Page 18 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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आिरण करा कौशल भारि, कुशल भारि
ऐसे समझें ससकल,
री-ससकल, अप-ससकल
के ‘मोदी मंत्र’ को
आज के दौर में द्बजनस और बाजार इतनी तजी सरे बदलतरे हैं द्क खुद को
रे
रे
प्रासंद्गक बनाए रखना बड़ी िुनौती द्दखनरे लगती है। कोद्वड के बाद ्यह
और भी महतवपूण्द हो ग्या है। लरेद्कन प्रधानमंत्री मोदी के शबदों में इसका
एक ही उपा्य है, “प्रासंद्गक (Relevant) रहनरे का मंत्र है- कसकल, री-
कसकल और अप-कसकल। कसकल का अथ्द है, आप कोई न्या हुनर सीखें।
आज के युवा, द्जनका जनम जैसरे द्क आपनरे लकड़ी के एक टुकड़े सरे कुसमी बनाना सीखा, तो ्यरे आपका
21वीं सदी में हुआ है, रारत की आजादी हुनर हुआ। आपनरे लकड़ी के उस टुकड़े की कीमत भी बढ़ा दी। लरेद्कन
रे
के 100वें वर््भ तक रारत की द्वकास ्यरे कीमत बनी रह, इसके द्लए नए द्डजाइन, नई सटाइल, ्यानी रोज कुछ
न्या जोड़ना पड़ता है। उसके द्लए न्या सीखतरे रहना पड़ता है। और कुछ
यात्ा को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। इसद्लए न्या सीखतरे रहनरे का मतलब है री-कसकल। और हमारी जो कसकल है,
रे
इस नई युवा पीढ़ी के युवाओं का कौशल उसका और द्वसतार करना, जैसरे छोटे-मोटे फनमीिर बनात- बनातरे आप
रे
द्वकास एक राष्ट्रीय आवशयकता है। यह और भी िीजें सीखतरे गए, पूरा का पूरा ऑद्फस द्डजाइन करनरे लग, तो
वो हो ग्या अप-कसकल। कसकल, री-कसकल और अप-कसकल का ्यरे मंत्र
आतमद्नर्भर रारत की आधारद्शला है। जानना, समझना, और इसका पालन करना, हम सभी के जीवन में बहुत
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी महतवपूण्द है।”
नजसे लगने लगा था नक 12वीं किने के बाद उसकली नजंदगली रूं काल में प्रनशक्ण महाननदेशालर के ननददेश पि तैराि नकए गए
हली बबायाद हो जाएगली। लेनकन प्रधानमंत्रली कौशल नवकास केंद् ऑनलाइन लननांग मॉड्ल से संभव हो सका। इसका लाभ
ू
उसके जलीवन में आशा कली नई नकिण बनकि आरा। प्रनशक्ण आईटलीआई में पढ़ने वाले 17-18 लाख छात्र-छात्राओं को
किते हुए हली उसे अहसास हो गरा नक वह भली जलीवन में कुछ नमला है।
कि सकता है। िाजट्थान के श्लीगंगानगि के िनवद् शमाया कहते आतमनवशवास औि आतमननभयािता के ऐसली हली भाव आज
ं
हैं, “कौशल नवकास केंद् आने से पहले मैंने कंपरूटि को हाथ कौशल प्रनशक्ण पाकि िोजगाि-ट्विोजगाि से जुड़ने वाले
तक नहीं लगारा था औि अपने हुनि के बािे में भली कुछ पता किोड़ों रुवाओं के चेहिों पि मुट्कान बन कि उभिे हैं। इसकली
नहीं था। लेनकन अब मुझे औि मेिे हुनि को पहचान नमलली वजह है नक भाित कली औद्ोनगक प्रगनत औि ननिंति बदलते
है।” कौशल नवकास कली गनत कोनवि काल में भली केंद् सिकाि परिवेश को धरान में िखकि कौशल नवकास के नवनभन्न क्ेत्रों
ने थमने नहीं दली। कोनवि काल में जब सबकुछ ्ठहि गरा में कौशल को गनत औि गुणवत्ता प्रदान कली गई है। भाित
था औि कौशल नवकास केंद्ों पि प्रनशक्ण देना चुनौतली बन को आतमननभयाि बनाना एक सपना नहीं, संकलप है हिेक
गई थली। तब केंद् सिकाि के ऑनलाइन प्रनशक्ण वरवट्था ने भाितवासली का। देश को कौशल कली िाजधानली बनाने के लक्र
हमािली नजंदगली आसान कि दली। नोएिा के आईटलीआई में पढ़ने के नलए आतमननभयाि भाित कली नींव 7 साल पहले िखली गई थली।
ें
वालली ककृनतका शमाया हि चुनौतली से पाि कि अपने प्रनशक्ण के भाित को कौशल का हब बनाने के प्रधानमंत्रली निद् मोदली के
सुचारू रूप से चलने से बेहद खुश हैं। इसकली शुरुआत कोनवि नवजन को पूिा किने के नलए इन वषषों में कई अनोखे प्ररास
16 न्यू इंनि्ा समाचार 1-15 जुलाई 2022