Page 61 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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देश अमृत महोतसव
मालगुजारी बंद कर पाड्यगारों दयेि के बं्टवार के दद्भ को कभी भुला्ा निीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजि स िमार लाखों
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ने दी आिीनता को चुनाैती बिनों और भाइ्ों को हवसथाहपत िोना पडा और अपनी जान तक गंवानी पडी। उन लोगों के संरर््भ
और बहलदान की ्ाद में 14 अगसत को 'हवभाजन हवभीहर्का समृहत हदवस' के तौर पर मनान का
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हनण्भ् हल्ा ग्ा िै। #PartitionHorrorsRemembranceDay का ्ि हदन िमें भदभाव,
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वैमनस् और दुभा्भवना के जिर को खतम करन के हलए न केवल प्रयेररत करगा, बकलक इसस एकता,
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सामाहजक सद्ाव और मानवी् संवदनाएं भी मजबयूत िोंगी।- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
1806 में वेललोर में
िम्ष-जानत के बंिनों से नसपानह्ों ने नक्ा ्ा अंरिेजों
मु्त ्ा फकीर आंदोलन के नखलाफ पहला नवद्ोह
ब-जब भाित के ट्वतंत्रता संग्ाम कली बात चलतली है, तब-तब 1857
बं गाल के ्मंतू मसलमानों के एक समूह ने अंग्जों के लनकन बहयुत कम लोग जानते हैं नक उससे 51 साल पहले भली भाितलीर ै
ज को आजादली कली लड़ाई का पहला ट्वतंत्रता संग्ाम माना जाता ह
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नखलाफ उस समर आंदोलन का नबगल फूका था औि
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उसके शासन को चनौतली देने का खतिा मोल नलरा था, जब ऐसा नसपानहरों का एक वैसा हली नवद्रोह हआ था। रह नवद्रोह 1806 में वेललोि
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किना कोई जोनखम मोल लेने से कम नहीं था। बावजूद इसके, में हआ था नजसने 1857 ई. कली क्रांनत में अंग्जों के दमनकािली शासन के
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फकलीिों ने अंग्जों के नखलाफ आंदोलन कली शरुआत कली औि उनह ें नखलाफ प्रनतिोध कली भावना को जगाने में बहत हली महतवपणया भनमका ननभाई
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कड़ली टककि दली। सबसे बड़ली बात रह है नक इस आंदोलन में धमया थली। वेललोि में हए नवद्रोह का तातकानलक कािण भली 1857 के संग्ाम स े
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औि जानत के बंधनों से ऊपि उ्ठ कि सभली लोगों ने फकलीिों का नमलता-जलता हली था। दिअसल, अंग्ेजों ने एक नरा ड्स कोि लागू कि
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साथ नदरा था औि आंदोलन को मजबूत किने में अहम भूनमका नदरा नजसमें नहंदओं को नतलक-टलीका लगाने औि मयुस्ट्लमों को दाढ़ली िखन े
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ननभाई। इस आंदोलन में शानमल फकलीिों में से अनधकति लोग कली इजाजत नहीं दली गई थली। इस ्टना से सेना में शानमल नहंदू औि मसलमान
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सूफली पिंपिाओं से प्रभानवत थे। फकलीि समदार, मदािली औि दोनों समयुदारों के सैननकों कली भावनाएं आहत हईं। इन परिवतयानों के नवरुधि
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बिहाना जानतरों के थे, जो मगल काल में हली बंगाल औि नबहाि आवाज उ्ठाने वाले कुछ प्रदशयानकािली सैननकों को वेललोि नकले से सेंट जॉजया
के अनेक नहट्सों में बस गए थे। नब्नटश िाजर में बंगाल का नवलर नकले भेज नदरा गरा औि अनर पि 90-90 कोड़े बिसाए गए। इन अनयुनचत
किने के बाद नविोध ट्वरूप 1776-77 ई० में मजनू शाह के औि आक्रामक परिवतयानों के साथ-साथ, नकले के अंदि असंतोष कली नकसली भली
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नेतृतव में फकलीि नवद्रोनहरों ने अंग्जली हकूमत के समथयाक ट्थानलीर आवाज को ननदयारता से दबा देने के कािण, वेललोि नवद्रोह भड़क उ्ठा। इस
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नकसानों व जमींदािों से धन कली वसूलली शरू कि दली। इस कार में ्टना के नविोध में नसपानहरों ने 1806 में नवद्रोह कि नदरा था। तनमलनाि ु
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बंगाल के प्ठानों, िाजपूतों औि सेना के पवया सैननकों ने फकलीिों को के वेललोि नकले में हए सैननकों के इस नवद्रोह में लगभग 200 अंग्ज मािे गए
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सहरोग नदरा औि कई नहनद नेताओं ने इसमें बढ़-चढ़कि नहट्सा थे रा ्ारल हए थे। रह नवद्रोह नसफ्क एक नदन का था औि रह ्टना 10
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नलरा था। बाद में चल कि इस आंदोलन के समथयाकों ने नहंसक जलाई, 1806 को ्टली थली। इस ्टना का अंग्ेजों ने क्रूिता के साथ बदला
गनतनवनधरां शरु कि दीं। अंग्जली फैस्करिरों औि सैननक साजो- नलरा औि कहा जाता है नक वहां मौजूद कई सैननकों को मौत के ्ाट उताि
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सामान के अड्ां पि हमला किने लगे। ऐसे में अंग्जों ने मजनू शाह नदरा। साथ हली अंग्जों ने कई सैननकों को पकड़ नलरा औि उनके नखलाफ
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कली गनतनवनधरों को िोकने के नलए प्ररास नकए औि कैपटन जेमस मकदमा चलारा। मकदमे के दौिान किलीब 100 आंदोलनकारिरों को फांसली
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िेनल ने एक मयु्ठभेड़ में मजनू शाह को पिानजत कि नदरा। मजन ू कली सजा दली गई थली। इस नवद्रोह को 200 साल पिा होने पि 2006 में भाित
शाह कली मृतरयु के बाद इस आंदोलन कली बागिोि नचिाग अलली शाह सिकाि ने एक िाक नटकट भली जािली नकरा था। कहा जा सकता है नक वेललोि
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ने संभालली औि उसने अपनली गनतनवनधरों का नवट्ताि बंगाल के नकले के सैननकों ने अंग्जों के अनरार के नवरुधि पहलली लड़ाई लड़ली थली औि
उत्तिली नजलों तक नकरा। इस आंदोलन का प्रभाव लंबे समर तक असंतोष के शयुरुआतली बलीजों के उगने के नलए उपजाऊ जमलीन प्रदान कली थली।
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िहा। हालानक, नब्नटश सेना ने इस आंदोलन को क्ठोितापवयाक किलीब 800 क्रांनतकारिरों कली सामनहकता वाले इस नवद्रोह ने अंग्जली सत्ता को
दबा नदरा। जड़ से तो नहला कि िख हली नदरा था। n
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न् इंनि्ा समाचार | 1-15 जून 2022 59