Page 21 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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ऐसे सिझा अंतर ज्ान
और कौशल का…फिर
बढ़ते गए कदि
दादा धमा्णजधकारी जी ने एक जकताब में जलखा है। कोई नौजवान
उनके पास जकसी पररजचत के द्ारा नौकरी के जलए आया। वो चाहता ्ा
जक धमा्णजधकारी जी कुछ जसफाररर् करें, तो कहीं काम जमल जाए। दादा
धमा्णजधकारी जी ने उसको पूछा जक तुमहें ्या आता है, तो उसने कहा जक
मैं ग्जुएट हूं। उनहोंने दोबारा पूछा- तुमहें ्या आता है ? उसने दोबारा
े
कहा-मैं ग्जुएट हूं। तीसरी बार पूछा-भाई तुमहें आता ्या है? उसने
े
जफर बोला-मैं ग्जुएट हूं। तब धमा्णजधकारी जी ने पूछा जक तुमहें
े
टाइजपंग आती है ्या? तो बोला- नहीं। खाना पकाना आता है?
बोला- नहीं। फनशीचर बनाना आता है? बोला- नहीं। चाय-नाशता
े
बनाना आता है? जफर वह बोला- जी नहीं, मैं तो ग्जुएट हूं। यानी
जर्क्ा के जररए कई बार ज्ान का ऐसा खजाना भर जदया जाता
है जो वयावहाररक जीवन में सामंजसय नहीं जबठा पाता। सवामी
जववेकानंद को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी
बताते हैं जक ज्ान और कौर्ल में अंतर है, जजसे सवामी
जववेकानंद ने उसी समय समझ जलया ्ा। वे बताते हैं जक
आज जवशव में या तो सजट्टजफकेट का महतव है या हुनर
का। इसी बात को धयान में रखकर केंद्र सरकार ने
‘कौर्ल जवकास’ पर जोर जदया है।
नशलप से जुड़े लोगों के नलए बहुत बड़ा पवया है। लेनकन गुलामली
के लंबे कालखंि में कौशल नवकास कली वरवट्था सामानजक
औि शैक्नणक वरवट्था में धलीिे-धलीिे कमजोि पड़तली गई।
नशक्ा-ज्ञान अगि हमें जानकािली देतली है नक हमें करा किना कमाने के सा्-सा् हमेशा सीिते रहना
है तो कौशल रह नसखाता है नक वो काम वाट्तनवक रूप में चाद्हये। केवल कुशल वयसकत ही आज की
कैसे होगा। देश का ‘स्ट्कल इंनिरा नमशन’ इसली सच्चाई के दद्नया में आगे बढ़ सकता है। यह लोगों
ु
साथ कदम से कदम नमलाने का अनभरान है। आज दुननरा में और देशों, दोनों पर लागमू होता है। रारत
कौशल कली मांग है औि जो कौशल से लैस होगा वहली प्रगनत
ु
किेगा। रह बात वरस्कतरों औि िाषरि दोनों पि लागू होतली है। दद्नया के द्लए एक हुनरमंद और कुशल
े
दुननरा के नलए भाित कौशल के क्त्र में नेतृतवकताया बन सके, श्म-शसकत प्रदान कर सके, ये हमार े
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रहली 'कौशल' कली िणनलीनत का मूल बना है। इसली को धरान में नौजवानों की ससकद्लंग रणनीद्त के मल
िखते हुए केंद् सिकाि ने कुशल लोगों कली नवशव में जरूित के में होना चाद्हए। द्हतधारकों को लगातार
आधाि पि मैनपंग कली नई पहल कली है। इतना हली नहीं, भाित ‘ससकल', ‘री-ससकल’ और ‘अपससकल’
अगि कोनवि महामािली से अपनली लड़ाई को इतनली मजबूतली से करते रहना चाद्हये।
लड़ सका है तो उसका कािण भली देश में बलीते कुछ वषषों में
- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
न्यू इंडि्ा समाचार 1-15 जुलाई 2022 19