Page 11 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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आवरण कथा
                                                                                    जन-जन की िक्त,
                                                                                    दयेि की प्रगहत







                        उम्ीदों को साकार करती कहानी           ओडडशा क सुदूर िगडाई गांव क ववजय,
                                                                        े
                                                                                             े
                           े
                                                   े
                                                                                        े
                                                                                                ं
         राष्टीय राजधानी क्त्र िें नोएडा सेक्टर- 16 क पास     प्रवतिा और दश्भनी राउत क मलए इडडया
                                                        ैं
                                            ै
            एक बतिी िें रहने वालीं गुड्ी की ह जो कहती ह,      पोस्ट पेिेंटस बैंक तो िानो वरदान बन गई
                                                                ै
                                   ैं
         “पतत और मैं, दोनों मजदूर ह। घरों से कचरा उठाकर       ह। पहल पैसे की जिा या मनकासी क मलए
                                                                      े
                                                                                                  े
             जो पैसा शमलता ह उसी से रोटी पानी चलता ह।         20 वकिी दूर जाना पडता था। प्रवतिा कहती
                              ै
                                                       ै
                                                                       े
                                      ु
         कोरोना क लॉकडाउन में सबकछ बंद था। आय का              हैं “पहल एक ददन काम बंद करक घर क
                                                                                               े
                                                                                                     े
                   े
           कोई साधन नहीं ददख रहा था, तभी मैंने सुना कक        बच्-बुजुगगों को अकला छोड़कर बैंक जाना
                                                                                  े
                                                                   े
           जनधन क जो बैंक खाते मोदी जी ने खुलवाए थे,          पड़ता था।” लककन गांव-गांव में पोस्ट
                                                                            े
                     े
                          ैं
          उसमें पैसे आए ह। उस दौरान तीन बार 500-500           पेमेंटस बैंक की सुकवधा ने शजंदगी ककस
         रुपये आए शजससे बड़ी राहत शमली। ऊपर से राशन            तरह बदल दी ह उसक बारे में दशथ्यनी कहती
                                                                                  े
                                                                             ै
                                                                         े
                                                                ैं
           भी मुफ्त मेें शमलने लगा। अगर यह नहीं शमलता         ह, “बैंकों क चक्कर  लगाने की दौड़ ही अब
                                                                            ै
                 तो क्ा करती, बच्ों का पेट कसे भरती।”         खत्म हो गई ह।”
                                             ै
                     हवकास ््ा िोता िै, दुख दद्भ ््ा िोत िैं, गरीबी ््ा िोती िै, मुसीबतें ््ा
                                                            ये
                    िोती िैं, उनको बिुत हनक्ट स अनुभव हक्ा िै और वो िी अनुभव िै हजसको
                                                  ये
                        ये
                      लकर आज पर दयेि के हलए, दयेि के करोडों–करोड नागररकों के हलए, एक
                                     ये
                                    यू
                     पररवार के सदस् के रूप में काम कर रिा ियूं। सरकार का हनरंतर प्र्ास रिा िै
                                                         ये
                     हक गरीब कल्ाण की ्ोजनाओं स कोई भी लाभाथगी जो भी उसका िकदार
                             िै, वो िकदार छु्टना निीं चाहिए।   – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी


























                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार |  1-15 जयून 2022  9 9
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