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राष्ट्र प्रधानमंत्ी संग्रहाल्य




                 प्रधािमंवत्रयों के विरय में आपका ज्ाि बढ़ािे िािे त्थय


        प्रिानमंत्ी संग्रहाल्य में र्ासन-प्रर्ासन, िुनरौती से धनप्टने की   गुजिात में लडपटी किेकटि ्े। इससे संबंल्धत दसतावेज िखे गए हैं।
        जानकारी तो है ही सा् में उनके धनजी जी्न से जुड़ी जानकारी, खास
                                                                                        मू
        प्रसंगरों की ्सतुओं को भी जगह दी गई है। कुछ ्यहां पधढ़ए…...  n चौ्धिी चिण लसंह की जमींदािी उनमिि में गहिी रूलच ्ी। उनहरोंिे
                                                                         मू
                                                                जमींदािी उनमिि पि एक महतवपमूण्य पुसतक भी लिखी जो संग्हािर्
        n िाि बहादुि शासत्ी िे अपिे लववाह में उपहाि के रूप में ससुिाि पक्   में िखी है।
          से मात् एक चिखा सवीकाि लकर्ा ्ा। वो चिखा संग्हािर् में िखा गर्ा
          है तो उिकी ्ोड़ी सी बचत, ईमािदािी औि सादगी को लदखाती उिकी   n प्र्धािमंत्ी चंद्रशेखि के लविर् में बहुत से िोगरों को िहीं पता लक उनहरोंिे
          पोसट ऑलफस की पासबुक भी संग्हािर् में िखी है।          'भाित र्ात्ा' िाम से कनर्ाकुमािी से िेकि लदलिी तक पदर्ात्ा की ्ी।
                                                                6 जिविी से 25 जमूि, 1983 तक वह िगभग 4,260 लकिोमीटि पैदि
        n सवतंत्ता आंदोिि में शालमि होिे से पहिे मोिािजी देसाई कई वियों तक   चिे ्े।

