Page 30 - NIS Hindi November 16-30
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     सपेशि ररपो्  तकनीक के रासते नवकास



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        समग् सोच कली जरूरत ्ली, नजसे साकार करते हए केंद्र सरकार ने बहआरामली   आतमननभ्षरता की ओर एक और कदम
        रणनलीनत पर काम शरू नकरा। ट्वचछ भारत नमशन के तहत घरों में 11 करोड़
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        शौचालर बनाना, टलीकाकरण का नवशेि अनभरान नमशन इंद्रधनयुि, मां-बचिों   भञारत रें पहली बञार
        के नलए पोिण अनभरान,जल जलीवन नमशन से गांवों तक पाइप से पलीने का
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        पानली पहंचाने का अनभरान, 1 रु. में सैनेटरली पैड महैरा कराने जैसली पहल इसली   हींग की खेती शुरू
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        समग् सोच का नहट्सा है।
         इस मौिे ्पर प्धानमंत्मी िे संबयोधन िे अहम रबंद यू
        n   अंतरराषरिलीर खाद्य एवं कृनि संगठन(एफएओ) कली 75वीं वियागांठ पर

          प्रधानमंत्रली ने 75 रुपरे का ट्मारक नसकका जारली नकरा। उनहोंने कहा,
          ''एफएओ ने भारत सनहत दननरा भर में कृनि उतपादन बढ़ाने, भखमरली
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          नमटाने और पोिण बढ़ाने में बहयुत बड़ली भूनमका ननभाई है। रह नसकका
          भारत कली 130 करोड़ से अनधक जनता कली तरफ से आपकली सेवा भावना
          का सममान है।''

        n   भारत ने जब अंतरराषरिलीर रोग नदवस का प्रट्ताव रखा ्ा, तो उसके पलीछे
          सवयाजन नहतार- सवयाजन सखार कली हली भावना ्ली। भारत जलीरो बजट में
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          होनलस्ट्टक वेलनेस का मंत्र नवशव के सभली देशों तक पहंचाना चाहता ्ा।
        n   हमने नपछले 7-8 महलीनों के दौरान भारत में भखमरली और कुपोिण से   आतमननभयार  भारत  और  ट्वदेशलीकरण  कली  तरफ  बढ़ते
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          लड़ने के नलए 80 करोड़ गरलीबों को करलीब-करलीब डेढ़ लाख करोड़ रु. का   भारत में अब आपकली रसोई में ट्वदेशली हींग का तड़का
                                                                                          े
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          खाद्यान्न मफत बांटा है। रे पूरे रूरोनपरन रूननरन और अमेररका कली कुल   लगेगा।  भारतलीर  नहमालरली  क्त्र  में  पहलली  बार  हींग
                                                                                             यु
          जनसंखरा से भली जरादा है।                                  (असाफोनटडा)  कली  खेतली  कली  शरुआत  कर  दली  गई
        n   एफएओ ने बलीते दशकों में कुपोिण के नखलाफ भारत कली लड़ाई को   है। सबसे महंगे मसालों में से एक हींग कली प्रनत नकलो
                                                                                                        यु
                                                                    कलीमत करलीब 35 हजार से 40 हजार रुपरे है। दननरा
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          नजदलीक से देखा है। देश में अलग-अलग ट्तर पर प्ररास हए ्े, लेनकन   में  पैदा  होने  वालली  कुल  हींग  का  करलीब  50  फलीसदली
          उनका दाररा रा तो सलीनमत ्ा रा टुकड़ों में नबखरा ्ा।        नहट्सा भारत में आरात नकरा जाता है। अभली तक भारत
        n   साल 2014 तक नसफ्क 11 राजरों में खाद्य सरक्ा अनधननरम लागू ्ा और   में अफगाननट्तान, ईरान और उजबेनकट्तान से सालाना
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          इसके बाद हली रे पूरे देश में प्रभावली तरलीके से लागू हो पारा।  नकसानों के   लगभग 1200 टन कचिली हींग आरात कली जातली है। इस
          नहत में तलीन बड़े कृनि सधार कानून लागू नकए।                महंगे मसाले के आरात पर भारत सालाना करलीब 10
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        n   मैं एफएओ को धनरवाद देता हूं नक उसने विया 2023 को अंतरराषरिलीर   करोड़ डॉलर खचया करता है। देश में इस उतपादन से

        बाजरा विया घोनित करने के भारत के प्रट्ताव को सम्यान नदरा है।  डॉलर खचया बचेगा।  सलीएसआईआर कली प्ररोगशाला,
                                                                    इंट्टलीट्ट  ऑफ़  नहमालरन  बारोररसोसया  टेक्ोलॉजली
                                                                          ू
          संरयुकत राषरि कली संट््ा खाद्य एवं कृनि संगठन(एफएओ) कली ट््ापना   (आईएचबलीटली), पालमपर के प्ररास से नहमाचल प्रदेश
                                                                                      यु
        1945 में कली गई ्ली। रह कृनि उतपादन, वाननकली और कृनि नवपणन संबंधली   के सदूर लाहौल घाटली कली बंजर जमलीन पर नकसानों ने
                                                                       यु
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        शोध नविर का अधररन करता है। भारत का एफएओ के सा् ऐनतहानसक     अब हींग कली खेतली करनली शरू कर दली है। हींग के पौधा
        संबंध रहा है। भारतलीर नसनवल सेवा के अनधकारली डॉ. नबनर रंजन सेन 1956-  रोपन सामग्ली कली कमली से अभली तक भारत में हींग पैदा
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        1967 के दौरान एफएओ के महाननदेशक ्े। 2020 में नोबेल शांनत परट्कार   नहीं होतली ्ली। हींग कली खेतली कली शरुआत 15 अकटटूबर
        जलीतने वाले नवशव खाद्य कारयारिम कली ट््ापना उनके समर में हली कली गई ्ली।  को लाहौल घाटली के कवाररंग गांव में पहला पौधा लगाकर
                                                                                                े
                                                                    कली गई। नहमाचल के ठंडे रेनगट्तानली क्त्र में पौधे लगाए
                                                                    गए हैं करोंनक ऐसली जलवारयु में हली रे पौधे पनपते हैं। पौधे
                                                                    कली जड़ों से ओनलरा-गम राल ननकलने में 5 साल लगते
                                                                    हैं, इसली से हींग बनतली है।
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                          प्धानमंत्मी नरेंद्र मयोदमी िा ्परा संबयोधन
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                           सुनने ि रिए QR ियोि ्िैन िरें।
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