Page 47 - NIS Hindi August 01-15
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                                                                                   राष्ट्र  अरुर जेटली समकत व्याख्यान



                                                  …
                     समािेशि समाि के अंवतम


                     छोर तक विकास का रासता







































        भारती् ्संदभ्ष में ्समावेशी रवका्स की अवधार्ा                  मावेशली  नवकास  का  मतलब  एक  ऐसे  नवकास  से

        कोई नई बात नहीं है। प्राचीन धम्षग्रंथों का                     है, जहां सभली के नलए समान अवसि हों। सिकािली
        अविोकन करें तो उनमें भी ्सब िोगों को ्साथ            स रोजनाओं का लाभ समाज के अंनतम वगया तक पहुंचे।
        िेकर चिने का भाव रनरहत है। ‘्सववे भवनतु              समावेशली नवकास का बल जनसंखरा के सभली वगषों के नलरे बुननरादली
        ्सरखन:’ में इ्सी बात की पुलष्ट की गई है। भारत में    सुनवधाएं उपलबध किाने पि होता है, मतलब आवास, भोजन,
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        इ्स्से पहिे भी आरथ्षक ्से िेकर ्सामारजक सतरों        पेरजल, नशक्ा, ट्वाट्थ के साथ-साथ एक गरिमापूणया जलीवन जलीने
                                              े
        तक कई बार ्सुधारों की पहि की गई है। िरकन             के नलरे आजलीनवका के साधनों को उतपन्न किना। इन सब के साथ
        इ्समें एक अंतर था, वो है नजररए का। पहिे भारत         समावेशली नवकास के नलरे परायाविण संिक्ण का भली धरान िखा जाना
        में बड़छे ्सुधार तभी हुए जब पहिे की ्सरकारों के       आवशरक है, करोंनक परायाविण कली कलीमत पि नकरे गए नवकास को

                                           े
        पा्स कोई और रासता नहीं बचता था, िरकन अब              न तो नटकाऊ कहा जा सकता है औि न हली समावेशली।
        ्सरकार ्सुधारों को काम्ाबी की ्सीढ़ी मानती है,                नबना समावेश के वाट्तनवक नवकास संभव हली नहीं है औि नबना
                                                                                                            ्र
        रज्समें राष्ट्ररहत है और रज्समें जनरहत ्समारहत       नवकास के समावेश का लक्र भली पूिा नहीं नकरा जा सकता। अमत
                                                             काल के ऐसे समर जब देश आजादली के 100वें वषया में भाित कैसा
        है। ्समावेशन के ्साथ नए भारत में रवका्स के रिए       हो, इसकली तैरािली कि िहा है, समावेशन का नवषर औि महतवपूणया हो

        इ्सी बदिाव का रजक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8   जाता है। अरुण जेटलली ट्म्रनत वराखरान में ‘‘समावेनशता के माधरम
        जुिाई को पूव्ष रवत्त मंत्री अरु् जेटिी की समृरत में   से नवकास, नवकास के माधरम से समावेनशता'' के नवषर पि बोलते
        आ्ोरजत व्ाख्ान में रक्ा…...                          हुए प्रधानमंत्रली निद् मोदली ने बलीते 8 वषया में केंद् सिकाि के इसली
                                                                          ें




                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 अगस्त 2022 45
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