय मंत्रालयों और सवभागों की 100 वेबसाइटिों में से 95
जा चुके हैं। वेबसाइटि को इलेकट्रॉसनकी और सूचना प्रौद्ोसगकी मंत्रालय
n• ससतंबर 2020 तक 591 वेबसाइटि सुगमय बनाए जा चुके हैं, विारा सुगमय बनाया गया है।
लदवयांगजनों के सिकक्करण के लिए केंद्र सरकार कछी अनय महतवपूण्थ पहि
n1992 से 2014 तक नदवरांगों को सहारता पहंचाने के 56 n 6-18 वषया कली आरयु तक बच्चों को मफत नशक्ा का प्रावधान।
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कारक्रम हए, बलीते छह साल में 9 हजार से जरादा कारक्रम n नदवरांगों को ट्वावलंबली बनाने के नलए 2 लाख से जरादा कौशल
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से लाखों नदवरांगों को सलीधली सहारता दली गई। नवकास प्रनशक्ण नदरा जा चका, इसे 5 लाख से जरादा करन े
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n सरकार कली ओर से नदवरांगों के नलए आरोनजत 10 कारक्रमों का लक्र है और 2022 तक 25 लाख को प्रनशक्ण।
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को नगनलीज बक ऑफ वलड्ट ररकॉड्ट में दजया नकरा जा चका है। n इंनडरन साइन लैंगवेज ररसचया एंड रिेननंग सेंटर कली ट्थापना।
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n नरेंद्र मोदली जब प्रधानमंत्रली बने तब 16,500 नदवरांगों के नलए 70 साल में पहलली बार 6 हजार शबदों का शबदकोष तैरार।
आरनक्त पद ररकत थे, नजसमें से 14,500 अगले साल हली n सगमर पयुट्तकालर के रूप में ऑनलाइन मंच जहां
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ररस्कतरां भरली गई। नदवरांगजन इंटरनेट कली मदद से समाचार पत्र, मैगजलीन,
n नदवरांगों कली ननरयुस्कत के नलए नवशेष अनभरान के साथ पयुट्तकें पढ़ सकते हैं। जहां ऑनलाइन सयुनवधा नहीं है, वहां
आरक्ण कोटा 3 से बढ़ाकर 4 फलीसदली नकरा। उच्च नशक्ण डाक से भली भेजा जाता है।
संट्थानों में कोटा 3 से बढ़ाकर 5 फलीसदली नकरा गरा।
ओर से 3 नदसंबर 2015 को हयुई थली, नजसका उद्ेशर सरकारली भवनों, लनकन आजादली के बाद से कई दशकों तक समाज में उनकली भागलीदारली
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सड़क, रेलवे, हवाई अड्ों, सरकारली वेबसाइट आनद को नदवरागजनों सननस्शचत करने वाले कानून कली मौजूदगली के बावजूद केंद्र सरकार के
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के अनयुकूल बनाते हए बेहतर बननरादली सयुनवधाएं उपलबध कराना ह ै सगमर भारत अनभरान कली सफलता का अंदाजा इससे भली लगारा जा
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तानक उनकली शारलीररक अक्मता हली उनकली क्मता का जरररा बन जाए। सकता है नक चाहे उद्ोग हो रा सेवा का क्ेत्र रा नफर खेल का मैदान।
सरकार कली सोच नदवरागों को न नसफ्क शारलीररक, सामानजक, माननसक नदवरागों के कौशल को प्रोतसाहन नदरा जा रहा है तो नदवराग दननरा में
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बस्लक समान अवसर उपलबध कराना भली है। इस नदशा में सरकार न े देश का नाम रोशन कर भारत का नतरंगा फहराकर आते हैं। नदवरागजनों
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अभूतपवया प्रगनत कली है और नदवरागजन भली अब आसमान छ रहे हैं। रह ने सानबत कर नदरा है नक उनके पास नहममत भली है, हौसला भली है हनर
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अनभरान सरकत रा्रि संघ के सतत नवकास लक्र (एसडलीजली) का भली भली है। वे भली सामानर जलीवन का आनंद उठा सकते हैं और नकसली भली
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नहट्सा है। इस अनभरान के तलीन आराम हैं- वातावरण सयुगमर बनाना, कार को पूरली दक्ता और कुशलता के साथ कर सकते हैं। नदवराग जनों
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पररवहन और सूचना-संचार प्रणालली को नदवरागजनों के अनयुकूल के प्रनत समाज का नजरररा बदलने कली एक पहल है, नजसकली शरुआत
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बनाना। प्रधानंमत्रली ने नवकलांग कली जगह नदवराग शबद नदरा और सरकार ने कली है, अब नजममदारली समाज कली भली है।
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रा्रिवरापली फलगनशप अनभरान कली शरुआत कली तानक वे ट्वावलंबली बनें (इस असभयान से संबसधत सकसी जानकारी को
और सममान के साथ अनर लोगों के साथ जलीवन जली सके। वषया 2011 www.accessibileindi.gov.in और
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कली जनगणना के मतानबक देश में 2.21 फलीसदली आबादली नदवराग है। www.disabilityaffairs.gov.in दि सकते हैं। ) n
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