Page 13 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
P. 13
आवरण कथा
जन-जन की िक्त,
दयेि की प्रगहत
संकलप से षसषद्ध: उममीदें हो रहीं साकार लाख रुपरे तक के दयु्याटना औि जलीवन बलीमा, किोड़ों भाितलीरों को 60
यु
ें
ं
जब 2014 में प्रधानमत्रली के तौि पि निद्र मोदली ने कमान संभालली तब वषया कली आर के बाद एक ननस्शचत पेंशन कली वरवट्था नमलली। आम जन
यु
देश में केवल 300-400 ट्टाट्टअप हआ किते थे। इस शबद कली चचाया भली को अपना पकका ्ि, शौचालर, िसोई गैस, नबजलली, पानली का कनेकशन,
यु
े
नहीं होतली थली, लनकन केवल 8 वषथों में हली भाित में ट्टाट्टअप कली दयुननरा बैंक में खाता, ऐसली सयुनवधाओं से लैस कि नवकास कली मखरधािा का सािथली
यु
यु
बदल चकली है। भाित आज दननरा का तलीसिा सबसे बड़ा ट्टाट्टअप ईको- बनारा गरा। देश में किलीब 80 प्रनतशत छोटे नकसानों कली आजादली के बाद
यु
नसट्टम बन गरा है औि अब रूननकॉनया हब बनने कली ओि अग्सि है। पहलली बाि इस तिह से सध लली गई औि खेतली-नकसानली के हि चिण में
यु
आज भाित का रवा हि 8-10 नदन में एक नरा रूननकॉनया बना िहा है। सिकाि उसके साथ खड़ली नदख िहली है। साथ हली मछुआिों, िेहड़ली-पटिली वालों
यु
यु
यु
रे भाित के रवाओं का साम्थरया है, सफलता कली नई ऊंचाई प्रापत किन े कली सहारता सननस्शचत हई।
कली इचछाशस्कत का उदाहिण है। आज भाित जली-20 देशों में सबसे तेजली अंधेरा छ्ा, सूरज षनकला…
से बढ़ने वालली अथयावरवट्था है। भाित ट्माट्टफोन िाटा खपत में दननरा में आज भाित न नसफ्क नरा सविा देख िहा है, बस्लक नई सदली के नए दशक में
यु
े
ं
दूसिे नंबि पि है। गलोबल रिटेल इिकस में दूसिे पारदान पि है तो ऊजाया नई उममलीदें भली उफान भिने को तराि है। इसकली वजह है नक 2014 म दश
े
ें
े
ै
उपभोकता के रूप में दननरा में तलीसिा बड़ा देश है। दयुननरा का तलीसिा कली सत्ता हली नहीं, देश का मूि भली बदला। 130 किोड़ देशवानसरों का बदला
यु
सबसे बड़ा उपभोकता बाजाि भाित में है। भाित ने बलीते नवत्तलीर वषया में नमजाज हली नए भाित कली नींव तैराि किने में सहारक सानबत हआ है। आ्ठ
यु
417 नबनलरन िॉलि रानली 30 लाख किोड़ रुपए से जरादा का मकिाइज वषया पहले भाित कली तट्वलीि ऐसली थली मानो नसट्टम ्ठप है, नकािातमकता
कें
एकसपोट्ट किके नरा रिकॉि्ट बनारा है। भाित आज अपने इंफ्ाट्रिकचि का ्िा बढ़ िहा था। भ्रषटाचाि, आंतरिक सयुिक्ा, आतंकवाद, नकसानों से
े
को आधयुननक बनाने के नलए नजतना ननवेश कि िहा है, उतना पहले कभली जड़ली कई समट्राओं का अंत होता नहीं नदख िहा था। ऐसे में 2014 का
यु
नहीं हआ है। भाित का सबसे अनधक जोि आज जलीवन औि कािोबािली आम चनाव ननिाशावाद बनाम आशावाद का प्रतलीक बना औि भाित कली
यु
यु
ं
सगमता पि भली है। प्रधानमत्रली मोदली ने हाल हली में गयुजिात के भरूच में एक जनता को भली नई भोि का अहसास हआ। ‘लोकतंत्र’ से ‘लोक’ जड़ा औि
यु
यु
यु
यु
यु
या
कारक्रम में कहा, “जबसे आपने मझे गजिात से नदललली कली सेवा के नलए नौकिशाहली को सहली मारने में लोकसेवक बना प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली ने खद
यु
