Page 21 - NIS - Hindi 16-30 June, 2022
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आवरण कथा      नवशव पटल पर भारत




                                                                                 धिग्ट्त रूक्न से लगभग 23000 भाितलीर
                                                                                        े
                                                                                 छात्रों कली वापसली का दृशर हाल हली में देश-
                                                                                  यु
                                                                                 दननरा ने देखा नक नकस तिह रूस हो रा
                                                                                                            ं
                                                                                 रूक्न  रा  उसके  पड़ोसली  देश,  प्रधानमत्रली
                                                                                   े
                आपकी िेनेिेशन एक तिह से                                          निद्र मोदली ने कई बाि बमबािली रूकवाकि
                                                                                   ें
              खुशनसीब है वक उसे पहले िाली                                        अपने नागरिकों को सकुशल भाित वापस
           ‘वडिवसि’ औि ‘वडपेंडेंट’ मनोविञिान                लाने में सफलता हानसल कली। रह दयुननरा में भाित कली बढतली ताकत का
                  ें
           का नुकसान नहीं उठाना पड़ा। लेवकन,                 उदाहिण है जो नवदेशों में िहने वाले भाितलीरों में भली ट्वदेश औि उसके नेतृतव
                                                                                       यु
             देश में अगि ये बदलाि आया है तो                 के प्रनत भिोसे का अहसास नदलाता है। दननरा में भाितलीर कहीं भली हों, वह
                                                            सयुिनक्त हैं तो रह अहसास बलीते कुछ वषषों में भाित सिकाि के कटनलीनतक
                                                                                                       कू
          इसका सबसे पहला क्रेवडट भी आप सभी                  प्ररासों औि िाजननरक संबंधों में आई मजबूतली कली वजह से है। दिअसल
          को िाता है, हमािे युिा को िाता है, अब             दननरा के बािे में प्रधानमत्रली मोदली के नेतृतव वालली सिकाि का नवजन पयुिानली
                                                                             ं
                                                             यु
                                                              े
            आप देवखए, उदाहिण के तौि पि विन                  बनड़रों से आजाद है। रहली वजह है नक भाित ने सदली कली सबसे बड़ली महामािली
           सेकटसथा में देश पहले अपने पैिों पि आगे           के समर में 150 से अनधक देशों कली मदद कि नवशव मानवता को कोनवि
                                                            से लड़ने का एक नरा हौसला नदरा। कोनवि के बाद के बदलते दौि में
           बढ़ने के बािे में सोचता भी नहीं था, उन            दननरा अब आतमनवशवास से भिपि भाित कली तिफ आशा भिली एक नई
                                                             यु
                                                                                   ू
          सेकटसथा में अब वहनदुसतान गलोबल लीडि               ननगाह से देख िहा है। रहली वजह है नक जली-20 से लेकि नबकस तक, कवाि
                      बनने की िाह पि है।                    से लेकि एससलीओ सनमट (शंघाई सहरोग संग्ठन) तक औि आनसरान
                                                                                                         ू
                   – निेंद्र मोदी, प्धानमंत्ी               से लेकि इट्टनया इकोनोनमक फोिम औि कॉप-26 तक, भाित कली गंज हि
                                                                                    यु
                                                                                                यु
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                                                                 ू
                                                            महतवपणया अंतििाषरिलीर फोिम में सनाई दे िहली है। सरकत िाषरि कली सयुिक्ा
                                                            परिषद कली अधरक्ता का गौिव हानसल कि भाित ने सानबत कि नदरा है नक
                                        ै
         यह कहानी एक ऐसी लड़की की ह, जो बचपन म       ें      वह बड़ली वस्शवक नजममदािली ननभाने को तराि है। नवशव का नेतृतव किने कली
                                                                            े
                                                                    ै
                                                                                       ै
                                                                                          यु
                                              रे
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           रे
                                  ुं
         खल-खल में ऐसी जगह पहच गई जहाुं स वापस              क्मता िखने वाला भाित अब अपना िाट्ता खद बनाने में रकलीन िखता है।
                                                                 ं
