Page 18 - NIS Hindi October 1-15
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्सपेशल नरपो््ट श्रम संनहता (लेबर कोड)
कोरोिा काल में मजदूरों के नलए अनरयाि
80 करोड िोरों को 8 महलीने तक
मुफत अनार् कली सुलवधा
n मनरेरा मर्िूरली 182 से मर्िूरों के र्ररए पूरे।
बढाकर 202 रुपये कली। n भवन एवं अनय लनमा्षण
n पलीएम ररलीब कलयाण उपकर लनलध से 2 करोड
रोर्रार अलभयान में श्लमकों को िरभर
23 हर्ार करोड रु. से 5000 करोड रुपये का
जयािा के काम प्रवासली िाभ
काििों के जाल से मबकत
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श्रम काििचों में बहुत प्रावधाि अंग्ेर्चों के शासिकाल के थे। बदलत े मानलक अगर यह सोचता है नक वो नकसी का पे् ररता
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वकत के साथ नबिा बदलाव के इिमें से कई निस्षक्रर हो चुके थे रा है और श्रनमक यह सोचता है नक उसके पसीिे से ही
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वतयामाि पररदृशर में रे प्रासनगक िहीं रहे। इससे श्रनमकचों के नहतचों मानलक की दुनिया चलती है, तो कारोबार िीक से िहीं
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कली रक्षा के बर्ाए उनह परेशानिरचों का हली सामिा करिा पड़ता था।
काििचों का र्ाल ऐसा था नक एक हली काम के नलए श्रनमकचों को चलेगा। इसके नलए पररवार राव की जरूरत है।
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चार-चार फॉमया भरिे पड़ते थे। ऐसे में बेकार कािूि को मौर्ूदा
सरकार िे रद् नकरा और अब शेष 29 कािूिचों को चार कोड में
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समानहत नकरा र्ा रहा है। नरूितम मर्दूरली के काििली अनधकार के
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नलए वर् कोड में 4, सामानर्क सुरक्षा कोड में 9, ओएसएच कोड सरी श्रनमकों की नरक्र
में 13 काििचों को शानमल नकरा र्ा रहा है। संगनठत और असंगनठत क्षेत्र को नमलाकर देश में 50 करोड़
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प्रवासी मजदूरों पर संजीदा पीएम श्रनमक वगया है। इसमें से करलीब 93 फलीसदली श्रनमक असंगनठत वगया
के हैं, नर्नहें अभली श्रम कािि का लाभ िहीं नमल पा रहा था। श्रम
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कोरोिा काल में लॉकडाउि के दौराि प्रधािमत्रली मोदली िे सबस े संगठिचों के हली आंकड़चों के मुतानबक शेष 7 फलीसदली संगनठत क्षेत्र
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अनधक तरर्लीह श्रनमकचों-गरलीबचों को हली दली तानक इस आपदा से उिका के मर्दूरचों में भली आधे के करलीब कांरिैकट रा आउटसोसया के र्ररए
र्लीवि कम से कम प्रभानवत हो। प्रवासली मर्दूरचों और गरलीबचों के नलए काम करते हैं, नर्िके नहतचों कली रक्षा में भली कािि सक्षम िहीं
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गरलीब कलराण, मुफत अिार् घरचों तक पहंचािे र्ैसली कई रोर्िाओं था। अगर इि आंकड़चों को देखें तो 70 साल से भली पुरािे कािि
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को केंद्र सरकार िे बेहद तर् गनत से आगे बढ़ारा। इस कोरोिा के महर् साढ़े तलीि फलीसदली श्रनमकचों को हली लाभ दे रहे थे। ऐसे में
समर सड़कचों पर प्रवासली मर्दूरचों को देखिा और उसको लेकर र्ो बदलते आनथयाक पररदृशर, तकिलीकली और कार ट्थल कली र्रुरतचों
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तरर सामिे आए, उससे प्रधािमत्रली िरेंद्र मोदली का मि आहत था। को धराि में रखते हुए श्रम काििचों में वरापक पररवतयाि करिे कली
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ऐसे में उनहचोंिे तलीि कोड में प्रवासली मर्दूरचों के नलए नवशेष वरवट्था मांग उठ रहली थली। इसको लेकर नवितलीर श्रम आरोग िे र्ि 2002
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कराई है तानक प्रवासली मर्दूरचों का भनवषर पूरली तरह से सुरनक्षत हो। में ररपोटटि पेश कली थली, नर्समें प्रट्ताव नदरा गरा नक सभली श्रम
अब प्रवासली मर्दूरचों का िेशिल डाटा बेस बिेगा तो इसकली िई काििचों को 4-5 कोड में बदल नदरा र्ाए। इस पर चचाया तो शुरू
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पररभाषा तर होगली तानक एक राजर से दूसरे राजर में र्ा रहे प्रवासली हुई लेनकि 2004 से 2014 तक इस पर कोई खास पहल िहीं
मर्दूरचों को भली इस कोड के दाररे में लारा र्ा सके। रह लाभ अभली हुई। वषया 2014 में र्ब िरेंद्र मोदली प्रधािमंत्रली बिे, तब इि सभली
तक नसफ्फ ठेकेदारचों विारा लाए मर्दूरचों को हली नमल पा रहा था। अब श्रम काििचों को चार कोड में बदलिे कली नदशा में ठोस प्ररास
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प्रवासली मर्दूरचों को साल में एक बार घर र्ािे के नलए मानलक विारा शुरू हुआ।
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रात्रा भत्ता दिा अनिवार नकरा गरा है।
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