Page 45 - NIS Hindi August 01-15
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राष्ट्र कशक्ा समािम
िई वशक्ा, िई िीवत,
िए भारत का विमा्षण
रज्स तरह एक रशशु के सवसथ जीवन के रिए मां का दूध ही ्संप््ष
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आहार होता है, व्से ही रशक्ा भी एक व्ल्त के जनम ्से मृत् तक ्साथ्षक जीवन
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इि मयूवियम को भी देि ें जीने के रिए एक परम आवश्क घटक है। िेरकन रशक्ा का मक्सद र्सर्फ
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रडग्रीधारी ्ुवाओं को त्ार करना नहीं, बल्क देश को आगे बढ़ाने के रिए
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आवश्क मानव ्स्साधन के रनमा्ष् के रिए हो। नई राष्ट्री् रशक्ा नीरत का ्ही
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मि उद्ेश् है। 29 जिाई को इ्स रशक्ा नीरत के 2 वर्ष पूरे हुए हैं। इन दो वरषों में
जहां, सकिी रशक्ा ्से िेकर कौशि रवका्स तक कई पहि की गई हैं तो अब
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बारी उच् रशक्ा के क्त्र में मंथन के ्साथ और आगे बढ़ने की है। ्ह िक््
कै्से हार्सि हो… इ्सी पर मंथन के रिए देश के रशक्ा क्त्र ्से जुड़ी 300 हलसत्ा ं े
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ने 7 ्से 9 जिाई तक धम्ष, आध्ातम और ज्ान की नगरी वारा््सी में
अरखि भारती् रशक्ा ्समागम के तहत मंथन रक्ा। 7 जिाई को इ्स
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मंथन की शुरुआत की प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने…...
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ह मािे देश में मेधा कली कभली कमली नहीं िहली। लेनकन गुलामली प्रधानमंत्ी मोदी के भारर की 6 मुख्य बातें…...
के कालखंि में दुभायागरवश ऐसली वरवट्था बना दली गई, जहां
1. हम केवल निग्ली धािक रुवा तैराि न किें, बस्लक देश को आगे
पढ़ाई का मतलब केवल औि केवल नौकिली हली माना जाता
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था। तब अंग्जों का उद्शर था, अपने नलए सेवक वगया तैराि किना। बढ़ने के नलए नजतने भली मानव संसाधनों कली जरूित हो, हमािली
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नशक्ा वरवट्था वो देश को दे। इस संकलप का नेततव हमािे
आजादली के बाद इसमें थोड़ा बदलाव तो हुआ, लेनकन बहुत सािा नशक्कों औि नशक्ण संट्थानों को किना है।
बदलाव िह गरा। नलहाजा, वह परिणाम नहीं नमले पाए, जो नमलने 2. आज भाित दुननरा कली सबसे तेजली से बढ़ िहली बड़ली
चानहए थे। इसली वरवट्था को बदलने कली शुरुआत हुई 2020 में नई अथयावरवट्थाओं में एक हैं। आज हम दुननरा के तलीसिे सबसे
िाषरिलीर नशक्ा नलीनत के जरिए। एक ऐसली नलीनत, जहां नशक्ा नसफ्फ नौकिली बड़े ट्टाटटिअप इकोनसट्टम हैं। ट्पेस टेक्ोलॉजली जैसे क्ेत्रों में
पाने का नहीं, बस्लक रुवाओं के भनवषर के ननमायाण में मददगाि हो। जहां पहले केवल सिकाि हली सब कु् कितली थली वहां अब
7 जुलाई को अनखल भाितलीर नशक्ा समागम में इस बात का नजक्र प्राइवेट पलेरसया के जरिए रुवाओं के नलए नई दुननरा बन िहली
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किते हुए प्रधानमंत्रली निद् मोदली ने कहा, “िाषरिलीर नशक्ा नलीनत का मूल है। देश कली बेनटरों के नलए, मनहलाओं के नलए भली जो क्त्र
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आधाि, नशक्ा को संकुनचत सोच के दारिों से बाहि ननकालना औि पहले बंद हुआ किते थे, आज वो सेकटि बेनटरों कली प्रनतभा के
उसे 21वीं सदली के आधुननक नवचािों से जोड़ना है।” उदाहिण प्रट्तुत कि िहे हैं।
न्यू इंडि्ा समाचार 1-15 अगस्त 2022 43