Page 41 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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आवरण कथा
                                                                                      पयूववोत्र के हवकास
                                                                                      को गहत






                   नवकास की ओर भारत की






                          ‘अष्टलक्मी’


















                                                                    ं
                                                                                                   ये
           नवमबर 2014 की िुरूआत में, मयेराल् में पिली ्ात्ी ट्रेन को िरी झिी हदखातये िुए प्रधानमंत्ी नरयेनद्र मोदी न भारत के
                                                                                 यू
            पयूववोत्र क्येत् के 8 राज्ों को ‘अष््टलक्मी’ राज् का नाम हद्ा था। प्रधानमंत्ी नये मिसस हक्ा हक अरुणाचल प्रदयेि,
                                                                                             ैं
          असम, महणपुर, मयेराल्, हमजोरम, नागालैंि, हसक्कम और हत्पुरा में हवकास की अपार संभावनाएं ि और इससये भारत
           के अन् हिससों को हवकहसत करनये में भी मदद हमल सकती िै। इसके साथ िी पयूववोत्र में िुरु िुई हवकास की नई इबारत।
           सभी मंत्ाल्ों की केंद्री् ्ोजनाओं में अब 10 फीसदी बज्ट पयूववोत्र के हलए खच्भ करना अहनवा््भ िै। केंद्री् महत््ों
                                                                                                      ं
           का पयूववोत्र में प्रवास अहनवा््भ हक्ा ग्ा। इन राज्ों में िाहत का्म करना करन के साथ राज्ों के बीच हववाद खतम
                                                           ं
                                                                             ये
              ये
                                                                                       कृ
                                                                                ये
                                                    ये
                                             ै
          करन को प्राथहमकता दी गई िै। साथ िी, जहवक खती, इंफ्ासट्र्चर को बढ़ावा और खल, संसकहत के साथ-साथ प््भ्टन
            को बढ़ावा हद्ा जा रिा िै, ताहक पयूववोत्र हवकास के पथ पर िो सके अग्रसर और बन सके दयेि के हवकास का इंजन...
        बोडो समझौते पर हसताक्षर – 50 साल से अजधक समय से रल रहे
        बोर्ो संक् को समापत करने के जलए वयापक समझौता।            राजयों से अफ्पा डकिया किि
        ब् (ररयांग) शरणाथथी संक्ट का समाधान -  केंद् सरकार ने जमिोरम   िाल में नगालैंि, असम और महणपुर में
         ू
                                                                                                 ये
        और जत्रपुरा के साथ जत्रपक्ीय समझौते के साथ दो दशक पुराने रिू   अफसपा के तित अिांत क्येत् कम करन का
        (ररयांर्) शरराथजी संक् का समाधान जनकाला। जत्रपुरा को रिू (ररयांर्)   काम हक्ा ग्ा िै। असम में 1990 स अफसपा
                                                                                                ये
        शरराजथ्षयों को पुनवा्षस और सवाथंर्ीर जवकास के जलए 600 करोड़   लाग था और लगातार 60 बार इसको बढ़ा्ा
                                                                    यू
        रुपये।                                                   ग्ा। प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी के 8 साल के िासन
                                                                                     ये
        एनएलएफ्टी (लत्पुरा) समझौता-  िारत सरकार, जत्रपुरा सरकार   में असम के 23 हजलों स अफसपा पयूण्भ रूप स  ये
                                                                               ये
                                                                            ये
                                                                                            ये
        और राष्ट्ीय जत्रपुरा मुशकत मोरा्ष (एनएलएफ्ी/एसर्ी) के बीर अर्सत   और एक हजल स आंहिक रूप स ि्टा हद्ा
                                                                                              ये
        2019 में जत्रपक्ीय समझौता। एनएलएफ्ी (एसर्ी) ने जहंसा का रासता   ग्ा। आज असम के 60 प्रहतित स ज्ादा
                                                                       ये
                                                                                                  ये
        छोड़ने, मुखयधारा में शाजमल होने और िारत के संजवधान का पालन   हिससये स अफसपा ि्टा हद्ा ग्ा िै। इसस पिल  ये
        करने पर सहमजत दी। परररामसवरूप 44 शसत्रों के साथ 88 कार्रों ने   हत्पुरा, मयेराल् और अरुणाचल प्रदयेि के कई
        आतमसमप्षर जकया।                                          हजलों स भी अफसपा को ि्टा्ा जा चुका िै।
                                                                        ये
        काबथी-आंगलोंग शांलत समझौता - 2021 अौर नार्ालैंर् समझौता – 2015




                                                                                    न् इंनि्ा समाचार |  1-15 जून 2022  39
                                                                                     ू
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