                                                                     ें
                                                            प्रधानमत्रली निद्र मोदली का नवजन एक ऐसे भाित के ननमायाण का है जो सशकत,
         आना िायद नामुमपकन था। वो पकसी स मदद भी
                                             रे
                                                                यु
                                                            आधननक औि आतमननभयाि हो, जो नवशव मानवता का मददगाि हो।
         नहीं माग सकती थी क्ोंपक वो न तो बोल सकती
                ुं
                                                               लेनकन नवशव मानवता में अपनली नई पहचान बनाने वाले भाित कली
         थी, ना ही सुन सकती थी। गीता शजस पापकस्ान           रह िाह इतनली आसान नहीं थली। प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली के नेतृतव में भाित
                                         रे
                                                                                       यु
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                                              रे
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           रे
         स सकिल भारत वापस लाया गया। साकपतक                  सिकाि ने नवदेश नलीनत एवं िाजननरक पहंच को एक नवशेष महतव नदरा है।
                                                                                                   यु
                                                            पिंपिागत रिशतों में नए प्राण भिना, सामरिक संबंधों को पन: तैराि किना
         भाषा में वह कहती ह, “मैं बहुत छोर्री थ्री जब भूल स  े
                           ैं
                                                                                        यु
                                                            तथा नवदेश में िहने वाले भाितलीरों तक पहंचना भाित के िाजननरक प्ररासों
                े
                                  ं
         गलत ट्न से पाककस्ान पहुच गई। समझ नहीं आ
                                                            का प्रमख नहट्सा है। बलीते 8 वषषों में भाित का मान दननरा में बढा है तो
                                                                                                 यु
                                                                 यु
         रहा था कक ककस तरर जाना ह और ट्न चल पड़्री।
                                          े
                                    ै
                                                                                                          यु
                                                            उसके पलीछे दननरा में बसे प्रतरेक भाितलीरों के मन में इस बात कली अनभूनत
                                                                     यु
         मुझमें समझ नहीं थ्री। माता-कपता की याद सबस  े      किाना िहा है नक वह अपने िाषरि के नवकास औि काम कली वजह से गौिव
         ज्ादा आत्री थ्री, जो मुझे बार-बार रुलात्री थ्री। 14   महसूस किे। जब वषया 2014 में प्रधानमंत्रली मोदली ने सतिा संभालली ताे सबसे
                                                            बड़ली चनौतली थली नक नवदेश मंत्रालर कली नलीनत, कटनलीनत, नवदेश दौिे औि
                                                                 यु
                                                                                             कू
         वर्षों तक मां बाप से दूर रह्री। जब भारत सरकार न  े
                                                            समझौते जैसली चंद औपचारिकताओं तक सलीनमत थली। नवदेश मंत्रालर कली
         म्रीरडया क जररए इस बात को जाना तब तत्ाल्रीन
                  े
                                                            नलीनत से ‘आम जन’ गारब था। जबनक नलीनत देश के नलए हो रा नवदेश के
                     ु
         कवदश मंत््री सर्मा स्वराज ने पहल की। उनक
             े
                                                 े
                                                            नलए, वह जन केंनद्रत होनली चानहए नजसका अहसास देश औि दननरा में बसे
                                                                                                     यु
         प्रयास से मैं भारत लौर पाई। भारत नजस तेज्री स  े   हि भाितलीरों को होना चानहए। इसली सोच ने नवदेश मंत्रालर कली कारशैलली
                                                                                                          या
         प्रगतत कर रहा ह, उसक नलए प्रधानमंत््री मोद्री को   को हली पूिली तिह से बदल नदरा। नवदेश मंत्रालर ने अपनली नवनशषट जन
                        ै
                             े
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                       ं
         धन्यवाद दत्री ह। भारत माता की जय, जय रहंद।”        केंनद्रत कारशैलली कली वजह से संवेदनशलील मंत्रालर के रूप में पहचान बना
                   े
                                                                            यु
                                                                   यु
                                                            लली है। शरुआत में हली दननरा में बसे भाितलीरों के नलए एक मंत्र बना नदरा
                                                                                    नयू इंनडयटा समटाचटार | 16-30 जून 2022 19
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