Page 36 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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आवरण कथा
सवासर् और
स व स ्
मिामारी प्रबंधन
सवस्
होगा भारत तो
सश ्त
सश्त
होगा देश
सफलता और समृहधि का आधार िै सवासर्। हफर वो प्रगहत
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चािये एक व्क्त स जुडी िो, पररवार ्ा समाज स जुडी
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िो, ्ा पर राष्ट्र स जुडी िो उसकी बुहन्ाद सवासर् पर िी
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ह्टकी िोती िै। ्िी कारण िै हक 8 वर्षों में सवासर् क्येत् केंद्र
सरकार की सववोच्च प्राथहमकता में िाहमल रिा िै। कोहवि
जैसी मिामारी के बीच सवासर् क्येत् स जुडे इंफ्ासट्र्चर को
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बलॉक सतर स सुधारन की नई िुरुआत िुई िै।
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पीएमजय-आयुष्मान भारत हेलथ एि विनेस सेंटर और
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ई-संजीवनी ओपीिी
आयष्मान भारत के तहत
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23 लसतंबर इस ्योजना के 2018 में हेलथ एंड वेलनेस
2018 को शुरू की गई तहत 141 ऐसे medical सें्र खोलने की शुरुआत हुई
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आ्यष्मान रारत ्योजना का procedures शालमि लकए थी। अब तक 1.18 लाख ऐस े
उद्श्य 10.74 करोड़ पररवारों को गए हैं, जो लसफ्फ मलहिाओं के सें्र खोले जा चुके हैं। इनमें
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प्रलत पररवार एक वष्घ में 5 िाख लिए हैं। अकटबर 2019 से लसतंबर 1.02 करोड़ वेलनेस सरि हुए
रुप्ये तक लन:शुलक इिाज 2021 तक इस ्योजना का िार और 85.63 करोड़ बार लोग
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की सलवधा देना है। पाने वािों में 46.7 प्रलतशत आए। षदसंबर 2022 तक इन
मलहिाएं हैं। केंद्रों की संखया 1.58 लाख
3.28 करोड़ स े पहंचाने का लक्य।
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अलधक िोग लन:शुलक …
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उपचार की सलवधा िे चुके हैं। 2020 में शुरू ्षलमषडषसन
इस ्योजना से करीब 27,300 सेवा ई-संजीवनी से 1 लाख
अब तक करीब 18 करोड़ लनजी एवं सरकारी अस्पताि से जयादा हेलथ एंड वेलनेस
िारालथ्घ्यों को आ्युष्मान जड़ हुए हैं। सें्र को जोड़ा जा चुका है।
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काि्ड मुह्या कराए गए ई-संजीवनी से देश भर में
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हैं। रिषतषदन लगभग 90,000
रोषगयों को इलाज मुहैया
कराया जा रहा है।
34 न्यू इंडि्ा समाचार | 1-15 जन 2022
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