Page 26 - NIS Hindi 2021 November 16-31
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भारत       आजादी का अमृत मिोतसव



                  ं
               वनितों के उतथान के नलए जीवन

               रर समनप्षत रिीं मालती िौधरी


                         जन्म: 26 जुलाई 1904, ्मृतयु : 15 ्माच्भ 1998



















               स्ि   तंत्रता आंदोलि और रारतीय राषट्ीय कांग्स की एक सनक्रय
                                                 े
                     सदस्य ्मालती चौधरी िे ि केिल रारतीय स्ितंत्रता संग्ा्म
               ्म बढ़-चढ़ कर नहस्सा नलया था, बक्लक अिुसनचत जानत, अिुसनचत
                                                           ू
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               जिजानत और अनय नपछड़ा िग्भ स्मेत िनचत स्मूहों के उतथाि के   साल 2010 में सत्धान बनने के 60 साल पूरा होने पर
                                            ं
               नलए जीिि रर संघर््भरत रहते हुए बेहतर काय्भ नकया था। 26 जुलाई   िुजराि के ितकालीन मुखयमंत्ी नरेंद्र मोदी ने हाथी पर
                                                                         ं
                                                ें
               1904 को जन्मी ्मालती चौधरी 16 साल की उम्र ्म पढ़ाई के नलए 1921   सत्धान की प्रति रि कर शोभा यात्ा तनकाली थी। इस यात्ा में
                                    ें
                                   ्म शानत-निकेति गई थीं जहां िह नि्ि   मुखयमंत्ी िुद हाथी के आिे पैदल चिले थे।
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              मालती िौधरी          रारती ्म रतशी हुई थीं। ्मालती चौधरी ि  े
                                                                      ं
              का जनम पमूववी        ्महात्मा  गांधी  द्ारा  चलाए  गए  ि्मक   सत्धान तद्स : त्शेष पहचिान देने की पहल
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                                   सतयाग्ह  ्म  राग  नलया  था  और  एक
              बंगाल में िुआ        स्ितंत्रता  सिािी  के  रूप  ्म  अपिा   प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी अ्कसर सत्धान की महत्ा को रिातकि करि  े
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              था जो इस सम्य        द्मख्म  नदखाया  था।  िह  अपिे  पनत   रहे हैं और उनहोंने समय-समय पर नािररकों ए्ं प्रशासकों को
              वत्षमान में          िाबकृषण चौधरी के साथ जेल गईं थी   अपने अतधकारों के साथ कि्भवयों के तन््भहन के प्रति तजममदार बनन  े
                                                                                                           े
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              बांगलादेश में        जो बाद ्म ओनडशा के ्मुखय्मत्री बिे।   का आह्ान तकया है। प्रसिुि है सत्धान की महत्ा पर प्रधानमंत्ी
                                   यही  कारण  है  नक  उिकी  अपराजेय
                                                                                      ु
              आता िै।              सनक्रयता को देखते हुए ्महात्मा गांधी ि  े  नरेंद्र मोदी के भाषण के चितनंदा अंश -
                                                                       ं
                                   उिका िा्म  'तूफािी' रखा नदया था और    सत्धान की भा्ना के साथ जुड़े- यह ह्म सब का दानयति है नक
               रिीनद्िाथ ठाकुर उनह पयार से ्मीिू बुलाते थे। िह रारतीय स्ितंत्रता   िागररक, शासि वयिस्था, सरकार के बीच ताल्मेल नबठािे का
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                                                                                                        ं
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               संग्ा्म के दौराि कई बार जेल गईं। रारतीय राषट्ीय कांग्स ्म शान्मल   सबसे बड़ा अगर कोई स्ोत है तो िह है ह्मारा सनिधाि।
                                                                        ं
                                                                                               ं
               होिे के बाद उनहोंिे कांग्ेस स्माजिादी क्म्भ संघ की स्थापिा की थी।     सत्धान की वयापकिा- ह्मारे सनिधाि की पहचाि सरी के
                                                                                              ं
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               इतिा ही िहीं, उनहोंिे ओनडशा ्म क्मजोर स्मुदायों के उतथाि के   नलए स्मािता और सरी के प्रनत सिेदिशीलता है। यह गरीब हो
                                                                                        ं
               नलए बाजीराि छात्रािास जैसे कई संगठिों की स्थापिा की। ्मालती   या दनलत, नपछड़ा हो या िनचत, आनदिासी हो या ्मनहला सरी के
                       ें
               को 1948 ्म सनिधाि सरा के एक ्महतिपण्भ सदस्य के रूप ्म चिा   ्मूलरूत अनधकारों की रक्ा करता है।
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               गया था। स्ितंत्रता और गणतंत्र प्रापत होिे के बाद री िह सा्मानजक    कि्भवय भा्ना की प्ररणा - जिता के साथ सिाद करते स्मय ह्म
                                                                                    े
                                                                                                    ं
               जीिि ्म लगातार सनक्रय रही और ्मािा जाता है नक उनहोंिे 1971 ्म  ें  कत्भवयों की बात करिा िा रूलें। ह्मारा सनिधाि ह्म रारत के लोग
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                                                                                                 ं
               आपातकाल की घोर्णा के नखलाफ प्रदश्भि करके असंतोर् की सनक्रय   से शुरु होता है। ह्म रारत के लोग ही इसकी ताकत हैं। ्म जो कुछ
                                                                                                            ैं
               आिाज को बिाए रखा था। 15 ्माच्भ 1998 को 93 साल की उम्र ्म उिका   हं, िो स्माज के नलए हं, देश के नलए हं। यही कत्भवय राि ह्मारी
                                                         ें
                                                                        ू
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               निधि हो गया।                                             े
                                                                      प्ररणा का स्ोत है।  n
              24  न्यू इडिया समाचार | 16-30 नवंबर 2021
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