Page 4 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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संपादक की कलम से...





                      सादर नमसकार।
                                                        े
                                                                       ये
                                            ्था ह्येकेन चक्ण न रथस् गहतभ्भवत्।
                                                      ये
                                            एवं पुरुर्कारण हवना दैवं न हसध्हत।।

                                                      ये
                                                                          ये
                    संसककृत के इस शलोक में किा ग्ा िै हक जैस रथ (गाडी) एक पहि्ये स निीं चल सकता, वैस िी हबना
                                                                                          ये
                                         ये
                    पररश्रम के भाग् फल निीं दता। ्िी बात राष्ट्र की प्रगहत में भी लाग िोती िै। सरकार की सोच के साथ
                                                                       यू
                                                         ये
                    जन सामर््भ की सोच जुडती िै,तभी कोई राष्ट्र तज गहत के साथ समृहधि की ओर बढ़ता िै। प्रधानमंत्ी
                    नरेंद्र मोदी सदैव इस बात को कित आए िैं हक भारतवर््भ का सामर््भ दयेि के एक-एक नागररक की िक्त
                                              ये
                                                               ये
                    में समाहित िै। ्िी कारण िै हक प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी न सत्ा को साध् बनाकर सुिासन में भारत के
                    समसत जन सामर््भ को इस तरि जोडा हक केंद्र सरकार की िर ्ोजना, नीहत, हमिन और का््भक्मों में
                                                                             ये
                    जन-जन भागीदार बन चुका िै। गांव, गरीब, आहदवाहस्ों को सि्त करन वाला एक बडा अहभ्ान
                                                                        ये
                                                                            ये
                    दयेि में चला्ा ग्ा। आज अगर सरकार की ्ोजनाएं जमीन पर तजी स पिुंच रिी िैं तो इसके पीछे
                    सरकार के कामकाज में आ्ा पररवत्भन िै।
                                                                          ये
                        ये
                                                                                 ये
                      ‘सवा, सुिासन और गरीब कल्ाण’ की अपनी सोच को साकार करत िुए बीत 8 वर्षों में केंद्र सरकार
                     ये
                    न जिां एक ओर कई ऐहतिाहसक हनण्भ् राष्ट्र हित में हलए, विीं अंत्ोद् के लक्् की प्राक्त की ओर
                    अग्रसर िोत िुए दयेि हवकास की नई ऊंचाई्ों को छू रिा िै। हवहभन्न अंतरराष्ट्री् एजेंहस्ों न भी इस
                             ये
                                                                                           ये
                                                                       ये
                                                  ये
                    बात को माना िै हक प्रधानमंत्ी मोदी के नतृतव में भारत ररकॉि्ड गहत स गरीबी को खतम कर रिा िै। इसका
                    श्रये् केंद्र सरकार द्ारा गरीबों के हित को ध्ान में रखत िुए हलए गए हवहभन्न फैसलों को जाता िै।
                                                             ये
                                     ये
                           ये
                      हपछल अंक में िमन आपको बता्ा था हक हकस तरि केंद्र सरकार लगभग िर चौथ हदन एक नई ्ा
                                                                                     ये
                                                        ये
                    पयूव्भ की ्ोजनाओं में व्ापक सुधार के साथ लकर आई, ताहक उसका ित-प्रहतित लाभ उस व्क्त
                                                                                ये
                    तक पिुंच सके जो उसका िकदार िै। अब 30 मई को जब केंद्र सरकार न अपन 8 वर््भ पर हकए िैं, तब
                                                                                       यू
                                                                                        ये
                                                                           ये
                    हकस तरि 14 क्त्ों में वगगीकत सैकडों ्ोजनाओं की गहत न राष्ट्र की प्रगहत को नई हदिा दी िै, उस  ये
                                          कृ
                                 ये
                                                                   ये
                    इस अंक में आवरण कथा बना्ा ग्ा िै। इसी कडी में न्यू इंहि्ा समाचार आन वाल अंक में आपको
                                                                                 ये
                                                                                     ये
                                                                              ये
                    बताएगा हक हकस तरि िाल िी में प्रधानमंत्ी की ्यूरोप, नपाल, जापान जैस दयेिों की ्ात्ा भारत की
                                                                ये
                    दुहन्ा में 2014 स बढ़ती साख को मजबत भरोस में बदल रिी िै और दयेि-दुहन्ा में भारत का मान-
                                  ये
                                                    यू
                                                          ये
                    सममान बढ़ा िै।
                      साथ िी, हवशव प्ा्भवरण हदवस के मौके पर िररत जीवनिैली के हलए केंद्र सरकार के प्र्ास,
                    व्क्ततव, अमृत मिोतसव, नई राष्ट्री् हिक्ा नीहत की प्रगहत की समीक्ा, समीकंि््टर हचप हनमा्भण
                                                                               ये
                    का िब बनन की ओर अग्रसर भारत की किानी इस अंक में िाहमल िैं।
                              ये
                                             ये
                      आप अपना सुझाव िमें भजत रिें।
                                          ये
                   हिदी, अग्जी व अन्य 11 भाषाओं म उपलब्ध
                     ं
                                                ें
                           रे
                          ं
                   पहरिका पढ़/डाउनलोड कर।                                      (जयदीप भटनागर)
                            ें
                                         ें
                   https://newindiasamachar.pib.gov.in/news.aspx
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