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      राष्ट्र  अरुर जेटली समकत व्याख्यान




            ऐसे समािेशि के साथ विकास के रासते पर आगे बढ़ा भारत

                                                              • बीते आठ साि में भाित िे 9 किोड़ से जर्ादा मलहिाओं को मुफत गैस
                                                            n
            45 करोड़ ्से ज्ादा                                 किेकशि लदए हैं। र्े संखर्ा, साउ् अफ्ीका, ऑसट्रेलिर्ा, लसंगापुि,
                                                              नर्मूजीिैंड की कुि आबादी से जर्ादा है।
            जनधन खाते
                                                            n भाित के लडलजटि इंलडर्ा अलभर्ाि िे िगभग 5 िाख कॉमि सलव्यस
           बीते आठ ्साि में भारत ने 45 करोड़ ्से ज्ादा जनधन    सेंटस्य के जरिए गांव में िहिे वािे गिीब तक भी इंटििेट की ताकत
                                                   छे
           बैंक खाते खोिे हैं। ्े ्संख्ा भी जापान, जम्षनी, ररिटन,   को पहुंचार्ा है। भाित के भीम-UPI िे किोड़रों गिीबरों को लडलजटि पेमेंट
           इटिी, मैल््सको की कुि जन्संख्ा के बराबर है।        की सुलव्धा से जोड़ा है।
                                                            n भाित की सवलिल्ध र्ोजिा िे िेहड़ी-पटिी वािरों को बैंलकंग वर्वस्ा से
            209 नए मेरडकि                                     जुड़िे का अवसि लदर्ा है। र्ह समाज का वह वग्य है, लजनहें गािंटी के

            कॉिेज बनाए गए                                     अभाव में पहिे कभी ऐसी सुलव्धा िहीं लमिी।

           बड़ी आबादी को आ्ष्मान भारत जै्सा सवासर् कवर       n  लवकास में पीछे िहे 100 लजिरों को चुिकि उनहें आकांक्ी लजिरों के रूप
                            ु
                                                                               मू
           रमिा तो नतीजा हे्थ इंफ्ासट्र्चर में मजबूत ्सुधार के   में लवकास के मामिे में दसिे लजिरों के बिाबि खड़ा कििे की मुलहम
           ्साथ ्सामने आ्ा। भारत में रपछिे 7-8 ्साि में पहिे के   शुरू की गई है।
           मुकाबिे 4 गुना ्से ज्ादा, ्ानी करीब-करीब 209 नए   n उड़ाि र्ोजिा िे कई हवाई पलट्र्रों को जीवंत कि लदर्ा, िए एर्िपोट्ट
           मेरडकि कॉिेज बनाए गए हैं। मेरडकि कॉिेजों में ्सीटों   बिाए, दमूि दिाज के लटर्ि-2 औि लटर्ि-3 लसटी तक पहुंचे। लि्धा्यरित
           की ्संख्ा दोगुनी हो चुकी है।                       िालश में हवाई जहाज में सफि की एक िचिा की औि हवाई चपपि
            5 िाख रुप्े तक                                    पहििे वािा भी अब हवाई जहाज में बैठ पा िहा है।

            का मुफत इिाज                                    n भाित की िई िाष्ट्रीर् लशक्ा िीलत मातृभािा में पढ़ाई पि जोि दे िही है।
                                                                    े
                                                              जो अंग्जी िहीं जािता है, उसे अब मातृभािा में पढ़कि आगे बढ़िे का
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           आ्ष्मान भारत के तहत 50 करोड़ ्से अरधक आबादी को      मौका लमिेगा।
           हर ्साि 5 िाख रुप्े तक मुफत इिाज की ्सरवधा रमिी
                                              ु
           है। बीते 4 ्साि में ्साढ़छे तीन करोड़ ्से ज्ादा िोगों ने इ्स   n जि जीवि लमशि, देश के हि घि को िि के जरिए पािी सपिाई से
           ्ोजना में अपना मुफत इिाज करा्ा है। ्ह वो आबादी     जोड़ िहा है।  लसफ्फ तीि साि में ही इस लमशि िे 6 किोड़ से जर्ादा घिरों
                                   ु
           है, जो िंबे ्सम् तक सवासर् ्सरवधाओं ्से दूर थी।    को पािी के किेकशि से जोड़ा है।  र्े समावेलशता आज देश के सामानर्
                                                              मािवी का जीवि आसाि कि िही है।
            3 करोड़ प्के घर                                  n सवालमतव र्ोजिा के माधर्म से देश के ग्ामीण क्त्रों में घिरों औि इमाितरों
                                                                                             े
            बनाए देशभर में                                    की मैलपंग का काम बड़े पैमािे पि चि िहा है। अभी तक भाित के डेढ़
                                                              िाख गांवरों में र्े काम हम ड्ोि की मदद से कि चुके हैं।  80 िाख से
           बीते 8 ्साि में भारत ने गरीबों को 3 करोड़           जर्ादा िोगरों के प्रॉपटशी काड्ट बिाए जा चुके हैं।
           प्के घर बनाकर रदए हैं। दुरन्ा में कई देशों की आबादी
           भी इतनी नहीं है। रासते में ्सड़ जाने वािी खाद् र्सि   n हमािी सिकाि िे ऐसे डेढ़ हजाि कािमूिरों को खतम कि लदर्ा है, जो िोगरों
           अब रक्सान रेि और कृरर उड़ान जै्सी ्ोजनाओं ्से उन    के जीवि में अिावशर्क रूप से दखि दे िहे ्े। 30 हजाि से जर्ादा
                                                                                                    टू
           इिाकों तक पहुंच पा रही है, रज्सके बारे में रक्सान कभी   ऐसे अिुपाििरों को भी कम कि लदर्ा है, जो ईज ऑफ डइंग लबजिेस
           ्सोच भी नहीं पाते थे।                              औि ईज ऑफ लिलवंग में बा्धा बिे हुए ्े।


         संकलप कली तट्वलीि लोगों के सामने िखली। उनहोंने कहा, “नप्ले   वाले 25 सालों का खाका तैराि कि िहा है। हमािा नलीनत ननमायाण
         आ्ठ वषषों में भाित ने समावेशली नवकास के नलए नजस गनत के साथ     जनता कली नबज पि आधारित है। हम जरादा से जरादा लोगों को
         औि नजस ट्ति पि काम नकरा है, वैसा उदाहिण दुननरा में कहीं भली   सुनते हैं। उनकली आवशरकता औि उनकली आकांक्ा को समझते हैं।
         नहीं नमलता। आज का भाित बाधर होकि सुधाि के कदम उ्ठाने   इसनलए हमने नलीनत को लोकलुभावन भावनाओं के दबाव में नहीं
         कली बजार द्रढ़ नवशवास विािा सुधाि के कदम उ्ठा िहा है औि आने   आने नदरा।'' n





          46  न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 अगस्त 2022
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