                                     इि मयूवियम को भी देि                    ें


        n भारती् ्संग्रहाि्, कोिकाता में है। 1814 में शुरू हुआ र्ह
          संग्हािर् भाित में ही िहीं बशलक लवशव के एलशर्ा प्रशांत क्ेत् में सबसे   n नेर्नल ्ॉर मैमोरर्यल नई धदलली में है। स्वोच्च बधलदान देने
          पुिािा औि सबसे बड़ा संग्हािर् है। र्हां प्राचीि वसतुओं, हल्र्ाि   ्ाले सैधनकरों की ्याद में इसका धनमा्यण धक्या ग्या है। अब
          औि आभमूिणरों, जीवाशम, कंकाि, पुिािे परििलक्त शव औि मुगि   अमर ज्ान ज्योधत भी ्यही प्रज््धलत है।
          लचत्रों के लविि संग्ह के सा् लसककरों का एक अिमूठा संग्ह भी है।  n राष्ट्ी्य पुधलस समारक नई धदलली में है। पुधलस और अि्यसैधनक
                                                                बलरों को समधप्यत राष्ट्ी्य समारक प्रिानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने 21
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        n राष्ट्री् रेि ्संग्रहाि्, िई लदलिी में है। जहां भाितीर् िि के 140   अ््टटूबर, 2018 को राष्ट् को समधप्यत धक्या। आजादी के इतने
          साि की लविासत को देखिे औि समझिे का मौका लमिता है। र्हां   दर्क बाद देर् में कोई राष्ट्ी्य पुधलस समारक नहीं ्ा।
          फेर्िी कवीि, भांप के इंलजि, कोर्िे से चििे वािी गालड़र्रों के मॉडि
          के अिावा महािाजा िोलिंग सिमूि भी देख सकते हैं। इस संग्हािर् में   n जधल्यां्ाला बाग समारक पररसर का पुनधन्यमा्यण और समारक
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          लवशव की प्रचीितम चािमू हाित की ििगाड़ी भी है लजसका इंलजि 1855   दीघा्यओं की र्ुरुआत ्त्यमान सरकार ने की है।
          में लिलम्यत हुआ ्ा।                                 n धबपलॉबी भारत गैलरी कोलकाता में है। ्यहां रिांधत के धिनहरों को
                                                                    ु
                                                                आिधनक तकनीक के माध्यम से आकष्यक बना्या जा रहा है।
        n आरबीआई मोनेटरी म्ूरज्म, मुंबई में हैं। इस मर्मूलजर्म में लसकके,
          रुपर्े के लवकास की कहािी देखी जा सकती है, 6ठी शताबदी के   ्यहां आजाद धहंद फरौज के ्योगदान को भी इधतहास के पन्नरों से
                                                                धनकालकर सामने लाने का प्र्यास धक्या ग्या है।
          लसककरों से िेकि वत्यमाि ई-मिी तक सब कुछ मौजद है।
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                                                              n आधद्ासी स्तंत्ता सेनानी संग्रहाल्य की कड़ी में भग्ान
        n रवरा्सत-ए-खाि्सा, लसख ्धम्य के मर्मूलजर्म से जुड़ा है जो पंजाब   धबरसा मुंरा आधद्ासी स्तंत्ता सेनानी संग्रहाल्य, झारखंर
          के आिंदपुि सालहब में है। र्ह संग्हािर् लसख इलतहास के 500 साि   में राष्ट् को समधप्यत धक्या जा िुका है। गुजरात के नम्यदा धजला
          औि खािसा की 300वीं वि्यगांठ के जश्न में बिार्ा गर्ा। र्ह दसवें   में देर् का राष्ट्ी्य आधद्ासी स्तंत्ता सेनाधन्यरों का संग्रहाल्य
          औि अंलतम गुरु गोलबंद लसंह के शासत्रों पि आ्धारित है औि एलशर्ा में   बन रहा है धजसमें 16 गैलरी पूरे भारत के आधद्ासी स्तंत्ता
          सबसे अल्धक देखे जािे वािे संग्हािर् के तौि पि रिकाड्ट में दज्य है।  आंदोलनरों को समधप्यत होगी। ्यह संग्रहाल्य स्टटैच्यू ऑफ ्यधन्टी
                                                                                                        ू
                                                                से लगभग 6 धकमी दूर है।
        n पतंग ्संग्रहाि्, अहमदाबाद में है। र्ह पतंग संग्हािर् देश का
          पहिा औि एकमात् पतंग संग्हािर् है जबलक दुलिर्ा का दसिा
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          पतंग संग्हािर् है। 26 फिविी, 1975 को शुरू औि संसकाि केंद्र के   2019 को प्र्धािमंत्ी ििेंद्र मोदी िे लकर्ा। संग्हािर् में लवलभन्न लफलमी
          िाम से पहचािे जािे वािे इस संग्हािर् में 22 गुणा 16 फुट की सबसे   हशसतर्रों के संघि्य की गा्ाओं औि भाितीर् मिोिंजि उद्ोग के
          बड़ी पतंग के अिावा पतंग के इलतहास की जािकािी ही िहीं बशलक   इलतहास की सहज जािकािी लमिती है।
          दुलिर्ाभि की दुि्यभ पतंगे भी देख सकते हैं।        n भाित में कपड़रों से जुड़ी लविासत के लिए अहमदाबाद में कैलिको वसत्
                                                               संग्हािर् है। 1949 में स्ालपत इस संग्हािर् में ि केवि मुगि काि
        n नेशनि म्ूरज्म ऑर इंरड्न र्सनेमा, गुिशि महि इमाित में
          र्ह मर्मूलजर्म मुंबई में शस्त है। इस मर्मूलजर्म का शुभािंभ 19 जिविी,   काि में बिे कपड़रों को प्रदलश्यत लकर्ा गर्ा है बशलक देश के लवलभन्न
                                                               लहससरों में कपड़ा उद्ोग की प्रगलत की जािकािी भी लमिती है।  n



          42  न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 अगस्त 2022
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