Page 60 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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देश अमृत महोतसव
मालगुजारी बंद कर पाड्यगारों
ने दी आिीनता को चुनाैती
अं भाित में पाड्यगािों ने भली आंदोलन कि अंग्जों को कड़ली टककि 1801 से िेकर 1805 तक चिे इस
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ग्जों के नखलाफ 1857 में प्रथम ट्वतंत्रता संग्ाम से पूवया दनक्ण
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दली थली। 1801 से लेकि 1805 तक चले इस आंदोलन का नेतृतव आंदोिन का नेतृतव कट्टबोम ना्यकन
नामक पाड्यगार ने लक्या था और इसका
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कट्बोम नारकन नामक पाड्यगाि ने नकरा था। इसका प्रमख केंद्र
तनमलनािु था। दिअसल, पाड्यगाि दनक्ण में नकलों के अनधपनत को प्रमुख केंद्र तलमिनािु था।
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कहा जाता है। पाड्यगािों ने अंग्जों कली दमनकािली नलीनतरों को नकाि
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कि अंग्जली कंपनली कली अधलीनता ट्वलीकाि किने से मना कि नदरा। किते थे। रहली कािण है नक वह लोगों के बलीच में काफली लोकनप्रर थे
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ईट्ट इंनिरा कंपनली को मालगजािली देना भली बंद कि नदरा। मालगजािली औि अंग्जों कली आंखों में खटक िहे थे। ऐसे में अंग्जों ने इस आंदोलन
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बंद होना अंग्जों को भला कैसे बदायाशत हो सकता था। अंग्जों ने को दबाने में अपनली पूिली ताकत लगा दली औि धोखे से कट्बोम को
दमनकािली नलीनत अपनाई तो कट्बोम नारकन के नेतृतव में पाड्यगािों पकड़ नलरा। कहा जाता है नक जनता को ििाने के नलए अंग्जों ने
ने आंदोलन शरु कि नदरा। इस आंदोलन में आंदोलनकारिरों ने काफली कट्बोम नारकन को लोगों के सामने हली फांसली दे दली थली। कट्बोम
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संखरा में अंग्जों को माि नगिारा। साथ हली, उनकली संपनत्त को नकसान नारकन के नहीं िहने से रह आंदोलन कमजोि पड़ गरा औि अंग्जों
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पहंचारा। कहा जाता है नक कट्बोम नारकन एक अलग तिह ने 1806 में इसे पूिली तिह से दबा नदरा।
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के रोधिा थे, जो आम लोगों कली काफली सहारता
कर वसूली के नखलाफ आंदोलन:
बनानी पड़ी जमींदारी पुनलस
झा िखंि िाजर के पलामू में चेिो जनजानत ने जरादा कि वसूलली चेरो जनजालत ने ज्यादा कर वसूिी और पट्टों
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औि पट्ों के पनः अनधग्हण के नखलाफ 1800 ई. में अंग्जों
के नखलाफ नवद्राेह नकरा था। इस नवद्रोह का नेतृतव भूखन नसंह ने के पुनः अलधग्रहण के लखिाफ 1800 ई. में
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नकरा था। कहा जाता है नक अंग्ज 1700 ई. से हली पलामू के दयुगया अंग्रेजों के लखिाफ आंदोिन लक्या था और
पि कबजा किना चाहते थे लेनकन लंबे समर तक ऐसा किना संभव इस लवद्रोह का नेतृतव रूखन लसंह ने लक्या था।
नहीं हो पारा। बाद में अंग्जों ने नकसली तिह वहां कबजा कि नलरा
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औि उसने वहां एक ऐसा शासक ननरयुकत कि नदरा जो उनके पक् उनहें 1802 में फांसली दे दली। इस नवद्रोह का दमन कनयाल जोंस विािा
का था। धलीिे-धलीिे उस िाजा के नखलाफ ट्थानलीर लोगों के मन में नकरा गरा। नवद्रोह दमन के बावजूद रहां पि असंतोष बना िहा औि
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असंतोष पनपने लगा औि 1800 में चेिो ने अंग्जों के नखलाफ खल अंग्जों को नछटपट तिलीके से चनौतली नमलतली िहली। इस नवद्रोह के
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कि नवद्रोह कि नदरा। कई साल तक चेिो नवद्रोहली अंग्जों को छकाते कािण 1809 ई. में नब्नटश सिकाि ने छोटानागपयुि में शांनत वरवट्था
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िहे। पलामू कली चेिो जनजानत पहले भली वहां अंग्जों के नखलाफ बनारे िखने के नलए जमींदािली पयुनलस बल का ग्ठन नकरा। 1814
आंदोलन कितली िहली थली, लेनकन इस बाि उनहोंने मजबूतली से मोचाया में पलामू पिगने कली नलीलामली कली आड़ में अंग्जों ने इस पि अपना
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संभाला था। अंग्जों ने इस नवद्रोह को कुचलने के हिसंभव प्ररास कबजा कि नलरा एवं शासन का दानरतव भािदेव के िाजा ्नशराम
नकए, लेनकन उसे अपेनक्त सफलता नहीं नमल पाई। ऐसे में अंग्जों नसंह को दे नदरा। अंग्जों कली इस सानजश के नखलाफ 1817 में एक
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ने इस नवद्रोह को दबाने के नलए छल-कपट एवं चालाकली का सहािा बाि नफि जनजातलीर सहरोग से नवद्रोह नकरा गरा, लेनकन इसे भली
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नलरा। आनखिकाि, भूखन नसंह को अंग्जों ने पकड़ नलरा औि दबा नदरा गरा।
58 न् इंनि्ा समाचार | 1-15 जून 2022
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