भेजा, देश कली सेवा के नलए भेजा, अब उसको भली 8 वषया हो जाएंगे। 8 वषया को ‘प्रधान सेवक’ बनारा। न खाऊंगा औि न खाने दूंगा को शासन का
सेवा, सशासन औि गिलीब कलराण को समनपयात िहे हैं।” ऐसा मंत्र बनारा नजस पि चलने के नलए खद 16 से 18 ्ंटे काम किते
यु
यु
यु
जनकलयाण और गरीब को गररमा हए नमसाल पेश कली। अंतरोदर के उद्शर को साकाि किने औि समाज
े
ै
भाितवषया का साम्थरया देश के एक-एक नागरिक कली शस्कत में समानहत ह। के अंनतम छोि पि बै्ठे वरस्कत को सिकाि कली रोजनाओं औि पहल का
यु
इसली सोच के साथ रोजनाओं को न केवल तराि नकरा गरा, बस्लक उसकली लाभ नमले रह सननस्शचत किने के नलए प्रधानमंत्रली मोदली ने ट्पलीि औि
ै
निनलविली भली सयुननस्शचत कली गई। इसनलए जब नकसली भली रोजना में शत ट्केल पि काम नकरा है। 'अंधेिा छटेगा, सूिज ननकलेगा',… भाित ित्न से
प्रनतशत रानली 100 प्रनतशत लक्र हानसल होता है तो इसका मतलब होता सममाननत देश के पूवया प्रधानमंत्रली अटल नबहािली वाजपेरली का किलीब चाि
यु
है – शासन, प्रशासन, संवेदनशलील हैं। जन-जन के सख-दख का साथली दशक पहले नकरा गरा उद्ोष 21वीं सदली के नए भाित का संकलप
यु
ू
यु
है। आज जब सिकाि के आ्ठ साल पिे हए हैं तो उसमें एक भिोसा होता बना जो अब साकाि होता नदख िहा है।
है जो एक नए संकलप के साथ, नई ऊजाया के साथ आगे बढ़ने को उतसानहत ऐसे में जब हम भाित के लोग बलीते 8 वषथों में भाित में नरा सवेिा
ं
किता है। अब प्रधानमत्रली मोदली का सपना है- सैचयुिेशन रानली शत-प्रनतशत देख िहे हैं तो 21वीं सदली कली नई उममलीदों को पूिा किने में भली देश कली
लक्र कली तिफ आगे बढ़ना। जब 2014 में निद्र मोदली प्रधानमत्रली बने तब जनता के अटल इिादे आवशरक हैं। बलीते आ्ठ वषया में भाित ने एक
ं
ें
देश कली किलीब-किलीब आधली आबादली शौचालर कली सयुनवधा से, टलीकाकिण पड़ाव हानसल नकरा है, लेनकन रह मंनजल नहीं है। नए भाित का लक्र
कली सयुनवधा से, नबजलली कनेकशन कली सयुनवधा से, बैंक अकाउंट कली सयुनवधा सामने है। रे सािली बातें नकसली भली भाितलीर को गवया से भि देंगली करोंनक
ं
े
से वनचत थली। लनकन इन वषथों में केंद्र सिकाि ने अनेक रोजनाओं को शत रे सािे प्ररास रह नवशवास जगाते हैं नक सफलतापूवयाक आगे बढ़ िहली
प्रनतशत सैचयुिेशन के किलीब किलीब पहंचा नदरा है। शत-प्रनतशत लाभानथयारों भाित कली प्रगनत कली कहानली अमृत काल के संकलप को साकाि किने
यु
कली कविेज रानली हि मत, हि पंथ हि वगया को एक समान रूप से सबका के नलए एक नई ऊजाया के साथ आगे बढ़ेगली। रे समर आजादली के अमृत
टू
साथ, सबका नवकास औि हि रोजना से कोई छटे ना, कोई पलीछे ना िहे। महोतसव का है। भाित जो आज किेगा, उससे नए भाित का भनवषर
सामानजक सयुिक्ा, जनकलराण औि गिलीब को गरिमा देने का अनभरान जब औि िाषरि कली नदशा तर होगली।
यु
शरू हयुआ तो िाषरि कली सोच का दारिा भली बढ़ा। 50 किोड़ से अनधक आइए, आगे जानते हैं िक 14 षिेत्रों में वगगीकृत योजनाएं कैसे
देशवानसरों को 5 लाख रुपरे तक के मफत इलाज, किोड़ों लोगों को 4 िवकास को नई गित देकर राष्ट्र को समृिधि की ओर ले जा रही हैं...
यु
न्यू इंडि्ा समाचार | 1-15 जयून 2022 11